बुढ़ापा दूर रखने और यौवन की रक्षा के लिए अचूक उपाय- Budhapa Aur Jawani Banaye Rakhne Ka Achuk Upay

अक्सर लोग यौवन और जोश में कमी के लिए परेशान रहते है कई प्रकार की अंग्रेजी दवाइयों का सेवन भी करते है लेकिन कुछ समय तक के लिए तो फायदा मिल जाता है, लेकिन बाद में फिर वही परेशानी हो जाती है! तो आइये सीखते है इस परेशानी से कैसे निपटा जाए और इसके लिए क्या अचूक उपाय किया जाए!


Agar Stri va mahila sathi ko chute hi Shighrapatan Ho Jata Hai 

  • आवंलो के मौसम में नित्य प्रातः व्यायाम या भ्रमण के बाद दो पके पुष्ट हरे आवंलो को चबाकर खाएं और यदि इस प्रकार कच्चा आवंला न खा सकें तो उनका रस दो चम्मच और शहद दो चम्मच मिलाकर पीयें! जब आवंलो का मौसम न रहे तब सूखे आवंलो को कूट-पीसकर कपडे से छानकर बनाया गया आवंलोका चूर्ण तीन ग्राम (एक चम्मच की मात्रा से ) सोते समय रात को अंतिम वास्तु के रूप में शहद में मिलकर या पानी के संग लें!

इससे होने वाले लाभ

इस तरह तीन-चार महीनो तक प्रतिदिन आवंलो का प्रयोग करने से मनुष्य अपनी काया-पलट कर सकता है! निरंतर प्रतिदिन सेवन करने से भूख और पाचन-शक्ति बढ़ जाती है, गहरी नींद आने लगती है, सिरदर्द दूर हो जाता है, मानसिक हो जाते है, कांटी ओज और तेजविता की वृद्धि होती है ओर मनुष्य बुढ़ापे में भी जवान बना रहता है! आवंलो में रोग-निरोधक गुण होने के कारण स्वतः ही रोगों से बचाव होता है और मनुष्य सदैव निरोग रहकर लम्बी आयु प्राप्त करता है!

विशेष ध्यान रखने योग्य

  • आवंले के प्रयोग के साथ सात्विक भोजन करें! 
  • आवंला एक उच्च कोटि का रसायन है! यह रक्त में से हानिकारक और विषैले पदार्थों को निकालने और वृद्ध मनुष्य को पुनः जवान बनाने में सक्षम है! इसके नियमित सेवन से रक्त-वाहिनियाँ लचकीली बनी रहती है और उन की दीवारों की कठोरता दूर होकर रक्त का परिभ्रमण भली होने लग जाता है! रक्त-वाहिनियों में लचक बनी रहने के कारण मनुष्य का ना तो हर्दय  फेल होता है, ना ही उच्च रक्तचाप का रोग होता है और न ही रक्त का थक्का बन जाने से रुकावट के कारण मस्तिष्क की धमनिया फटने पाती है!
  • आवंलो के निरंतर सेवन से रस, रक्त, मॉस, मेद, अस्थि,  मज्जा और शुक्र इन सब धातुओ व मलीन परमाणुओं का प्रवेश हो जाता है! रक्त वाहिनियाँ बुढापे में भी लचकीली बनी रहती है, चेहरे की झुर्रियां दूर हो जाती है और मनुष्य व्यद्धावस्था में भी नवयुवक की भांति चुस्त और ताकतवर बना रहता है!

शीघ्रपतन का कारण और इसका इलाज बिना दवा के- Premature Ejaculation Best Treatment in Hindi

शीघ्रपतन की समस्या आज लगभग हर पुरुष की समस्या है, और पुरुष इस समस्या के समाधान के लिए कई प्रकार की दवाए भी लेते है! दवाइया उन्हें अक्सर कुछ समय के लिए ही मदद कर पाती है! इसका प्रमुख कारण और वजह क्या है और इससे केवल पुरुष ही प्रभावित होते है या महिलाये भी? आइये जानते है इससे जुड़े कुछ जरूरी तथ्य और समाधान...



शीघ्रपतन क्या है? What is Premature Ejaculation?

जब कोई पुरुष शारीरिक संबंधो के समय अपने चरम पर पहुचने से पहले ही लिंग पर नियंत्रण खो कर देता है और उसका शीघ्र ही वीर्यपात हो जाता है तो उसे शीघ्रपतन कहते है! ऐसा होने पर औरत और मर्द दोनों चरमोत्कर्ष और प्यार का सुख नहीं ले पाते है! और लड़के की पार्टनर असंतुष्ट रह जाती है व पुरुष को कुंठा और निराशा होने लगती है! दोनों के लिए प्यार के वो पल बुरा स्वप्न जैसे हो जाता है!
पुरुषो की सेक्स से जुडी आम समस्या है और अधिकतर लोग इससे परेशान और जूझते हुए देखे जाते है!

शीघ्रपतन क्यों होता है और इसकी प्रमुख वजह क्या है? Reason of Premature Ejaculation

अक्सर शीघ्रपतन की मुख्या वजह शारीरिक कम मानसिक ज्यादा होती है! लोगो में दोनों या दोनों में से कोई भी एक समस्या हो सकती है!
ज्यादातर अनुभवहीन और नव युवा और वयस्कों को इस समस्या से अधिक ग्रसित देखा जाता है! जो लड़के व व्यस्क सेक्स की शुरुआत कर रहे होते है उनके दिमाग में अक्सर बिस्तर पैर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने का डर अधिक होता है!

जबकि इसमे अनुभव की अधिक जरूरत होती है और युवाओ की उम्र बढ़ने के साथ साथ वो इसमे ठीक और अच्छा प्रदर्शन करने में माहिर हो जाते है! लेकिन फिर भी जरूरी नहीं की इसमे वो कामयाब होंगे ही!
क्योकि इसके पीछे मानसिक वजह भी होती है और अक्सर धार्मिक और सामाजिक प्रष्ठभूमि होती है! जहाँ सेक्स को लेकर हौवा अथवा डर होता है! जिससे युवा मानसिक रूप से उलझनों से गुजरता है! और वह बहुत तनाव, निराशा भर जाता है और अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है! शारीरिक संबंधो में बुरा अनुभव भी उसे परेशान कर सकता है!

इस समस्या का कारण युवक के लिंग के उपरी भाग का अधिक संवेदनशील होना, कोई लम्बी बीमारी अथवा लम्बे समय से किसी दवाई का सेवन, अधिकतर समय शारीरिक संबंधो के बारे में सोचना या लड़की के जनन अंगो के बारे में सोचना, कोई चोट लगना, मानसिक बिमारी, ड्रग्स, या शरीर में हार्मोन से जुडी समस्या का होना भी हो सकता है! जिसके कारण व्यक्ति में दिलचस्पी और आकर्षण का अनुभव ना होना हो सकता है!

शीघ्रपतन से बचने के लिए क्या कर सकते हैं? What is the Best Cure

अधिकतर मामलो में व्यक्ति स्खलन की समस्या से बचने लिए इस पर नियंत्रण विकसित करना सीख कर इस समस्या से निजाद पा सकता है! विश्राम, अथवा ध्यान बांट कर भी इस परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है! सबसे कारगर तरीका आपस में समन्वय और स्खलन गति में परिवर्तन के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है!

आप जैल, क्रीम, व कंडोम का प्रयोग करके भी शीघ्रपतन में कमी ला सकते है! इनसे आपको संवेदनशीलता में कमी होती है जो इस समस्या में कारगर होती है!

शीघ्रपतन दोनों पार्टनर के लिए बड़ी समस्या- Problem for Both Partners

शीघ्रपतन किसी भी लड़के और उसकी प्रेमिका, अथवा पत्नी  के लिए बहुत बड़ी समस्या व किसी बुरे सपने की तरह हैI व्यक्ति जब किसी दबाव अथवा पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने की सोच के साथ सेक्स करता है तो उसे इसमे नाकामयाबी मिलती है और उसे इसमे आनंद का अनुभव नहीं हो पता है दोनों पार्टनर्स को असंतुष्ट ही रहना पड़ता है जिससे उनमे कुंठा, बेचैनी, गुस्सा, लड़ाई झगडा होने लगता है!

पुरुष को अपने पर्त्ने के सम्मुख ग्लानी होने लगती है और वो शारीरिक संबंधो से बचने की कोशिश करने लगता है! वो अपने साथी को संतुष्ट न कर पाने और इसका भरपूर आनंद न दे पाने के कारण मानसिक रूप से परेशान और दुखी होकर भटक जाता है!

समस्या पुरुषों तक ही सीमित नहीं- Women also Face Premature Ejaculation

एक रिसर्च के अनुसार बताये गए परिणमो का कहना है की ये समस्या स्त्रियों को भी तकलीफ देती है और उन्हें भी इस समस्या से लड़ना पड़ता है! लगभग 40% महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार चरम सुख प्राप्त नहीं कर पाती है, जबकि 3 फीसदी महिलाओं ने पुरुषो की तरह शीघ्रपतन की समस्या से जूझने का दावा किया है!

विभिन्न रोगों का देसी और अचूक इलाज आयुर्वेद से- Desi Aur Achuk Ilaaj

रोग छोटा हो या बड़ा लेकिन हर मर्ज की दवा आयुर्वेद और जड़ी बूटियों में है! और जड़ी-बूटियों के इस जादुई असर को ही ध्यान में रखकर ही वैध हकीमों ने इन्हें अपनाया है और रोगग्रस्त व्यक्तियों को ठीक भी किया है! ये कम खर्चीला, कम जोखिम भरा और आसानी से सर्व सुलभ होता है!


गले का संक्रमण-Throat Pain and Ellergy

गले के संक्रमण से अक्सर लोग परेशान रहते है इससे राहत पाने के लिए मुलहटी के चूर्ण को पान (ताम्बुल) (Take Mulahti Churn and keep it in between Pan leaf) के पत्ते में रखें और फिर दांतों के नीचे दबाकर रखे और धीरे-धीरे चूसते रहें!ऐसा करने से जल्द ही गले के संक्रमण में आपको आराम मिलेगा और धीरे-धीरे दर्द के साथ संक्रमण भी ठीक होगा! This easy and simple desi cure will reduce all your throat pain and allergy withing some days.

कफ बुखार-Cough Fever

अगर आपको कफ़ के साथ बुखार आ रहा है तो इस रोग से राहत पाने के लिए मदार के पके हुए पत्ते (कोपलें) को आग में जलाकर भस्म कर लें! और फिर  490 मिलीग्राम भस्म को शहद में मिला ले और रोजाना सुबह व शाम के वक़्त खाने से कफ़ ज्वर एकदम ठीक हो जायेगा! (मदार का पौधा आसानी से कही भी  मिल सकता है! इसे अर्क, अथवा अक्वन भी कहते है!
(Take Madaar leaf and burn it then use 490 Milligram its Rakh (राख) now mix honey it and take daily in the morning and evening. Surely within some days all your cough-fever will be cured.)

पेट में दर्द-Stomach Pain

पेट में दर्द हो तो सफ़ेद चन्दन को घिसकर 20 ग्राम के करीब नाभि में डालें! कांसे की कटोरी को नाभि पे रखकर सीकाई करने पर पेट की जलन और दर्द ठीक हो जायेगा! (Thke white sandal wood (chandan) 20 Gram and pour it on your nabhi (नाभि). If you are feeling higher pain then take a boul of kansa (कांसे की कटोरी)  and rub it slowly on your naabhi. Doing this all your pain will be cured.

मलेरिया बुखार-Maleria Bukhar

इस बीमारी को ख़तम करने के लिएतिलसी के पौधे का बहुत महत्वा है! (Take 11 Black Tulsi leaf) काली तुलसी के 11 पत्ते लेकर काली मिर्च के साथ मिलकर उसका काढ़ा बना ले और फिर इसका सेवन करेंऐसा करने से इसमे आराम होगा. अपामार्ग (लटजीरा) की जद को राशम के कपडे से अपने हाथ की भुजा पर बंधे फायदा मिलेगा!

पेट फूलना-Pet Foolna

अगर पेट फूलता हो तो 5 ग्राम अजवायन के चूरन को 5 ग्राम शहद में मिलकर चाटें या नीम के हरी पत्तियों को साफ़ करके उसका रस पी लें. जल्द ही आराम होगा! (take 5 gram Ajwayen Churn with some salt within some minutes you must get relief from stomach acidity)

पेट में कीड़े-Pet Me Keede Hone Par

5 ग्राम वायविडंग के चूर्ण को 5 ग्राम शहद में मिलकर खाएं या नीम के हरी पत्तियों को साफ़ करके उसका रस पी लें. जल्द ही आराम होगा! (Mix 5 gram Vayavidang Churn in honey and eat or drink Neem leaf juice within some minutes you must get relief )

अर्श अथवा खुनी बवासीर का इलाज- Bloody Piles Cure

अगर खुनी बवासीर का रोग हो गया है तो दूब का रस में 50 ग्राम चीनी मिलकर या फिर नागकेसर 10 ग्राम चीनी के साथ मिलकर लें जल्द ही आराम मिलेगा! (Use 5 gram morning doob with 50 gram sugar or take nagkesar with 10 gram sugar it will cure all your piles disease)

दमा का इलाज-Asthma Treatment

100 ग्राम अलसी(तीसी) को आग में भुनकर उसमे 5 ग्राम पिसा हुआ खाने वाला गोंद मिलाये और फिर शहद मिलकर आग पे पका लें! और रोज 4 बार इसे खाएं! और आलू का परहेज करें!

सर्दी जुखाम का इलाज-ColdTreatment

थोडा सा कपूर खाए और सूंघे कोल्ड में आराम मिलेगा! (Eat some kapoor and inhale it also you must get relief)

स्वप्नदोष का कारण और इलाज Treatment of Nightfall and Reason in Hindi

स्वप्नदोष क्या होता है!

स्वप्नदोष वह रोग है जब वीर्यपात बिना मैथुन क्रिया को अवस्था में हो जाता है! निद्रा में वीर्यपात हो जाए तो उसे 'स्वप्नदोष' कहते है! बहुत से युवक रत भर तथा सोते समय स्त्री के बारे में सोचते है तथा तरह-तरह की सेक्स सम्बन्धी बातें सोचते रहते है! परिणाम यह होता है की लिंग उत्तेजित हो जाता है! जिससे वीर्य निकल जाता है! इसका व्यावहारिक रूप देखने से यह बात सामने आती है की स्वप्न दोष हमेशा रात्रि के पिछले प्रहार में होता है! निद्रा के प्रथम समागम के अनंतर में निद्रा की प्रगाढ़ता अल्प बल होती जाती है! तथा हमेशा 3 से 4 बजे तक हीगहरी नींद रहती है!

नींद में व्यक्ति जब स्वप्न की अवस्था में होता है! तब ठीक यही समय स्वप्नदोष का होता है! स्वप्नदोष की तीव्र और अधिकतम अवस्था में स्वप्नदोष की अधिकता होने पर एक ही रात में व्यक्ति को 3 से 4 बार भी हो सकता है! दरअसल ये रोग एक मानसिक रोग है और इसके होने के कई कारण हो सकते है!



स्वप्नदोष के क्या कारण होते है?

जब कोई व्यक्ति किसी सुन्दर युवती या स्त्री के रूप योवन को बार-बार याद करता है और उससे काम वासना के बारे में सोचता है और स्त्री से शारीरिक संबंद बनाने के बारे में हमेशा सोचता है (जो इस बीमारी का मुख्या कारण है!) तो उसका नींद में ही स्वप्न में वीर्यपात हो जाता है!

स्त्री या लड़की के बारे में बात करने या लड़की के बारे में अधिक सोचना 

किसी नायिका के हाव-भाव और गुणों की बातें करना जिससे काम वासना या शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचने की वजह से दिमाग में जब अधिक गहरी तक समां जाता है तब उसे सम्बन्ध बनाना अच्छा लगता है और अश्लील व कामोत्तेजक कहानिया, उपन्यास या फिर सेक्स से सम्बंधित बाते करना, चोरी छुपे किसी स्त्री और पुरुष के योन सम्बन्ध देखना और याफिर अश्लील फिल्मे देखना व्यक्ति को इस बीमारी तक पंहुचा देता है! हस्त मथुन भी इस रोग का एक बड़ा कारण होता है!

 स्वप्नदोष से बचने के उपाय! How to get safe from nightfall?

जो व्यक्ति अधिक मात्र में अश्लील और कामुक विचार करता है, पोर्नो-ग्राफी और अश्लील विषयों पर अधिक सोचता है, सिगरते, शराब, नशा, अधिक तली हुई चीजो का सेवन करता है बाजार से अदिकतर भोजन करता है और मसालेदार व तीखा खट्टा अधिक मात्रा में खाता है तो इस रोग में बढ़ोतरी होती है! अधिक मसाले और तीखा भोजन शरीर में कामुक उत्तेजना को बढ़ाते है! व्यक्ति इन सभी बुरी आदतों और दोषों से दूर रहे इसलिए भारतीय समाज में इस दोष कहा गया है! ये सभी कार्य शरीर में विभिन्न प्रकार के सोच और बिमारिय उत्पन्न करते है!

(Nightfall )स्वप्न-दोष का इलाज क्या है? Treatment of Nightfall

  • गिलोय शीतलचीनी, सफ़ेद मुसली, कतीरा गोंद, प्रवाल पिष्टी और शिलाजीत एन सबको लगभग 10-10 ग्राम ले!
  • शीतल वांग 5 ग्राम
  • भीमसेनी कपूर और केसर 1-1 ग्राम लेकर सभी को बारीक़ पीस ले और पिसे हुए औषधियों को कपडे से छान ले और बादकी की दवाएं भी पीसकर उसमे मिला लें! 
  • उसके बाद गुलाबजल के साथ केसर डाल कर उसमे लघाग 2 ग्राम की गोलिया बना कर रख लें!

दवाई कैसे खाए?

रोजाना सुबह और शाम 1 -1 गोली गिलोय के रस से या फिर शहद के खाएं! इससे स्वप्नदोष जड़ समेत ख़तम हो जायेगा और इससे प्रमेह जैसी बिमारिया भी एकदम ठीक हो जाती है!

रोग का इलाजः - अनेकों बार की तरह में फिर यही कहूँगा कि कारण का निवारण ही सच्चा इलाज है।इसके अलावा
सतगिलोय, शीतलचीनी,सफेद मूसली,कतीरा गोंद,सत शिलाजीत और प्रवाल पिष्टी सब 10-10 ग्राम,शीतल वंग 5 ग्राम,औऱ भीमसेनी कपूर व केशर 1-1 ग्राम लेकर सभी अण्डर लाइन औषधियों को अलग करके बारीक चूर्ण कर कपड़छन कर लें तथा अन्य दवाऐं भी अलग बारीक करके डाल लें ।फिर गुलाबजल के साथ खरल करें।फिर केसर डाल कर घोटें और चौथाई-2 ग्राम की गोलियाँ बना लें।
मात्रा- एक एक गोली प्रातः सांय गिलोय के स्वरस के स्वरस और शहद के साथ सेवन करें। स्वपनदोष दूर करने में व प्रमेह के अनेक उपसर्गों में लाभकारी है
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