दांतों की समस्या मसुडो से खून आना और मसूड़ों में सुजन, दाटो में कालापन, कीड़े लगना, दांतों में खड्ड बनने के उपाय Tooth Decay Problem

दांतों में दर्द की समस्या हर व्यक्ति को जीवन में एक बार जरूर झेलनी पड़ती है! जैसे की ब्रश करने या दबाने पर मसुडो से खून आना, मसूड़ों में सुजन, दातों में कालापन, सडन, कीड़े लगना, दांतों में खड्ड बनने जैसी समस्याएँ आजकल बहूत ही अधिक मात्रा में होने लगी है!

दांतों की समस्या - Tooth Decay Problem

अगर आपके दांतों में ब्रश करते समय या दबाने पर खून आता है और मसुडो में सुजन है तो निश्चित ही व्यक्ति पायरिया से पीड़ित है! लेकिन ये समस्या अक्सर विटामिन सी की कमी के कारण होने वाले स्कर्वी रोग से भी हो सकता है! इसके लिए जरूरी है की किसी अच्छे दातो के डॉक्टर से संपर्क किया जाए!

Tooth Decay Problem | दांतों दर्द, कालापन सडन कीड़े लगना जैसी समस्या और उपाय

क्या उपाय किया जा सकता है! Solution For This Problem

इस समस्या को दूर करने के लिए विटामिन सी की सेलिन 500 मिलीग्राम की एक-एक गोली रोजाना नियमित रूप से सुबह और शाम को 2 हफ्ते तक लेना चाहिए! अगर दांतों व मसुडो में संक्रमण हो गया हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर एंटीबायोटिक की टेबलेट भी ले सकते है!

दांतों में सडन, काले धब्बे, कीड़े, खड्ड हो गए है तो ये उपाय करे! Tooth Decay Problem


ऐसी समस्या होने पर सबसे पहले दांतों के डॉक्टर से जरूर मिले! क्योंकि ये केरीज बीमारी के लक्षण हो सकते है अगर ये बीमारी का शुरूआती स्तर हुआ तो इलाज से आपके बाकी के दन्त बच जायेंगे! आजकल इस बीमारी के नए किस्म के इलाज मजूद है जिससे दांतों के संक्रमण को दूर किया जा सकते है और उन्हें बचाया जा सकता है! इसका इलाज रूटकेनाल के जरिये किया जाता है!

अगर दांतों में गड्डे हो गए है या कीड़े लग गए है तो इसके लिए आधुनिक तकनीक के द्वारा कृत्रिम दांतों के स्थायी रूप से लगा दिया जाता है! कीड़े लगने के कारण दांतों में जो गड्ढे बन गए है उसका इलाज भी रूट कैनल विधि से किया जा सकता है!

ये इलाज देश के लगभग सभी बड़े अस्पताल के दन्त चिकित्सा विभाग में उपलब्ध है!

अगर आपके दोनों तरफ के या एक तरह की दाढ़ कीड़े लगने या संक्रमण की वजह से खोखली हो गयी है और उसमे दर्द होता है तो इसके इलाज में सबसे पहले उस दांत व स्थान का एक्स-रे लिया जाता है!

संक्रमण होने पर इसका इलाज जल्द करवाए और उसके बाद कैपिंग विधि से दोनों दाढो को बचाया जा सकता है ये सभी सुविधा दांतों के अस्पताल में आसानी से हो जाता है!

Top 8 Calcium Rich Food To | Reduce Calcium Deficiency Without Medicine कैल्शियम से भरपूर 8 जरूरी फ़ूड

शरीर में कैल्शियम की मात्रा में कमी को दूर करने के लिए दूध सबसे अच्छा स्त्रोत माना गया है! लेकिन बहूत से लोगो को दूध पीना पसंद नहीं होता है!
ऐसी अवस्था में जरूरी है की अन्य किसी चीज को अपने भोजन में शामिल किया जाए जिससे की कैल्शियम की कमी पूरी हो सके! आज हम आपको ऐसे ही 8 ऐसे कैल्शियम रिच फ़ूड के बारे में बताते है जिनके इस्तेमाल से आपकी कैल्शियम की कमी दूर हो जाएगी और दवाई भी खानी नहीं पड़ेगी!


कैल्शियम से भरपूर 8 खास आहार | Top 8 Calcium Rich Food

सबसे पहले जानते है की कैल्शियम शरीर के लिए क्यों जरूरी है?

कैल्शियम शरीर में नर्वस सिस्टम के जरिये मांसपेशियों को गतिशील बनाने में मदद करता है! खून में कैल्शियम की निश्चित मात्रा होने पर व्यक्ति के शरीर में उसकी कोशिकाएं हर कार्य को करने के लिए तैयार रहती है!
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने के अलावा खतरनाक बीमारियों जैसे की हाई ब्लड प्रैशर, कैंसर और डायबिटीज से बचाव करने में मदद करता है!

बढ़ती उम्र में कैल्शियम बहूत जरूरी होता है? 

30 वर्ष की उम्र तक हमारे शरीर की हड्डियाँ पूरी तरह से विकसित हो जाती है! लेकिन इसके बावजूद भी शरीर को रोजाना 1500 मी.ली कैल्शियम की जरूरत पड़ती है! शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों पर इसका असर होता है और वो कमजोर होने लगती है! इसका साथ ही कई तरह की बिमारिय होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है!

कैल्शियम की कमी स्त्रियों में अधिक होती है! 

स्त्रियों में पुरषों के अपेक्षा कैल्शियम की कमी अधिक देखने को मिलती है! क्योंकि महिलाओ के शरीर में कैल्शियम की खपत अधिक होती है क्योंकि प्रेगनेंसी, पीरियड, व मोनोपॉज़ के समय स्त्रियों के शरीर को कैल्शियम की जरूरत बहूत अधिक होती है! इसलिए स्त्रियों में पुरषों के मुकाबले अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है!

कैल्शियम से भरपूर फूड्स

अधिकतर लोग कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए बाजार से कैल्शियम की गोलिया खरीद कर हमेशा खाते रहते है! जो पूरी तरह गलत तरीका है! कैल्शियम की कमी को हमेशा प्राकृतिक तरीके से पूरा करना चाहिए! जैसे की कैल्शियम से भरपूर फल सब्जी खाने चाहिए! सुबह के समय हलकी धुप में कुछ देर बैठना चाहिए!

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए लिए डाइट में ये 8 तरह की चीजे शामिल करें!


  1. बीज अलसी, चिया सीड्स, तिल के बीज और कद्दू कैल्शियम के बहूत ही अच्छे स्रोत होते हैं! इनमें कैल्शियम के साथ-साथ आपको प्रोटीन व ओमेगा-3 फैटी एसिड भी आसानी से भरपूर मात्र में प्राप्त हो जायेगा और आप स्वस्थ भी रहेंगे!
  2. रोजाना एक कप ताजा दही बिना कुछ मिलाएं खाएं इसमे जरूरत का लगभग 30 प्रतिशत कैल्शियम     होने के साथ ही पोटेशियम, फास्फोरस, और विटामिन B2 व B12 होता है। ऐसे में अगर दूध नहीं भी पिते है, तो भी कैल्शियम की मात्रा में कमी नहीं आयेगी!
  3. बीन्स: एक कप बीन्स में लगभग 24 प्रतिशत तक कैल्शियम पाया जाता है! बीन्स का सेवन निरंतर करते रहने से शरीर में से कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है!

  4. पनीर: पनीर में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है इसके सेवन से कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है! पनीर में कैल्शियम के अलावा प्रचुर मात्रा में प्रोटीन भी होता है, इसके सेवन से सेहत के लिए लाभकारी है!
  5. बादाम: बादाम खाने से दिमाग तो तेज होता ही है इसके साथ ही ये हड्डियों को भी ताकत प्रदान करता है! बादाम में कैल्शियम भी पाया जाता है। बादाम को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें!
  6. पालक: पालक में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है! 100 ग्राम पालक में लगभग 99 मि.ली तक कैल्शियम की मात्रा होती है! हफ्ते में कम से कम 3 बार पलक खाते है तो कैल्शियम की जरूरत पूरी हो जाएगी!
  7. सोया दूध या टोफू: बहूत से लोगो को दूध पीना बिलकुल पसंद नहीं होता है उनके लिए सोया दूध या टोफू को डाइट में शामिल करना लाभकारी है! इनमें भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है!
  8. भिंडी: भीनी भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत होता है! एक कटोरी भिंडी में 40 ग्राम तक कैल्शियम पाया जाता है! भिन्डी हफ्ते में 2 बार खाने से दांत खराब नहीं होते और हड्डियां की ताकत व मजबूती भी बढती है!


COPD Cause Treatment COPD फेफड़ों के खतरनाक रोग की पूरी जानकारी और इलाज के सही देसी तरीके

सीओपीडी फेफड़ों की खतरनाक बीमारी होती है! जिसके कारण स्वास की नलिकाओं में सुजन आ जाती है और नलिकाएं सिकुड़ जाती है! नालिकाओ की सुजन लगातार बदती चली जाती है! जिसके कारण कुछ समय बाद फेफड़े छलनी हो जाते हैं! ऐसे स्थिति को एँफयज़ीमा (emphysema) भी कहते हैं!

इस रोग में साँस लेने में परेशानी आने लगती है जो धीरे धीरे शवसन तंत्र और क्रिया को प्रभावित करने लगता है!

रोग के लक्षण Symptoms of COPD

सीओपीडी स्वास नाली में सुजन के कारण साँस लेने की प्रक्रिया में कठिनाई बढ जाती है जिससे श्वास लेने की लंबाई कम होने लगती है! ऐसी स्थिति आने पर शरीर ओक्सिज़न ग्रहण उतनी तेजी से नहीं कर पता है जितनी जरूरत होती है! इसके कारण शरीर व खून में carbon-di-oxide की मात्रा बढ़ जाती है!

COPD होने के कारण और इलाज के असान और प्राकृतिक उपाय और देसी तरीके | COPD Cause And Treatment

फेफड़ों में जलन की वजह से श्वास नलिकाएँ पिचक जाती हैं!

इस खतरनाक रोग के कारण श्वास नलिकाओं में खिचाँव आ जाता है! जिसके कारण रोगी को साँस लेने में कठिनाई होती है! और घबराहट भी महसूस होने लगती है! यह लंबी समय तक चलने वाली बीमारी है! इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है! लेकिन इसे बढ़ने से रोका जा सकता है!

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए! किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए! इस रोग में रसोई में उठने वाले धुएं, मसालों की गंध गाड़ी के धुएं, पेट्रोल, केरोसिन के दुए से बचना चाहिए!

सीओपीडी के कारण (Causes of COPD in Hindi)

सीओपीडी होने के कई कारण हो सकते है लेकिन मुख्यतः ये अधिक धूम्रपान करने से होता है! इसके अलावा दूषित वातावरण में रहने से ये रोग हो सकता है! अधिक प्रदूषण, या वातावरण में किसी कीटनाशक का प्रयोग करने अथवा रंग रोगन के केमिकल्स को सांसो के जरिये अन्दर लेने से भी ये रोग हो सकता है!

सीओपीडी में लाभ देने वाली औषधियाँ (Ayurvedic remedies useful in COPD in Hindi)


  1. सीतोपलादी चूर्ण: यह हर तरह के साँस से सबंधित बीमारी के लिए लाभकारी है!  ये श्वास नलिकायों की सुजन और जलन को कम करते करने में सहयोग करती है और इसके प्रयोग से शरीर की रोग-प्रतिकारक क्षमता तेजी से बढती है!
  2. अडूसा (Adhatoda Vasica): ये श्वसन क्रिया में सहयोग देता है! और स्वसन तंत्र से संबंधित कई अन्य रोगों व संक्रमण को होने से भी रोकता है!
  3. मुलेठी: (Glycyrhiza Glabra): वैसे तो इसका इस्तेमाल सूखी खाँसी के उपचार के लिए किया जाता है! यदि कफ आसानी से नहीं निकलता है तो मुलेठी हर तरह के बलगम को निकालने में अधिक सहायक है
  4. अश्वगंधा: (Withania Somnifera):  इसके इस्तेमाल से शवसन तंत्र को ताकत मिलती है! ये थकावट और कमजोरी को भी दूर करता है!
  5. टंकण भस्म: इस भस्म का इस्तेमाल सीओपीडी रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है! ये कफ को फेफड़ों से बहार निकलने में बहूत कारगर है!
  6. शृंग भस्म: इस भस्म का इस्तेमाल भी फेफड़ों में जमा कफ को शरीर बाहर करने के लिए किया जाता है! इस टंकण भस्म से बहूत अधिक ताकतवर होती है! ये छाती में गहरे तक जमे हुए कफ को निकालने में सक्षम है! इसके प्रयोग से छाती की दर्द, साँस लेने में तकलीफ महसूस होना जैसी समस्याएं दूर करता है! 
  7. यूकलिप्टस आयल (Eucalyptus oil): इसके इस्तेमाल से इस रोग में लाभ होता है! इसका प्रयोग नियमित किया जा सकता है! ये फेफड़ो में जमी हुई कफ की परत को बहार निकलने में सक्षम होता है!


Rice Super Food Double Your Energy - सुपरफूड चावल का पानी के है चमत्कारी फायदे चेहरे से हट जाएंगे बुढ़ापे के निशान

चावल का पानी अर्थात राइस वॉटर इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में माड़ कहते है, इसमें कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत फायदेमंद है! शरीर की त्वचा और बालों के लिए बहूत अधिक लाभकारी है! इसके प्रयोग से बढती उम्र के निशान चेहरे पर से हटा सकते है!

चावल का पानी 2 तरीके से बनाया जाता है! Super Food Rice Water

पहला उपाय है : सबसे पहले कच्चे चावल को लगभग आधा घंटा या रात भर के लिए भिगोकर रख दें! अब चावल को छानकर पानी अलग कर लें! अब चावल का पानी प्रयोग करने के लिए तैयार है!
दुसरा तरीका है : पहले चावल को प्रेशर कुकर के स्थान पर किसी पतीले में बनाएं! और जब चावल पाक जाएँ तो उसमे से पानी अर्थात माड को अलग बर्तन में निकाल लें! आपके लिए मिल्की सफ़ेद रंग का चावल का माड तैयार है! ये बहूत से जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर है!


विटमिन्स से भरपूर होता है!

माड अर्थात राइस वॉटर ये त्वचा के लिए सुपरफूड है! बहूत सारे विटामिन और मिनरल्स मोजूद होते है! इसके अलावा इसमें फेरुलिक ऐसिड भी होता है जिसके कारण ये पूरी तरह से ऐंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होता है!

चेहरे पर नहीं दिखेंगे उम्र के निशान

इस माड को टोनर या फेशियल क्लेंजर की तरह प्रयोग कर सकती है! इससे स्किन को टाइट रखने और चेहरे के पोर्स को बंद करने में मदद मिलती है! जब स्किन की कसावट कम होने लगती है तो चेहरे पर झुर्रिया आने लगती है और उम्र के निशान दिखने लगते हैं! इस माड में उपस्थित ऐंटी-ऑक्सिडेंट त्वचा की कसावट को बनाये रखने में मदद करता है!

कील-मुंहासे होंगे दूर

चावल का पानी का निरंतर प्रयोग करते रहने से चेहरे पर मुहासे, दाग धब्बे नहीं होते है! त्वचा कोमल, चमकीली और मुलायम हो जाती है!

त्वचा पर कैसे करें इस्तेमाल?

साफ़ रुई लेकर उसे चावल के पानी में भिगोकर हलके हाथों से चेहते पर लगायें! इसे किस्सी खली बोतल में भरकर स्प्रे नोज़ल की मदद से त्वचा पर स्प्रे भी कर सकते है! इसे निरंतर इस्तेमाल करने से त्वचा मुलायम हो जाएगी और किसी भी तरह के मॉइश्चराइजर को लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी!

बालों के लिए फायदेमंद

चावल के पानी में जो कार्बोहाइड्रेट होता है उसे इनो-सिटॉल कहा जाता है! इसकी वजह से बालो को मजबूती मिलती है!और बालों में घर्षण कम होता है! जिसके कारण बाल मुलायम रहते है और उनमे लचीलापन बना रहता ही! इससे बालों को धोकर शैम्पू या कंडिशनर की तरह भी प्रयोग कर सकते है! जिससे बालों में प्राकृतिक चमक बनी रहती है!

इसकी कमी होने पर बुढ़ापा जल्दी आने लगता है! कैल्शियम की कमी Calcium Deficiency Problem

शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझिए कैल्शियम की कमी है, समय रहते जान जाइये वरना बुढापा एक खाट पर सिमट कर रह जाएगा!

Most Common Calcium Deficiency Symptoms In Body 


आज हम आपको शरीर के कुछ ऐसे ख़ास लक्षण के बारे में बताएँगे जिससे के आप बड़ी आसानी से ये पता कर सकते है, की आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है और कैल्शियम की कमी किसी तरह से जिंदगी बर्बाद कर सकती है!

बुढ़ापे की शुरुआत हो जाती है, शरीर में इस चीज की कमी होने पर!

शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी से बहूत सी समस्याए जीवन में खड़ी हो सकती है, और कैल्शियम भी उन्ही में से के बेहद जरूरी तत्व है जिसकी कमी अगर हो जाये तो व्यक्ति कही का नहीं रह जाता है! उसे पूरी तरह से दूसरो पर आश्रित हो जाता है, और व्यक्ति घुट घुट कर जिंदगी बिताने के लिए मजबूर हो जाता है!

हड्डियों और दांतो की मजबूती कैल्शियम पर निर्भर करती है! हर व्यक्ति को दिनभर में 1000 से 1200 मिली ग्राम तक कैल्शियम की जरूरत पड़ती है!

जबकि गर्भवती स्त्री को एक दिन में 1200 से 1300 मिली ग्राम तक कैल्शियम लेना जरूरी है इसलिए गर्भवती स्त्रियों को चिकित्सक कैल्शियम की गोली भी खाने के लिए कहते है!

आजकल कैल्शियम की कमी बच्चो से लेकर बूढों तक में अधिकतर देखी जा रही है जो पहले अधिक उम्र के लोगो को ही होती थी!

हड्डियों में कमजोरी - Feeling Weakness In Bones

कैल्शियम की कमी से हड्डियों के बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ने लगती है हड्डिया कमजोर हो जाती है व्यक्ति को हमेशा फ्रेचर होने का दर बना रहता है, हड्डियों में दर्द होता है अधिक परेशानी होने पर कमर की हड्डी टूट सकती है ये झुक सकती है, जोड़ो में दर्द होने के साथ साथ जल्दी थकन महसूस होती है! कैल्शियम कमी से आस्टियोपेरोसिस नाम की बीमारी हड्डियों में हो जाती है जिससे हड्डियाँ कमजोर और पतली होने लगती है और कमर झुक जाती है व हड्डी टूटने का खतरा भी बढ़ जाता है! 

मांसपेशियों में खिंचाव -Cramps in Muscles 

शरीर के मसल्स के बनने में कैल्शियम की अहम् भूमिका होती है शरीर में की मात्र कम होने पर मासपेशियो में खिचाव आने लगता है और जांघो व पिंडलियों में तेज दर्द भी हो सकता है!

नाखूनों का कमजोर होना - Weakness in Nails

कैल्शियम नाखुनो के निर्माण के लिए भी बहूत जरूरी तत्व होता है इससे नाख़ून चमकदार, मजबूत और आकर्षक होते है! कैल्शियम की कमी होने से से नाखून कमजोर होकर जल्दी और आसानी से टूट जाते हैं! नाख़ून पतले हों जाते है नाखूनों पर सफेद निशान या दाग दिखने लगते हैं!

दांतों का कमजोर होना - Weakness In Teeth

शरीर में 99 प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों की जरूरत पूरी करता है और कैल्शियम से ही दांतों का निर्माण भी होता है इसकी कमी से दांतों में दर्द और झनझनाहट होती है और दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं! कैल्शियम की कमी होने पर दांतों में कीड़े भी जल्दी लगते है! जबकि छोटे बच्चों में कैल्शियम की कमी से दांत देर से निकलते हैं!

थकान महसूस होना - Tired Feeling

शरीर में यदि कैल्शियम की कमी होती है तो हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है जिससे शरीर में हमेशा थकान बनी रहती है किसी काम में मन नहीं लगता!
इसकी कमी से नींद न आना, डर लगना और तनाव जैसी समस्याएं देखने को मिलती है! अक्सर महिलाओं में बच्चे का जन्म होने की बाद कैल्शियम की कमी देखने को मिलती है जिसके कारण उन्हें बहूत थकान महसूस होती है!

मासिक धर्म में अनियमितता -  Irregularity In Menstrual Period

यदि महिलाओं में कैल्शियम की कमी होती है तो उन्हें मासिक धर्म देर से या अनियमित होता है और पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द की समस्या भी होती है!
शरीर से खून भी ज्यादा जाता है! कैल्शियम महिलाओं के गर्भाशय और ओवेरियन हार्मोन्स के विकास के लिए बहूत जरूरी तत्व होता है!

जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना - Hurry To Fall Sick

व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी तत्व है, ये शरीर के शवास संस्थान और तंत्र को मजबूत करके उसकी रक्षा भी करता है! ये तत्व आंतों में संक्रमण होने से भी रोकता है! यदि कैल्शियम की कमी हो जाए तो व्यक्ति बहूत जल्दी - जल्दी बीमार पड़ने लगता है!

बालों का झड़ना- Hair Fall Problem

बालों के विकास के लिए भी कैल्शियम जरूरी तत्व है इसकी कमी से बाल टूटना, कमजोर होना और रुखे होने लगते है! किसी व्यक्ति को यदि बालो में इस प्रकार की समस्या होती है तो ये निश्चित ही कैल्शियम की कमी का संकेत है!


This Recipe Double Your Man Power Energy For More 5 Extra Hours ये रेसिपी आपकी उर्जा को ताकत देगी एक बार जरूर आजमाएं

This Recipe Double Your Man Power Energy For More 5 Extra Hours ये रेसिपी आपकी उर्जा को ताकत देगी एक बार जरूर आजमाएं!

हर स्त्री पुरुष चाहते है की उनके जीवन में उनका सम्बन्ध बेहद सहजता से और आनंददायक हो, लेकिन अक्सर उन्हें ऐसे समय में थकान, सिरदर्द और कमजोरी की शिकायत होती है! आयुर्वेद में व्यक्ति को मिलन के समय को बढाने और अत्यधिक शक्तिशाली बनाने के कई उपाय व तरीके बताये गए है! उनमे से सबसे कारगर और बेहतरीन रेसिपी जो आपकी एनर्जी को दुगना कर देगी और आपको एक्स्ट्रा 5 घंटे तक आनंद की प्राप्ति होगी!

This Recipe Double Your Man Power Energy For More 5 Hours Extra | चमत्कारी रेसिपी 

एनर्जी बूस्टर रेसिपी पेश है आपके लिए!

रेसिपी 1: बनाने का तरीका
10-10 ग्राम बादाम गिरी, 25 ग्राम गेहूं, 20 ग्राम खसखस, कद्दूकस नारियल, काजू व आधा लीटर दूध, 200 ग्राम शकर (चीनी), 2 ग्राम दालचीनी, लौंग व इलायची आवश्यकतानुसार!
गेहूं व खसखस को अलग-अलग भिगोकर उसे एकदम बारीक पीस लें! अब उस पिसे हुए गेहूं में एक गिलास पानी मिलाकर पतला घोल बना लें! जब ये हो जाए तो एक कड़ाही में घी को गर्म करके उसमे दालचीनी और लौंग लेकर दोनों का मोटा चूर्ण तथा उसमे इलायची (छिल्का निकालकर) डालकर थोड़ा भून लें!

अब उसमे पिसी हुई खसखस को 1 मिनट तक भूनें! फिर इसमें गेहूं का घोल व दूध भी डाल दें! जब उसमे उबाल आने लगे तो सभी मेवे उसमे मिला दें। जब घोल आधा रह जाए, तो उसमे शकर ( चीनी) मिला दें! अब इसे रोजाना सुबह अपने नाश्ते में लें। ये बेहद स्वादिष्ट पौ‍ष्टिक और स्वास्थ्य-वर्धक होता है!


रेसिपी 2: बूस्टर खीर बनाने का तरीका
अब मै आपको अगली (Se-क्स उर्जा) बूस्टर रेसिपी के बारे में बताता हु जिसे आप अपने घर पर भी बना सकते हैं! लगभग 25 ग्राम जौ लेकर उसे रात में भिगो दें। सुबह 1 लीटर दूध कड़ाही में उबालें!  जब दूध अच्‍छी तरह उबल जाए, तो भीगे हुए जौ का पानी दूध में डाल दें!
नोट: ध्यान रहे की पहले जौ को अच्‍छी तरह हाथ से मसलकर उसकी भूसी निकाल दें, जब दूध एक चौथाई रह जाए, तो उसमे अपने स्वाद के अनुसार चीनी डाल दें, और यदि आप इसे अत्यधिक स्वादिष्ट बनाना चाहते है तो, इसमें कुछ काजू, बादाम व इलायची भी डाल सकते हैं!

इस खीर को खाने के बाद लगभग 1 घंटे तक पानी मत पिएं!
अगर आप इस खीर को रोजाना 1 महीने तक सेवन करेंगे तो आपको अपनी पॉवर (Se-क्स उर्जा) बढ़ने के साथ मानसिक शक्ति में भी अत्यंत लाभ मिलेगा!


अपेंडिक्स का असहनीय दर्द अब नहीं होगा - No More Apendix Pain Fear - How To Treat Appendix

अपेंडिक्स के मुख्य कारण - Apendix Major And Basic Reasons


गलत खानपान और गलत जीवनशैली होने का कारण, आजकल कम आयु में भी अपेंडिक्स की समस्या लोगो को हो रही है! ये बीमारी क्यों होती है! और इससे कैसे बचा जा सकता है! आइये जानते है!

  • अपेंडिक्स हमारे शरीर में आंतो के बीच में स्थित होता है! इसमे संक्रमण हो जाने के कारण अपेंडीसाईटिस नाम की बीमारी हो जाती है! इसमे बहूत तेज पेट दर्द होने लगता है!
  • दरअसल अपेंडिक्स हमारे पेट में आंतो का ही एक छोटा सा हिस्सा होता है! अपेंडिक्स के 2 सिरे होते है! इसका एक सिरा बंद होता है जबकि दूसरा सिरा खुला होता है!
  • इसके खुले सिरे से अगर कभी खाना या मल कभी अन्दर चला जाये! तो ये कभी भी बाहर नहीं निकल पाता है! जिसके कारण अपेंडीसाईटिस संक्रमण हो जाता है! ऐसा होने पर पेट के दायें भाग में धीरे धीरे सुजन और दर्द होने लगता है!
 
No More Apendix Pain Fear - अपेंडिक्स का असहनीय दर्द अब नहीं होगा!

अपेंडिक्स शरीर के किस भाग में होता है और इसके कार्य क्या है?

Apendix Role in Body And Where It is Situated in Body?


अपेंडिक्स पेट के दायीं तरह होता है! और इसका प्रमुख कार्य हमारे शरीर में ग्लूकोस को पचाने में मदद करना होता है! मान विकास से पहले आदिकाल में जब मानव कच्चा भोजन खाता था! तो उस समय अपेंडिक्स का काम भोजन को पचाने में अधिक मददगार होता था!

एक शोध के अनुसार अपेंडिक्स शरीर में जरूरी अंग होता है! इसके अन्दर अच्छे बैक्टीरिया होते है जो पाचन क्रिया में मदद करते है! शरीर में लम्बी बीमारी के समय जब भोजन को पचाने में मदद करने वाले अच्छे बैक्टीरिया कम हो जाते है! तो अपेंडिक्स का काम भोजन पचाने में मदद करना होता है!

ये मरीज के लिए असहनीय दर्द का कारण बन जाता है! जो डॉक्टरस को भी परेशान करता है! क्योंकि, इसका इलाज मुश्किल होता है!

खतरनाक होता है इसकी अनदेखी करना!

ये अंग छोटी और बड़ी आंत की मिलने वाले स्थान पर होता है! इसका आकार 2 से 4 इंच के बीच होता है! इसमे संक्रमण होने से सुजन और दर्द होने लगता है! ऐसा होने पर इसमे मवाद भर जाता है! और इसके फट जाने से खतरा होता है!

फट जाने पर इसके पेट में फ़ैल जाने का खतरा होता है! जो खतरनाक हो सकता है! और पेट में संक्रमण का खतरा हो जाता है! ऐसी स्थिति खरनाक होती है!

अपेंडिक्स के लक्षण!

अगर पेट के निचले और दायें भाग में जलन और सुजन की समस्या हो रही हो! तो, अपेंडिक्स होने की सम्भावना होती है! ये समस्या 10 वर्ष से 30 वर्ष की उम्र में सामान्य सी बात होती है! संक्रमण होने पर पेट या नाभि के आसपास असहनीय व तेज दर्द होने के अलावा उल्टी होना, पेट की दायीं तरफ तेज दर्द होना! जैसे लक्षण हो सकते है!

कई बार तेज नब्ज चलना, तेज बुखार होना व कफयुक्त मल आना, पीठ में दर्द, चक्कर आना, कब्ज या दस्त होना, पेशाब करते समय दर्द होना, ठण्ड लगना, गैस की समस्या होना! जैसी समस्याएं भी हो सकती है! ऐसा होने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लें!

भोजन में क्या लें?

ऐसे में अधिक से अधिक फाइबर युक्त पदार्थ, हरी सब्जियां, सेब, और सलाद इत्यादी खाना चाहिए! खट्टे व मसालेदार भोजन, बाहर का खाना, और अधिक तेल से बनी चीजे नहीं खाएं!

डॉक्टर्स के अनुसार हमारे शरीर में अपेंडिक्स का होना भी जरूरी होता है! संक्रमण होने पर यदि दवाओं से आराम मिलता है! तो, इसे दवा से ही ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए! लेकिन अगर संक्रमण बार बार हो, दर्द की समस्या हो! और ऑपरेशन जरूरी हो! तो इसमे किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें!

अपेंडिक्स के घरेलु इलाज!

  • अपेंडिक्स के दर्द से राहत पाने के लिए और सुजन को दूर करने के लिए रोजाना 2 बार अदरक की चाय पीना चाहिए!
  • अलोवेरा जूस का सेवन रोजाना करें! इससे आंतो में मौजूद गन्दगी साफ़ होनी शुरू हो जाती है! और जल्द आराम मिलता है!
  • अपेंडिक्स से बचने के लिए रोज पलक का जूस या इसकी सब्जी का सेवन करें! इससे लाभ होता है! पलक का किसी भी रूप में सावन कर सकते है!
  • भोजन लेने से आधा घंटे पहले टमाटर काट का उसमे सेंधा नमक बुरक ले! और उसका सेवन करें! ऐसा करने से जल्द ही सुजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है!
  • तुलसी की चाय रोजाना पीना चाहिए! इससे पेट की समस्या नहीं होती है! रोजाना सुबह तुलसी ये 2 से 4 पत्ते खूब चबाचबा कर खली पेट खाएं! इससे बहूत लाभ होता है!
  • अपेंडिक्स के दर्द से आराम पाने के लिए छाछ में काला नमक मिलाकर पीना चाहिए! इससे लाभ मिलेगा! कोई भी उपाय करने से पहले किसी अच्छे आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लेंना चाहिए!


अनेक रोगों के लिए लहसुन का प्रयोग - Garlic Benefits in Most Disease

लहसुन के प्रयोग से अनेक रोगों में होने वाले चमत्कारी लाभ 

लहसुन के गुण तो बहूत सारे है और बहूत से लोग इसके गुणकारी लाभ की तारीफ तो करते ही है, पर इसके तामसिक और तेज दुर्गन्ध के कारण इसको प्रयोग करने से हिचकिचाते है! अब आइसक्रीम ठंडी तो होगी ही! लहसुन के गुण इसके उड़नशील तेल में है! उसमे तेज गंध होती है बहूत सी कम्पनियां लहसुन के तेल के कैप्सूल बेचकर भी बहूत सारा धन बटोर रही है! अगर आप इसके दुर्गन्ध को एक तरफ करके इसके केवल 1 या 2 कली का ही प्रयोग करते है तो भी इसके बहूत लाभ मिलेंगे!

Benefits Of Garlic in Various Disease - अनेक रोगों में बहूत उपयोगी है लहसुन का प्रयोग

लहसुन स्मरण शक्ति अर्थात याददाश्त बढाता है!

लहसुन पेनिक्रियांस और यकृत की सक्रियता को बढाता है! आंत गति नियमित करके कब्ज दूर करता है! "मधुमेह रोगी, जिगर दुर्बलता की शिकायत करनेवाले, बुढ़ापे में दर्द, हाजमा ख़राब, कमजोर याददाश्त वालो के लिए लहसुन रामबाण की तरह काम करती है! इसका प्रयोग नियमित करें!

हर्दय रोग की दवाई

लहसुन वायु रोग और हर्दय रोग की राम बाण दवाई है!
वाग्भट के अनुसार - 
पित्तरक्तव्निर्मुक्त सम्स्ताव्रण व्रते!
शुद्धे व विधते वायो न द्रव्यं लाशुनात्प्रम!!
अर्थात - पित्तरक्त को छोड़कर अन्य कारण से उत्पन्न वायु रोग दूर करने के लिए इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है!
  1. काली मिर्च, सोंठ, सफ़ेद जीरा, हींग, लहसुन, कलमी शोर, सोंचर नमक को बराबर बराबर मिलाकर पाउडर बना लें, चौथाई ग्राम से आधा ग्राम तक शहद में मिलकर इसका प्रयोग करें!
  2. सौ ग्राम लहसुन रस एक किलोग्राम दूध में धीमी आंच पर गरम करके खोवा बना लें! बराबर खांड मिलाकर बीस पेडे बना लें! रोजाना एक पेडा खाकर दूध पियें! वायु रोग में बहूत ही गुणकारी और लाभप्रद है!
हर्दय रोग, धमनी कठोरता, कोलेस्ट्राल वृद्धि में भी लहसुन लाभकारी है! कई प्रसिद्ध चिकित्सक कहते है की ये धमनियों को दुबारा से लचकदार बनाकर हर्दय रोग व रक्त दाब नियंत्रित करता है!
लहसुन, गुड, सेंध नमक, पेपर, काली मिर्च, हिंग को बराबर मिलकर उसमे शहद मिलाकर रखें, उसके बाद चौथाई चम्मच से आधा चम्मच तक इसका सेवन करने से गैस, अफारा, उदर रोग, जुखाम, खासी में लाभ मिलता है!