लुकोरिया सफ़ेद पानी आना का सफल और अचूक उपाय- Leucorrhoea Treatment in Hindi

ये समस्या अक्सर लडकियों और स्त्रियों को परेशान करती है इसमे कमर और दुसरे अंगो में दर्द की समस्या भी होती है शरीर में कमजोरी, थकान महसूस होती है और रोगी को डिप्रेसन भी हो सकता है! रोगी को काम करने में कठिनाई होती है!
Vaginal discharge or Leucorrhoea problem basically affect on women body, Generally almost every women face this problem once in her life. They feel pain in back and other parts of body, they feels tired, weakness, and sometimes they become depressed also and patient could not easily manage her daily routine work while facing this trouble.


सफ़ेद पानी का आना- Vaginal Discharge

Safed Pani Ki Samasya ka Achuk Ayurvedic Ilaj
  • बढ़ की दाढ़ी (बड के पेड़ में लटकने वाली जड), कीकर की फली, सफ़ेद रल, ढाक की कडी, चिकनी सुपारी, लाजवंती, अभ्रक भस्म, कुक्टांग त्वक भस्म प्रत्येक 10 ग्राम!
  • गोजेवान, इसबगोल की भूसी,चोबचिनी प्रत्येक 5 ग्राम!
  • सबके बराबर देसी खांड लें!
ये सभी वस्तुए आसानी से किसी भी रसोई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बिकने वाली दूकान पर मिल सकती है!

दवाई बनाने की विधि- Remedy To make Leucorrhoea Medicine

ये मेडिसिन बनाना बहुत ही सरल है ऊपर बताई गई सामग्री को लेकर पीस ले!
  • सबको कूट-पीसकर छान लें
  • 10 ग्राम सुबह-शाम को दूध के साथ खाएं! 
  • तीन सप्ताह में ही सफ़ेद पानी आना समूल नष्ट हो जायेगा

ये आजमाया हुआ और पूरी तरह हानि रहित है!इसके इस्तेमाल से स्त्रियों की ये समस्या एकदम ठीक हो जाती है और कोई हनी भी नहीं होती या प्रयोग शतप्रतिशत सुरक्षित और अचूक है! आप इसका इस्तेमाल करके लाभ उठा सकते है!

खुनी बवासीर का इलाज Bloody Piles Treatment Using Home Remedies in Hindi

दोस्तों बहूत लोग बवासीर रोग से बहुत परेशान रहते है ये रोग पुरुष और स्त्री दोनों को सामान्य रूप से परेशान करता है! मै आज आपको इसका सरल और आसान आयुर्वेदिक उपाय बता रही हूँ!


Khuni Bawasir ka Safal Achuk Ayurvedic Ilaj

खुनी बवासीर का इलाज- Bloody Piles Treatment

(Bloody Piles Treatment & Home Remedies) इस रोग के इलाज में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं निम्न मात्रा में लें!
  • नाग केसर, कबाब चीनी, गोखरू प्रत्येक 20 ग्राम!
  • त्रिफला चूर्ण 60 ग्राम!
  • मिश्री 20 ग्राम!

 दवाई बनाने की विधि- How to make piles medicine using Ayurveda 

Collect all given remedies and make their mixture to take 5 grm daily morning and evening with cow milk or got milk
ऊपर दिए गए समस्त पदार्थो को ले और सबको कूट-पीसकर छान ले! उसके बाद 5-5 ग्राम सुबह व शाम को गाय या बकरी के दूध से लें! इसके साथ ही;
  • रीठे की भस्म 20 ग्राम
  • कत्था सफ़ेद 20 ग्राम
  • लोह भस्म 2 ग्राम
  • सुखी मूली का चूर्ण 20 ग्राम

सबको कूट पीस ले!  1-1 ग्राम सुबह-शाम मक्खन में मिलाकर चाटकर ले! ऊपर से एक गिलास दूध पी लें! 3 सप्ताह में ही खुनी व बादी बवासीर जड से नष्ट हो जाएगी!


make a mixture to all the given remedies and take 1 gram in the morning and evening with butter and take a glass of milk after taking it. you will see that within a week all your bloody piles disease has treated.

भोजन में क्या खाएं?

अपना भोजन हो सके तो हल्का और साधारण ही रखे, इस रोग में भूलकर भी तेज मसाले, तीखा भोजन नहीं  खाएं! हरी सब्जियाँ, दूध-दही इत्यादी ठंडी चीजो का सेवन करें!
take green food and do light exercise and avoid chilly and food made by using enough masala. become habitual of eating cold and light food.
  • दही
  • खिचडी
  • दूध
  • डबलरोटी
  • हरी सब्जियां, आदि

भोजन में क्या नहीं खाएं?

बवासीर में निम्न पदार्थो का सेवन बिलकुल बंद करना चाहिए और बाहर की बनी चीजों को नहीं खाएं! जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, मोमोज, चाउमीन, पानीपूरी इत्यादी!
Don't eat pizza, burger, momoz, panipuri, chawmin etc. and avoid food made roadside or street foods.
  • खटाई का प्रयोग मत करे!
  • लाल मिर्च का इस्तेमाल बिलकुल ना करें!
  • तेज मसाले भी हो सके तो बंद कर दें!
  • चाय पीना बंद कर दें!
  • गुड गरम होता है इसे भी प्रयोग न करें!
  • मॉस व शराब बिलकुल भी न खाएं!


सर्दियों के लिए टॉप 10 नया फेस पैक- Top 10 New Face Pack For Skin in Hindi

दोस्तों सर्दियों में स्किन के ड्राई होने की समस्या आप अक्सर महसूस करते होंगे और इससे बचने लिए कोई न कोई क्रीम आपने भी आजमाई होगी आज मै आपको कुछ ख़ास Home Made Natural Face Pack फेस पैक के बारे में बताउंगी जो आपकी इस समस्या का समाधान कर देगी!

Top 10 Beauty Tips - Twacha Ko Sundar, Gora Aur Khila-Khila Banye


Who don't want to be look Pretty and beautiful? I think everyone want to have beautiful look and if your body skin is soft, glowing and shinny then you must be look pretty, beauty and charming always.

Here are given "Home Made Simple and Natural Skin Face Pack" for your skin. mostly in winters season our skin become very dry and dull. If yours skin is also dry and dull then try any tips given here. This face pack have no side effect its complete natural and very easy to made. you can easily make it at your home without any extra efforts.



ड्राई और रुखी स्किन के लिए टॉप 10 फेस पैक- Face Pack For Dry And Dull Skin

  • पपाया फेस पैक: पपाया के गुदा बड़े काम का होता है, इसके गुदे को मसलकर आप अपने चहरे की स्किन पर लगायें और उसे 10 मिनट के बाद धो लें!
  • ग्रेप्स स्किन फेस पैक: अंगूर को छीलकर उसे अच्छी प्रकार मसल लें और फिर उसे अपने चेहरे पर लगा कर लगभग 20 मिनट के बाद हलके गरम पानी से धो ले आपका चेहरा खिल उठेगा!
  • स्ट्राबेरी फेस पैक: इसे छीलकर मसल ले और फिर इसका पेस्ट बना कर अपने चेहरे पर लगा लें, और कुछ देर में चेहरा हलके हाथो से धो लें! 
  • मिल्क क्रीम फेस पैक: दूध की मलाई अपने चेहरे पर हाथो पर और पैरों की स्किन पर अच्छी प्रकार लगा लें और फिर सूखने के बाद उसे धो ले!
  • कोकोनट मिल्क फेस पैक: मिक्सचर में नारियल के तुक्रे काटकर पीस लें और फिर उसका दूध निचोड़ कर लगभग 15 मिनट बाद चेहरे को धोले!
  • हनी फेस पैक: 2 चम्मच शहद में एक चम्मच गुलाब जल मिला ले और फिर उसे चेहरे पर लगाये
  • लेमन जूस: एक चम्मच शहद और एक चम्मच निम्बू का रस मिलकर अपने चेहरे पर लग्यें उसके 10-15 मिनट बाद पानी से धोले!
  • एलोवेरा जेल: ताजे एलोवेरा (ध्रत्कुमारी) के जेल को चेहरे पर लगा कर उसे 10-15 मिनट तक लगा कर रखे और फिर चेहरा पानी s धोकर साफ़ कर लें!
  • कैरट-हनी स्किन पैक: गाजर के रस में शहद की कुछ मात्र मिला कर उसे फेस पर लगाए और फिर १० मिनट के बाद उसे धोकर साफ़ कर लें!
  • आलमंड आयल: बादाम के तेल में दूध की मलाई अच्छी प्रकार मिला कर उसे चेहरे पर लगा लें, और फिर उसके 15 मिनट के बाद चेहरा धोलें!

बीमारी से बचाव के अचूक उपाय- Best Tips To Get Healthy Life in Hindi

Top Tips to Get Disease Less Life with Safe and Healthy Body.

  • भूख से थोडा कम खाएं जिस से अपच न हो!- Do not eat just under the indigestion from hunger !
  • दस्त की इच्छा होने पर रोकें नहीं अन्यथा कब्ज के स्थायी मरीज बन सकते है do not stop if you feel Diarrhea or constipation otherwise you could be a permanent patient.
  • घुटने शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिन्हें रस्सी कूदने, उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने, हाई-हील के जूतों से नुक्सान पहुचता है! सब से ज्यादा घुटनों को नुक्सान पहुचता है मोटापे से क्योकि अधिक वजन को ढोना तो घुटनों को ही पड़ता है अतः वजन संतुलित रखें! Knee is a very important organ of the body, It used to walk, rope jump , running on rough roads , high heel shoes creates the maximum problem to the knee. over weighted body do the maximum damages to the knees. So, It is necessary to keep your weight under balanced.


  • लगातार आँखों का कार्य करें तो बीच बीच में आंखे बंद कर करके विश्राम दें! अंगडाई ले तथा ठन्डे पानी की पट्टी रखें! Give the proper rest to the eyes while you are working on the computer or doing any other work, take breaks and close your eyes for 1-2 minutes in the middle of your work. keep cold wet water cloth on the eyes.
  • शूगर के मरीज रक्त सम्बन्धी नियमित व्यायाम कर के शूगर से बच सकते है! Sugar patient could be save from blood related disease it they do regular exercise.
  • अपने एवं परिवार के लिए समय निकालें, पैसे की दौड़ में इतना आगे ना निकल जाएँ की परिवार पीछे छूट जाएँ!  Get the time for your family don't run behind the money madly.
  • फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, तैयार फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें खासतौर पर छोटे बच्चे! Avoide Fast food, junk food, prepared food, and cold drinks etc particularly younger children.
  • पैर हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिन्हें अधिकतर नजरंदाज़ किया जाता है, इन की समुचित देखभाल करें! पैरों में बिवाई न फटने दे, पैर हमारे शरीर को इधर-उधर ले जाते है! इस में वे बहुत अधिक श्रम करते है अतः उन को ठन्डे जल में भिगो कर सेंक करे और आराम पहुचने के लिए मालिश करें! Our feet is very important part of our body which is mostly ignored, proper care of these now! Chilblains may not burst in the legs , feet carry around in our body. Our feet do lots of hard work, so you should keep it in cold water for some minutes and do massage to get relax.
  • कोई भी बिमारी होने पर नियमित चेकप कराएँ, लारवाही गंभीर प्रभावों को मौका देती है!
  • आधुनिक समय की बीमारियों जैसे, शूगर, मोटापा, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक से बचने के लिए रेशेदार भोजन, फल, अंकुरित अनाज, दूध का सेवन करें!  Do regular checkup to get safety life from any disease and don't give a chance to any disease to affect your body. such as sugar, obesity, blood pressure. To avoid heart attack take high fiber foods, fruits, sprouts, and take milk.
  • बच्चों को नियमित रूप से टीके लगवाएं तथा उन्हें हर काम के लिए टॉफी का लालच देना बंद करें! Equip regularly vaccinated to children and give them all the temptations of the candy off to work !
  • बच्चों को पुलिस एवं डॉक्टर की सुई का डर ना दिखाएँ, कई बार बच्चे इसी वजह से जीवन भर पुलिसे एवं डॉक्टर से डरते है! Do not afraid of police or doctor's injection to the kids, sometimes the child is afraid of the doctor and police lifetime.
  • लगातार बैठने का काम को तो बीच-बीच में उठ कर वार्मअप करें, अंगडाई लें, थकान नहीं लगेगी! Do some warmup and stretch exercises if you continuously do sitting work, Warm up and stretch.
  • एड्स एवं सेक्स सम्बन्धी बीमारियों से बचने के लिए असुरक्षित यौन सम्बन्ध टालें एवं कंडोम का उपयोग करें! To avoid AIDS and sexual diseases use condoms.

तनाव कम करे Get Relaxed

  • तनाव हमारी जिंदगी में कई तरह से घुसपैठ करता है! don't take mantle stress
  • विशेषज्ञों के अनुसार तनाव कम करने के लिए रोज कम से कम 30 मिनट उस कार्यकलाप को करने में लगाए जिसे करने में आप को बहुत आनंद आता हो! Continuous do your favorite work at least for 30 minutes on daily basis. It will make your body stress less. 
  • तनाव लेन में गुस्सा सब से अहम् भूमिका निभाता है! stress makes a lead role to increase your angreynes.
  • गुस्सा आने पर स्वयं को शांत करने के लिए १० तक गिनती गिने! Count up-to 10 if you are feeling angry.
  • उन लोगो से दूर रहे जो आप के तनाव को बढाने में जिम्मेदार बनते है! avoid to people who makes you restless and stressful.

प्रदुषण से खुद को बचाएं- Keep Safe Yourself From Pollution.

  • घुएं रहित वातावरण से दूर रहना यदि आप के लिए संभव नहीं है तो कम से कम अपने घर के अन्दर धुवाँ रहित वातावरण बना तो सकते है! Try to make your home pollution free if you can't be live in pollution free society of weather.
  • हाई ट्रेफिक एरिया में जाने से बचें, संभव हो तो सड़क के किनारे बने घरों में न रहें! don't go in heavy traffic and don't live in rode side or corner homes.
  • एक्सरसाइज के लिए भीड़-भाड़ भरे स्थानों को न चुने! get the peaceful place for a exercise.
  • घर के बाहर एक्सरसाइज तभी करें जब प्रदुषण कम हो! do exercise only when there is no pollution on tat place.
  • घर के आसपास पेड़-पौधे लगायें जिस से प्रदुषण की मात्रा में कमी आए! Grow some trees around your home to get pollution free place.

पीरियड्स में डाइट प्लान कैसा हो? Diet Chart During Periods in Hindi

पीरियड्स के दौरान पेट दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द के साथ ही कमजोरी का भी एहसास हो सकता है पीरियड्स में ये परेशानिया आम होती है लेकिन कई स्त्रियों और लडकियों के लिए एक बड़ी समस्या होती है उन्हें अधिक दर्द और परेशानिया झेलनी पड़ती है!

Although all women suffers the pain during their periods in their entire life such as abdominal pain , hip pain, back pain, etc. these problems are normal but in some girls and women's this problem come in higher level and this pain becomes a big trouble for them.

आपकी लाडली बेटी या आप को इन तकलीफों को झेलना न पड़े, इसके लिए जरूरी है के आप को पीरियड्स के वक़्त खान-पान और डाइट प्लान कैसा हो ये आपको पता हो!


डाइट प्लान इन पीरियड्स - Diet Chart During Periods

  • अर्ली मोर्निग: 1 ग्लास हल्का गरम पानी + 3 निम्बू का रस + 3-4 खजूर लें! 
    Early Morning: 1 Glass warm water + 3 Lemon Juice + 3-4 dates\

नाश्ते में क्या खाए - Break Fast Food

  • सुबह का नाश्ता/ ब्रेकफास्ट: 2 अंडा/ 1 ग्लास दूध (1 चम्मच अलसी का पाउडर मिला हुआ ) + रागी का चिला ले और साथ में बेसन ओट्स+ पुदीना या हरी धनिया की चटनी!
    Breakfast: 2 eggs/ 1 glass milk, (1 spoon mixed Alsi powder) + Ragi's Chilla with Besan oats + Podina or Hara dhaniya chatni.
  • ब्रेकफास्ट आप्शन 2: 1 प्लेट पोहा ले सकते है (आयरन के लिए टमाटर और निम्बू का रस लेना न भूलें)
    Breakfast Option 2: Take 1 plate Poha ( take lemon and tomato juice for Iron).
  • ब्रेकफास्ट आप्शन 3: 2 अंडे + स्टफ्ड परांठा/ पनीर परांठा
    Breakfast option 3: 2 Eggs and stuffed parantha or Paneer Parantha.

 मिड मोर्निंग में क्या खाए?- Mid Morning 

  • मौसमी फल + 1 चम्मच तिल + 2-4 मुनक्का
    Seasonally Fruit :1 spoon til + 2-4 Munakka

दोपहर के खाने में क्या खाएं?- Lunch

  • 2-3 रोटी (गेंहू के आटे से या फिर रागी के आटे से बनी रोटी)+ 1 कटोरी सब्जी लें (रसेदार हरि सब्जी, जैसे: तुरई, बैंगन, परवल, आलुमटर, कद्दू इत्यादी)+ 1 कटोरी दाल और दही लें+ 1 बाउल सलाद खाएं (सलाद में बीटरूट+ शिमला मिर्च, टमाटर, लाल पत्तागोभी इत्यादी खाएं)
    2-3 Roti (wheat flour and Ragi flour made bread and roti) + 1 bowl vegetable such as Ridge , eggplant , Parwal , Alumtr , pumpkin , etc.)+ 1 bowl salad, eat lentils and yogurt ( + capsicum salad beetroot , tomatoes , red cabbage , etc.
  • 2-3 चिकन या फिश के टुकड़े
    2-3 chicken or Fish pieces

रात के  भोजन में क्या खाएं? -Dinner

  • 2 रोटी (गेहू और रागी के आटे से बनी) + 1 कटोरी सब्जी+ 1 कटोरी दाल  या 1 बाउल पलक+ ओनियन खिचड़ी + 1 कटोरी दही/1 अंडा
    Bread made ​​from wheat and ragi wheat + 1 bowl of vegetables + 1 bowl daal + Onion t + 1 bowl of yogurt or 1 bowl lid / 1 egg.
  

अपेंडिक्स के कारण लक्षण और इलाज के उपाय- Appendix Symptoms And Treatment in Hindi

अपेंडिक्स का दर्द बारिश में बढ़ जाता है खतरा

अपेंडिक्स का खतरा अक्सर बरसात के मौसम में बढ़ जाता है क्योकि इस मौसम में हवा में नमी की मात्र अत्यधिक बढ़ जाती है! और ये मौसम बक्टेरिया के और वायरस के संक्रमण के लिए काफी उपयुक्त मणि जाती है! और अपेंडिक्साईटिस के मामले अधिक देखने में आते है! अतः अधिक साफ़ सफाई से इ कोई भी चीज खाए पिए और साफ़ सफाई काउचित देखभाल रखें!

अपेंडिक्स हमारे शरीर ने मौजूद एक 4 से 5 इंच लम्बी और एक बंद नाली के सामान होती है! ये छोटी आंत  और बड़ी आंत के जोड़ ( जॉइंट ) पर स्थित होती है! तथा पेट के नीचे की तरफ दायीं ओर स्थित होती है!
इंसान के विकास चक्र में अपेंडिक्स जो पहले मानव शरीर में पूँछ के रूप में हुआ करती थी की अब कोई भी उपयोगिता शरीर में नहीं रह गई है! और विकास चक्र में अब इसका केवल कुछ ही भाग हमारे शरीर में रह गया है! हो सकता है के मनुष्य के विकास चक्र में आगे चलकर अपेंडिक्स हमारे शरीर से गायब हो जाए!


क्या है अपेंडिक्साईटिस

अपेंडिक्स के संक्रमण को अपेंडिक्साईटिस कहा जाता है, जहाँ पर अपेंडिक्स से सेकम की ओपनिंग होती है उसमे जब कोई बाधा या अवरुद्ध हो  जाता है तब अपेंडिक्साईटिस की शुरुआत होती है! यह म्यूकस के जमाव के कारण उत्पन्न हुए व्यवधान की वजह से हो सकता है या फिर मल के सेकम के जरिये अपेंडिक्स में पहुच जाने के कारण हो सकती है! मुकास या मल के कडा होने से ओपनिंग ब्लाक हो जाती है जिससे कारण अपेंडिक्स में बेक्टीरिया जो पहले से ही अपेंडिक्स में होते है वो अपेंडिक्स के दिवार को संक्रमित कर देते है और अपेंडिक्स में सुजन आने लगती है तथा इस संक्रमण को ही अपेंडिक्साईटिस खा जाता है!

अपेंडिक्साईटिस के क्या कारण है!- Causes of Appendicitis

अपेंडिक्साईटिस लिम्फोइड फोलिकल के आकर में बढ़ोतरी होने या किसी प्रकार की चोट लगने के कारण भी  हो सकता है! इसमे किसी रुकावट के आने पर बेक्टेरिया तेज गति से बढ़ने लगते है और इससे अपेंडिक्स में पस बनने लगता है और अधिक दबाव बढ़ने पर उस स्थान की रक्त की नलिकाएं भी दब सकती है!
any Injuries can be a cause of appendicitis. Bacteria grows faster if any interruption comes into limfoed folical appendicitis.

लक्षण को कैसे पहचाने- How To know the Symptoms of Appendix

अपेंडिक्साईटिस होने पर निम्न प्रकार के लक्षण नजर आते है!
  • पेट में नीचे दायीं ओर दर्द होना! Having pain in lower right side of stomach
  • भूख में कमी या भूख नहीं लगना!- Loss of appetite
  • उब्काई आना या जी मचलना- Feeling dizziness
  • उलटी होना-Vomiting
  • कब्ज होते रहना- Having constipation trouble
  • डायरिया की समस्या होना- Problem of diarrhea
  • हल्का बुखार रहना- Mild fever

दर्द कैसे शुरू होता है? Starting pain in stomach

पेट में हल्क्की मरोड़ होने से इसकी शुरुआत होती है, ऐसे बहूत ही कम मामले देखने में आयें है की इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होने के 24 घंट के भीतर अपेंडिक्स फट गया हो! 80 प्रतिशत मामलो में 48 घंटों में दिखाई दिए गए अपेंडिक्स के मामलो में लगभग 80% लोगों में अपेंडिक्स फट जाता है! ऐसा होने पर ये खतरनाक हो सकता है!
people feels About 80 people who are surviving with this problem their appendix burst and it becomes dangerous. This starts with stomach cramps.

सर्जरी ही उपाय है! Appendix Treatment by Surgery

सर्जरी के जरिये ही अपेंडिक्स के संक्रमण का इलाज और समाधान किया जा सकता है! Surgery is only the treatment and protection of appendix.
  • पारंपरिक इलाज के अनुसार इसमे एक बडा और लम्बा कट लगाया जाता है 
  • लेप्रोस्कोपी (इस तरीके मे 3-5मिलीमीटर तक के छेद किये जाते है और शरीर के भीतर एक दूरबीन के जरिये देखा जाता है! इस प्रक्रिया में लगभग 1 दिन लग जाता है!

शूगर के लक्षण और इलाज व खतरे- Diabetes Symptoms, Treatment and Risk Factors

कुछ साल पहले तक शूगर बड़ी उम्र के व्यक्ति की बीमारी ही समझी जाती था! लेकिन अब डायबिटीज रिसर्च सेण्टर के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज 16-25 साल तक के युवा और लोगो में बड़ी तेजी से फैलती देखी जाने लगी है!


डायबिटीज कैसे होती है- Reason of Diabetes Disease

डायबिटीज की बीमारी अग्नाशय द्वारा उचित व पर्याप्त मात्र में इन्सुलिन न बना पाने के कारण होती है या फिर जब हमारा शरीर पर्याप्त मात्र में जरूरत के अनुसार इन्सुलिन का उपयोग ठीक प्रकार से नहीं कर पाता है तो शूगर की समस्या उत्पन्न हो जाती है! इंसुलीन एक प्रकार का हार्मोन होता है जो शरीर की शर्करा को पूरी तरह नियंत्रित करता है! शूगर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है इसकी मुख्य वजह इसके की इसके लक्षण लगभग 15-20 प्रतिशत मरीजो में नजर नहीं आते है!
Diabetes disease is also called silent killer because it's risk levels are hard to find in about 15 t- 20% patients. this disease occurs when our body becomes to fail to control insulin hormone in the body. Insulin hormone controls sugar level in the body.

खतरा (रिस्क फैक्टर) क्या है- What are the Risk Factor

  • अनुवांशिक कारण हो सकते है जैसे पता अथवा पिता को डायबिटीज होना
  • लगातार काफी समय से तनाव में रहने पर- lives in depression for long time.
  • शराब या अल्कोहल का नियमित सेवन करना- taking alcohol regularly.
  • शरीर में भोजन व पोषक पदार्थो की कमी होना- taking lower quantity of food according to the body and lack of healthy food.

शूगर व डायबिटीज के लक्षण- Symptoms of Diabetes

  • बार-बार मूत्र त्याग का मन होना ! feeling many times to pass the urine
  • शरीर का वजन कम होना अथवा मोटापा अधिक होना!- decreasing or increasing weight
  • बार-बार प्यास लगना! feeling low level of water in the body.
  • पैरों में व पिंडलियों में दर्द महसूस होना!- feeling pain in the leg.

शूगर का उपचार क्या है- Treatment of Diabetes or Sugar

  • मोटे लोगो व अधिक वजन वाले लोगो और परिवार में अगर किसी दुसरे सदस्य को मोटापे और अधिक वजन की समस्या हो और ये बीमारी हो तो उन्हें समय समय पर अपने शरीर का शूगर लेवल का जाँच करना चाहिए! check your sugar/diabetes level if your weight is higher then normal level.
  • अपना वजन नियंत्रित रखे और उम्र के हिसाब से नियंत्रित रखें!- control your weight and note all its measure points.
  • तनाव में ना रहें! don't live in depression.
  • थोड़े थोड़े अंतराल पर कुछ ना कुछ थोरा-थोरा खाते रहे! इससे डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है eat something on every 2 to 3 hours. It helps to maintain and control sugar level.
  • भोजन को डाइट चार्ट के अनुसार ही ले! take your food according to the diet chart.

थोरेसिक स्पाइन की वैट सर्जरी से इलाज- Thoracic Spine's and Vat Surgery Treatment in Hindi

आज के समय में कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के कारण गर्दन में दर्द का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. देश के बड़े शहरों एवं महानगरों में कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के चलते कमर दर्द से ग्रस्त लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है!

A surgical specialist team is required for VAT- Video assisted thoracoscopy including good experienced anesthesiologist, thoracic surgeon, good professional scrub nurse, spine surgeon are needed.

Although this disease affect to all age group people from child to old age people. Doing heavy hard work for long time, and doing any work without changing the body position such as secretary, receptionist, call center jobs etc  can affect and harm body's neck, back bone.

यो तो बच्चो से ले कर बुजुर्ग सभी कमर दर्द से प्रभावित हो सकते है! बढती उम्र, भारी शारीरिक कार्य, लम्बी अवधि तक एक ही स्थिति में काम करने वाले लोग (जैसे सेक्रेटरी, रिसेप्शनिस्ट, कॉल सेंटर के कार्मिक) भारी सामान उठाने वाले अधिक प्रभावित होते है!

थोरेसिक स्पाइन की वैट सर्जरी से इलाज

स्लिप डिस्क का इलाज और वैट सर्जरी- Treatment of Sleep Disk and Vat Surgery

यदि इस के उपचार की बात की जाए तो कई प्रकार के उपचार भी मौजूद है! बेड रेस्ट, इंजेक्शन, शल्य चिकित्सा, स्पाइनल, फ्यूजन, डिस्क प्रत्यारोपण, वार्टीब्रोप्लास्टी, पिन्होल सर्जरी और मिनिमम इन्वेसिस सर्जरी आदि! लेकिन हर उपचार की कुछ सीमाए हैं, मगर अब एक नई सर्जरी की शुरुआत की गई है और यह है, वैट सर्जरी (विडियो असिस्टेड थोरोस्कोपी).

Sleep disk patient have lots of available options for treatment. but every treatment have a limit such as bed rest, injection, surgery, spine fujan, disk replacement, vartibroplasty, pinhole surgery, and minimum invesis surgery etc. now a new surgery have been started with is called VAT surgery (Video Assisted Theroscopy)
Using this technology patient do not need to feel the pain of painful surgeries and VAT surgery is very successful in this type of treatment. Without doing any

Using the older way thoracic spine was treated with the long open surgical treatment. It is usually done by creating a large opening in the patient's chest wall and because of doing this patient suffered a lot in past technology.

But now by VAT surgery technique this is become easy without any lot open and painful surgery. VAT is used to managing and control herniated thoracic discs.
 
आज रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित बीमारियाँ बहुत बढ़ चुकी है! अभी तक थोरोस्कोपिक स्पाइन (जोकि सीने के पीछे होता है) के विकारों की सर्जरी बहुत ही मुश्किल और कष्टप्रद होती है! इस के लिए पसलियों की काट कर और दिल व फेफड़ों की एक तरफ हटा कर ही इस की सर्जरी संभव हो पाती थी, जिस के दुष्परिणाम काफी गंभीर होते थे! लेकिन अब वैट सर्जरी से इन बिमारियों को आसानी से बिना चीरफाड़ से ठीक करना संभव हो गया है!

General Disease of Thoracic Spine

डॉक्टर सतनाम सिंह छाबड़ा का कहना है की थोरेसिक स्पाइन thoracic spine की आम बीमारियाँ हो सकती है! जैसे की स्लिप्ड डिस्क, ट्यूमर, संक्रमण जैसे टी.बी. फ्रेक्चर, कूबड़ आदि! इन बिमारियों में सीने के पीछे, कमर में दर्द व सीने में खिचाव रहता है और ये दर्द कभी कभी निचे पैरों तक भी जा सकता है! इस के साथ पैरों का सुन्न होना, चलने में मुश्किल व दैनिक क्रिया-कलाप में दिक्कत पैदा कर सकता है! इन सभी कष्टों का कारण होता है नसों पर दबाव! अब वैट सर्जरी द्वारा इस दबाव को आसानी से कम किया जा सकता है, इस से कूबड़ के मरीज का कमर का टेढ़ापन आसानी से दूर किया जा सकता है!
Slip disk, Tumor, T.B, Fracture, Kubad etc could be a general disease of Thoracic spine in all these disease patient feel a tightness, stretch , pain in chest. patient suffers many problems in his daily life because of pressure on vain, but now using vat surgery this pressure can be easily reduced and treated.

वैट सर्जरी के फायदे- Benefit of Vat Surgery

वैट सर्जेरी से एक पतली सी दूरबीन द्वारा रीढ़ की हड्डी तक पहुच कर टीवी स्क्रीन पर देखते हुए वे जोकि पहले सीने को खोल कर संभव हो पते थे! इस में एक विशेष किस्म की बेहोशी कर के मरीज के एक फेफेड़े को पिचका दिया जाता है, जिस से की बिना किसी रुकावट के ट्यूमर या डिस्क की आसानी से निकाल जा सकता है! इस के साथसाथ कूबड़ के मरीज के लिए आसानी से कमर का टेढ़ापन दूर किया जा सकता है!
  • यह पूरी सर्जरी केवल 1-2 घंटे में पूरी हो जाती है!-This surgery can be treated within 1-2 hours.
  • इस का मुख्य फायदा है की मरीज अगले दिन से चल फिर सकता है!- patient can walk and do work his daily work withing 24 hours.
  • खून बहने व संक्रमण का रिस्क नहीं होता और मरीज को 3 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है!- patient can go his home within 3 days and no risk of blood flow or allergy.
  • इस से दवाइया व अस्पताल का खर्चा बच जाता है! patient can save his money spent on medicine.
  • वास्तव में यह सर्जरी बहुत ही उपयोगी व मरीजों के लिए वरदान है! this surgery is a very useful and good for patient.

मजबूत बालों के लिए टॉप 10 हेयर पैक- Top 10 Hair Pack For Strong Hair Treatment

दोस्तों, अक्सर नहाने के बाद और बालों में कंघी करते समय आपने अपने बालों को टूटते हुए जरूर देखा होगा और आपको गुस्सा आया होगा और दुख भी हुआ होगा! लेकिन अब आपको परेशान या दुखी होने की जरूरत नहीं है! मैंने आपके लिए कुछ खास प्रकार के अचूक उपाय हेयर फाल (Hair Fall) से बचने के लिए जुटाए है!


हेयर फाल: बाल क्यों झड़ते है? Hair Fall Reason

बालों के टूटने के वैसे तो कई कारण हो सकते है अगर आपके बालअधिक मात्र में टूटते हों तो इसका मुख्या कारण निम्न हो सकता है:
  • अधिक तनाव लम्बे समय तक होना- High tension and depression.
  • किसी बीमारी के कारण - Any disease also affect on hair.
  • तली-भुनी चीजे खाने की वजह से- Oily and highly fried oily food.
  • कुपोषण भी वजह हो सकता है - many children and people are suffering from malnutrition and it may be also a big reason.
  • नशीले पदार्थो; शराब,गंजा एस्यादी का सेवन करने पर- Taking drink, drugs and smoking etc.

हेयर पैक हेयर फाल रोकने के लिए; Hair Pack For Hair Fall

  • नारियल के तेल में निम्बू का रस मिलाकर अपने बालों के जड़ो में सब जगह अच्छी तरह हलके हाथों से लगाए, इससे बाल मजबूत होने लगेंगे और उनका झाड़ना भी रुकेगा!
  • कच्चे अंडे में निम्बू कर रस मिलकर फेंट ले और फिर  उसे अपने बालों में लगाकर मसाज करें, आपके बाल मजबूत और चमकदार होंगे और बालों से रुसी ख़तम हो जाएगी!
  • हरा घनिया पीसकर अच्छी तरह उसका जूस निकाल ले और फिर उसे नियमित रूप से रुई के जरिये या फिर हाथों से अपने बालों में लगा कर मसाज करें!
  • नारियल के तेल में सूखे आंवले के 3-4 बड़े टुकडो को डालकर उसको उबाल लें फिर उसे अपने बालों में लगा कर हलके हलके मसाज करें! बालों का झाड़ना रुक जायेगा और उनमे मजबूती भी आयेगी!
  • बाल धोने से पहले आंवले का पाउडर लेकर उसे निम्बू के रस में मिलकर अच्छे से पेस्ट बनाए और फिर उस पेस्ट को बालों को घोने में प्रयोग करें आपके बालों का झड़ना रुक जायेगा!
  • नीम के तेल में नारियल का तेल मिलकर उससे स्कैल्प का मस्साज हलके हेक करें आपके बाल जड़ से मजबूत हो जायेंगे!
  • सरसों के तेल में मेहँदी की ताज़ी पत्तियों को डालकर उसे उबाल लें और उसके बाद उसे अपने बाल में हलके मालिश करें इस प्रकार आपके बाल धीरे धीरे गिरने बंद हो जायेंगे!
  • एलोवेरा का रस अथवा जैल से रोजाना स्कैल्प की मालिश करें बालो की जड मजबूत होंगी और टूटना भी रुकेगा!
  • शहद में अंडे के पीले भाग को फेंट ले और फिर उसे स्कैल्प पर ठीक प्रकार से लगाए उसके लगभग 20 मिनट के बाद शम्पू से बालों को घो ले केशों का टूटना रुक जायेगा!
  •  नीम के पत्तो को पानी में लगभग एक घंटे तक उबाल कर छान ले और फिर उसको ठंडा कर ले, नहाने से पहले अपने केश को उस पानी से धो ले!

स्पाइन ट्यूमर-इलाज में ना बरतें लापरवाही; Spinal Cord Tumor Syndrome in Hindi

स्पाइनल कार्ड पर पूरा शरीर टिका होता है! इस में यदि ट्यूमर हो जाए तो इलाज सर्जरी टी है! और यह जितनी जल्दी करा ली जाए अच्छा है!

Spinal Cord Tumor Syndrome: स्पाइन ट्यूमर से जुडी जरूरी जानकारी: 

धरती पर जितने भी जीव-जन्तु है उन में इंसान ही एक ऐसा प्राणी है जो सीधा खड़ा हो कर चल सकता है! कुदरत ने यह श्रमता किसी और जीव को प्रदान नहीं की है! मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी के साथ अन्य अंग ऐसे जुड़े हैं की वह शरीर को अपनी सुविधानुसार घुमा-फिरा सकता है, इनका द्वारा किये गए सारे दैनिक कार्य शरीर में स्थित 'स्पाइनल कार्ड' द्वारा ही संपन्न होते है!

"Human can walk and stand on 2 legs but, God didn't given this ability to the animals as human, We can move our body parts any where easily according to our preferences and we can do easily all the daily works. But basically we can't do anything without Spinal Cord."



इस प्रथ्वी पर सब से विकसित मानव दिमाग ही है जो सोचता तो अवश्य है पर उसे अंजाम "स्पाइनल कार्ड' ही देता है! Without spinal cord we can't complete any instruction or do any activity given by our mind. नई दिल्ली के 'सर गंगाराम अस्पताल' के नूरो-सर्जन डॉक्टर सतनाम सिंह छाबडा का कहना है, "शरीर में रीढ़ की हड्डी में सुरक्षित "स्पाइनल कार्ड" की भूमिका बिजली के तार द्वारा ही पहुचती है, ठीक इसी प्रकार शरीर के प्रत्येक कार्य को पूरा करने में "स्पाइनल कार्ड की भूमिका प्रमुख है!"

रीढ़ पुरे शरीर का आधार होती है और शेष हड्डिया लाठी के पोरो की तरह एक दुसरे से जुडी होती है! पर रीढ़ की हड्डी लाठी की तरह सीढ़ी ना होकर 33 बर्तिब्रा द्वारा बनी होती है और हर 2 बर्तिब्रा के बीच एक डिस्क होती है! रीढ़ की हड्डी की पिछली तरफ कई छोटे छोटे जोड़ रहते है!  ये डिस्क और जोड़ ही रीढ़ की हड्डी को यह श्रमता प्रदान करते है की हम चारो तरफ झुक सकते है, जैसे शरीर के अन्य अंगो की हड्डिया उम्र के साथ साथ घिस जाती है वैसे ही रीढ़ की हड्डी भी घिस जाती है! कई लोगों में पानी की मात्रा कम होने से डिस्क फैट जाती है तो कमर दर्द रहता है! यह दर्द गर्दन से हाथ की तरफ या कमर से पैर की तरफ जा सकता है!

Spinal Cord Tumors Cancer Causes and Symptoms

डॉक्टर सतनाम सिंह छाबरा का कहना है की अभी तक रीढ़ यानि स्पाइन में ट्यूमर का इलाज काफी कठिन माना जाता रहा है लेकिन आज कई तकनीको के चलते यह आसान हो गया है स्पाइन ट्यूमर में सब से सामान्य वे ट्यूमर है जिस में कैंसर शरीर के किसी और हिस्से में है और ट्यूमर हड्डी में आ कर बैठ गया है! इस में प्रोटेस्ट का कैंसर भी शामिल है! इसे मैटास्टेसिस कहा जाता है! अपने देश में सब से ज्यादा स्पाइन ट्यूमर के रोगी इसी श्रेणी के है! स्पाइन ट्यूमर में कमर-दर्द के अलावा नर्व पर दबाव से पैर में लकवा मार जाने का खतरा भी बना रहता है!
Spine cord tumor affect on nerve system also not affect only on lower back. In this situation patient can feel tingling in the arms and leg.

स्पाइन ट्यूमर के अलावा स्पाइनल कार्ड में ट्यूमर हो सकता है! इस ट्यूमर की ख़ास बात यह है की यह किसी भी उम्र में हो सकता है! इस के इलाज में हड्डी को हटाने के अलावा कीमोथेरपी और रेडियो थेरपी से जितनी जल्दी इलाज हो पाए ठीक रहता है, बाद की स्थिति में रोगी को इस से कोई फायदा नहीं होता है! स्पाइन कार्ड के ट्यूमर का इलाज सर्जरी ही है!
It can be in any age, surgery is only the best option if patient have tumor in his spine cord. In its treatment surgeon removes not only bone but they also do chemotherapy and radio therapy as soon as possible

आज की भागदौड़ वाली इस जीवन शैली में रीढ़ की सब से आम बीमारी पीठ दर्द के बारे में डॉक्टरों का कहना है की पीठ दर्द का सीधा सम्बन्ध रीढ़ की हादी से है! "स्पाइन सोसाइटी ऑफ़ इंडिया" के अनुसार 30 वर्ष से अधिक अवस्था के 10 से 15 करोड़ व्यक्ति देश में पीठ दर्द के शिकार है! यानी आज लगभग 15 करोड़ व्यक्ति देश में पीठ दर्द की पीड़ा को झील रहे है!
More then 10-15 coror peoples are facing back pain in our country and It is important that we should maintain and manage our daily routine to get relief and painless life.

पीठ दर्द से बचने के लिए हालाँकि देश में ऑपरेशन की आधुनिक तकनीक मुहैया है लेकिन सावधानी से अच्छा कोई इलाज नहीं है! पीठ दर्द न हो, ऐसे प्रयास करने चाहिए! इस के लिए एक मुद्रा में बहुत देर तक खड़े न रहे, प्रेस करने, बर्तन धोने व खाना बनाने जैसे काम के समय भी जिस में पीठ झुकानी पड़ती है! बदन की मुद्रा का ध्यान रखें, सीधे झुक कर भारी बोझ उठाने के बजाय घुटनों के बल बैठ कर उठाना ठीक होता है!
हमारे मेरुदंड के प्रत्येक 2 वर्टिब्रा  के बीच में पतली, लचीली झिल्ली या गद्दी होती है जिसे इंटर वर्टिब्रा डिस्क कहते है! इस से मेरुदंड में लचीलापन आता है और ये स्प्रिंग जैसा काम करती है!

कई बार मासपेशियों के असंतुलन अथवा अचानक वजन उठाने से या अचानक शरीर मोड़ने से इंटर-वर्टिब्रा डिस्क के अन्दर की ओर का भाग, जो काफी मुलायम होता है, खिसक कर 2 वर्टिब्रा के बीच के छिद्र की ओर आ जाता है! इस से वहां की नसों पर दबाव पड़ता है और दर्द कमर से लेकर पैर तक कहीं पर भी होने लगता हैं जैसे पैरों में झुनझुनी तथा कमजोरी भी आने लगती है! आजकल स्लिप्ड डिस्क के इलाज के लिए स्पाइनल इंडोस्कोपी जैसी सर्जरी संभव हो गई है!

सब से पहले जानना जरूरी है की पीठ दर्द का कारण क्या है? Causes of Back Pain

पूरी जांच करवाना जरूरी है और आराम करने और दर्द निवारक मरहम लगाने से आम दर्द ठीक हो जाता है!
  • यदि ज्यादा काम करने से पीठ या कमर दर्द हो रहा है तो आराम करने से ठीक हो जायेगा!
  • शरीर को तनाव में न रखे!
  • ज्यादा बोझ न उठाये!
  • कब्ज से बचें!
  • शुरू से व्यायाम की आदत डालें सीढिया चढ़ना और तेज चाल में टहलना अच्छा व्यायाम है!
  • सिर्फ काम ही नहीं, आराम भी करें! बैठने का पोस्चर सही रखें संतुलित आहार लें!
  • भोजन में कैल्शियम वाली सब्जिया शामिल करें! हरी सब्जियां लें, साथ में विटामिन 'डी' लें!

साईटोट्रोन: अर्थराइटिस का सफल इलाज- Arthritis Painful Disease Treatment in Hindi

Arthritis Disease:

बुढ़ापे में अक्सर लोग जोड़ो के रोग के चपेट में आ जाते है! अब ऐसे मरीजों के लिए साईटोट्रोन चिकित्सा ने उम्मीद ले आई है!

उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर के अंग बेवफाई करने लगते है! बुढ़ापे आने की सब से पहली निशानी शायद जोड़ो का दर्द है! उम्र बढ़ने के साथ ही लोग जोड़ो के दर्द से परेशान होने लगते है! बहुत से उपाय करने के बाद भी दर्द से निजात पाना मुश्किल होता है, परन्तु अब शल्य चिकित्सा विज्ञान में उपलब्ध तकनीको द्वारा इस रोग से छुटकारा पाना संभव है!


अब बिना शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के ही साईट्रोन चिकित्सा से इस पर काबू पाया जा सकता है! बायो-एलेक्ट्र्रोनिक ऊतक के कारण घुटने के कार्टिलेज दुबारा भी विकसित हो सकते है, सब से बड़ी बात यह है की इस में रोगी को किसी प्रकार की तकलीफ का अनुभव भी नहीं होता है!

"Basically Arthritis means join inflammation and almost 200 types of rheumatic diseases and symptoms are seen which affects joints, those tissues that surrounding joints and connect each tissues with bodies other parts.Osteoarthritis is the most common type of arthritis disease."


वास्तव में आर्थराइटिस होता क्या है? What is Arthritis Disease?


इस सवाल पर कह सकते है की आर्थराइटिस जोड़ो में इस प्रकार की पीड़ादायक सुजन होती है, जो जोड़ो की बनावट भी बदल देती है! "Its a painful swelling in joints which affects on patients life and its change body structure also."  वैसे तो आम धारणा में आर्थराइटिस को वृद्धावस्था की बीमारी समझा जाता है, लेकिन मरीजो में यह 20 या 30 की उम्र में भी उत्पन्न हो सकती है, 45 व 50 साल के लोग अब अधिक मात्रा में इस बीमारी की चपेट में आ रहे है, आज लगभग 10 करोड़ भारतीय ओस्टियो आर्थराइटिस से पीड़ित है, यह आर्थराइटिस का बहुत ही साधारण रूप है जो बिमारी को बढ़ने का एक प्रमुख कारण भी है!

शोध यह दर्शाते है की ऐसे युवक जिन का वजन अधिक होता है उन को बढती उम्र के साथ ओस्टियो आर्थराइटिस होने की आशंका भी अधिक होती है, अधिक वजन होने के कारण जोड़ो में विकार की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, जो आर्थराइटिस की बढ़ावा देती है! रोगी चाहे किसी भी प्रकार के आर्थराइटिस से क्यों न पीड़ित हो, वह अपने रोजमर्रा के कार्य जैसे साइकिल चलाना, चलना-फिरना, गोल्फ खेलना, सफ़र करने आदि में असमर्थ हो जाता है, इसलिए शायद ओस्टियो आर्थराइटिस से रोगी अपने आप को वृद्ध महसूस करते है, चाहे वह अपनी युवावस्था में ही क्यों न हो!

यह भी सच ही है की 65 वर्ष में प्रत्येक 3 औरतों में से 2 औरतें आर्थराइटिस से पीड़ित होती है जब की 65 वर्ष के आदमियों में से आधे आदमी ही इस का शिकार होते है!

सीबिया मेडिकल सेंटर लुधियाना के निदेशक और देश के जानेमाने चिकित्सक डॉक्टर एस. एस. सीबिया कहते है की आर्थराइटिस एक मामूली से दर्द के रूप में शुरू हो सकता है मगर सही समय पर जाँच व उपचार के अभाव में यह एक विकार भी बन सकता है! मोटे लोगो में आर्थराइटिस की बिमारी उत्पन्न होने की अधिक आशंका होती है क्योंकि उन के जोड़ो पर अधिक दबाव पड़ता है! खासकर घुटनों व हिप के जोड़ो पर प्रभाव पड़ता है जहा पर दर्द व चोट का सब से पहला असर दिखाई देता है! भोजन के मूल कारण, आर्थराइटिस व गठिया आर्थराइटिस के बीच में कोई प्रमाणिक सम्बन्ध नहीं है! जोड़ दर्द के रोगियों को अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि अधिक वजन उठाना उन की पीड़ा को बढ़ा देता है!

स्वस्थ कैसे रहे- Best Way to be Healthy

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन एवं स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है और स्वस्थ एवं विकार रहित सोच उत्पन्न होती है जो आप को लक्ष्य तक ले जाती है! (Good and healthy body keeps healthy mind and it gives birth of healthy thoughts to carry you towards your destination)

विश्व स्वस्थ संगठन के अनुसार भी बीमारी की अनुपस्थिति ही स्वस्थ होने की निशानी नहीं है, बल्कि शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक उत्तमता की वह स्थिति जिस से मनुष्य एक लाभदायक एवं समाजोपयोगी जीवन जी सके, वही स्वस्थ है, पेश है कुछ सुझाव:

स्वस्थ रहने के उपाय-Best Way to be Healthy

  • बालो को स्वस्थ रखने के लिए बालों की जड़ो में मालिश करें तथा अत्यधिक शम्पू का उपयोग न करें! (Give a good massage to hair and don't use lots of shampoo.)
  • आँखों को स्वस्थ रखने के लिए समुचित प्रकाश में ही कार्य करें, नियमित जाँच कराएँ तथा नजदीक से टीवी tv न देखें! आँखों का ठन्डे पानी से सेक करे! (It is necessary for good eye sight that always do study and any work in proper light, timely do checkup of your eye sight to know about the health of your eye, don't watch T.V enough and seat at good distance while watching T.V)
  • नाक नियमित रूप से साफ़ करें!
  • कान की सफाई के लिए माचिस की तीली या कार की चाभी का उपयोग न करें बल्कि अच्छी क्वालिटी के बड का इस्तेमाल करें!
  • नाख़ून नियमित रूप से काटें!
  • चमड़ी अथवा त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आधुनिक सोंदर्य प्रसाधनो का अन्धाधुन प्रयोग न करें!
  • दांतों को स्वस्थ रखने के लिए 2 बार ब्रश करें, सुबह एवं रात को सोने से पहले!
  • सप्ताह या माह में एक दफा मालिश करें या कराएँ!
  • नियमित तनाव रहित, दबाव्राहित प्रसन्न मन से व्यायाम करें!
    स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है स्वस्थ शिक्षा, प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर (Prevention is better then cure) अर्थात रोकथाम इलाज से बेहतर होता है!
  • सुबह की सैर सर्वश्रेस्थ होती है परन्तु रात्री भोजन एवं सोने के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर रखें!
  • सीना फुला के गहरी गहरी सांस लेने से फेफड़ो की ताकत बढती है!
  • रात्रि भोजन पश्चात 2 किलोमीटर पैदल जरूर चलें, 'Sleep a while after lunch' walk a mile after dinner'.
  • संतुलित एवं हरी सब्जियों, फलो एवं दूधयुक्त भोजन करें!
  • कमर दर्द से बचने के लिए सही अवस्था में बैठे! 'Seat in good posture to be safe from back pain.'
  • गर्भावस्था के समय महिलाएं धूम्रपान न करें ताकि पैदा होने वाले बच्चे कमजोर एवं जन्मजात बीमारियों से ग्रस्त पैदा न हो! Women should not smoking if they are pregnant because it could be dangerous and unhealthy for your baby.

फ्रोजन फ़ूड व मिल्क ले रोजाना और फिट रहे

फ्रोजन फ़ूड से बढ़ते हुए वजन या मोटापे को कैसे कम करें? 

अगर आप अपने बढ़ते हुए मोटापे या वजन से बहुत परेशान हो चुके है और आप लगभग हर तरीका अपनाकर देख चुके है लेकिंग कोई फायेदा नहीं हुआ है तो अब आप फोर्जन फ़ूड Frozen Food are very useful if you want to keep fit your body and wish to loos and control your weight का इस्तेमाल करके अपने लगातार अधिक होते वजन को कण्ट्रोल कर सकते है, अमेरिका की लियोला यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम के द्वारा किये गए के खोज के मुताबिक फोर्जन फ़ूड बढ़ते हुए वजन या मोटापे को रोक सकती है क्युकी ये कम कैलोरी वाले होते है!
वैसे ये तो हमारे हिंदुस्तान के पूर्वज पहले से बताते आ रहे है, जब इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है तो इसे आजमाने में क्या हर्ज है! Frozen food is good to loose weight.

दूध रोजाना पिए और रहे तंदुरुस्त और फिट!

जो लोग नियमित प्रकार से रोजाना दूध पीते है वो साडी उम्र तंदरुस्त और चुस्त-दुरुस्त रहते है, लन्दन के ब्रिस्टल विश्वविध्यालय के शोध से पता चला है के जो लोग अपने बचपन से दूध का सेवन करते है वो बुढ़ापे में भी तंदरुस्त रहते है और अपना हर कार्य खुद करने में सक्षम होते है, दोध और इससे बनी हुई चीजो को खाने पर हड्डियों को ताकत व कैल्शियम मिलता है और शरीर संतुलित रहता है, (Milk is very good for body and bones, it gives calcium to prevent bone disease and help to make our bones more stronger and long life.)


इसका इस्तेमाल और इसके बारे में भी हमारे वेदों और पुरानो में पहले से लिखा है और हमारे पूर्वजो ने भी बताया है, ये बात और है के विदेशो में इसके बारे में अब पता चल रहा है और लोगो को बताया जा रहा है!

पहचाने बीमारियों के संकेत- Body Disease Precaution and Treatments

हमारा शरीर हमें शारीरिक लक्षणों Body Disease Signals के जरिये अक्सर बीमारियों से आगाह करता रहता है, लेकिन नासमझी में हम समझ कर भी या तो इसे नजरअंदाज कर देते है या फिर समझ नहीं पाते है!  और स्वास्थ्य के लिए कोई कदम न उठाने के कारण  हमारा शरीर बीमारी की चपेट में पूरी तरह आ जाता है!(Our body always show some signal when any disease or infection harms it, our bodies safety system start to work against the germs infections and its very necessary to understand those signal to cure it fast before any harm. otherwise it could be make big problem in our body. precaution and cure is much important before treatment)

अगर आपको बहुत ज्यादा पसीना High Sweat आता है और आपके होठ कटे-फटे दिखने लगे है, आपको लगातार सर में अक्सर दर्द Head Pain होता हो जैसे लक्षण कई अन्य प्रकार के लक्षण हमें होने वाली बीमारियों के बारे में बताती है संकेतो के जरिये शरीर की बीमारियों व रोगों को पहचान कर इनका निदान आसानी से करने में मदद मिलती है! बीमारियों के गंभीर होने पर शरीर कमजोर हो जाता है, ऐसा आप के साथ न हो इसके लिए मै आपको एन रोगों के लक्षण और इनसे निपटने के तरीके बताती हूँ!


बीमारियों और विभिन्न रोगों के संकेत और लक्षण:

 लक्षण: अधिक पसीना होने पर क्या करे?

  • वैसे तो शरीर में पसीना आना एक साधारण सी बात है, शरीर का तापमान इसके जरिये व्यस्थित रहता है और विषैले पदार्थ शरीर से बहार निकल जाते है, बाहरी मौसम के अनुसार व्यक्ति के शरीर का तापमान कण्ट्रोल में रहता है इसके जरिये!
  • पसीना हमारे भावात्मक विचारो और घटनाओ के घटने पर भी आ सकता है जैसे - डर, घबराहट, गुस्सा, शर्मिंदगी इत्यादी होने पर पसीना हो जाता है! 
  • अगर आपको अचानक रात में अधिक पसीना आने लगे तो या शरीर में किसी प्रकार के इन्फेक्शन होने का संकेत हो सकता है!
उपाय क्या है?
  • अलग अलग व्यक्ति को पसीना उसके शरीर की प्रकृति के अनुसार अलग अलग हो सकती है, इसके अधिक या कम आने की वजह का पता करना बहुत कठिन काम है! शरीर में पानी की कमी औरअधिकता पर भी इसका आना या न आना निर्भर करता है 
  • डीयोड्रेन्ट, बोटॉक्स इंजेक्शन, एंटी प्रेस्पिरेंट के इस्तेमाल से इसे कम कर सकते है!
  • ऐसा होने पर किसी अच्छे डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए

लक्षण: पीठ में दर्द होने पर!

  • अक्सर लोगो को कभी न कभी पीठ में दर्द की शिकायत होती है ये कई कारणों से हो सकती है जैसे: एक ही अवस्थ में देर तक बैठे हुए कम करने पर, जिम में अधिक वर्कआउट करने पर, या जरूरत से ज्यादा भरी वजन उठाने पर!
  • कभी कभार स्पाइनल डिस्क में गैप हो जाने पर भी दर्द की शिकायत होती है!
  • साइटिका या स्लिप डिस्क में भी दर्द या पीड़ा का अनुभव हो सकता है!
क्या इलाज है?
अगर आपको अक्सर पीठ में दर्द की समस्या होती है दर्द कम या जयादा जैसा भी हो डॉक्टर के पास जाकर सलाह जरूर ले और उचित इलाज कराएं! अधिकतर  98% मामलो में पीठ दर्द की वजह कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है!

लक्षण: लगातार सिर में दर्द होना!

  • सिर में दर्द वैसे तो कई वजहों से हो सकती है जिनमे से कुछ ये है: नियमित पूरी नींद न लेना, नींद पूरी नहीं होना, अधिक काम करना, तनाव, भूख लगना इत्यादी!
  • सर में अक्सर दर्द होने पर, पेन किलर लेना बंद कर देने पर भी हो हेमरेज, ट्यूमर, मेनिनजाइतिस इत्यादी इसकी वजह हो सकती है इसलिए इस समस्या को साधारण नहीं समझना चाहिए!
क्या उपचार है?
वैसे सिर में दर्द की वजह तो कुछ भी हो सकती है और इसके किसी बड़ी बीमारी में बदलने की संभावना भी बहुत कम होती है! सिर दर्द से परेशान होने की कोई भी जरूरत नहीं है!
अगर आपको अक्सर सर में दिर्द की समस्या होती है हो अपने डॉक्टर या चिकित्सक को इसके बारे में पूरी जानकारी जरूर डॉ उसे बताये के कब कहा और कितना दर्द होता है, और कितनी देर तक रहता है, जिससे उसे बीमारी को समझने में आसानी रहेगी!

लक्षण: त्वचा पर सुजन होना

त्वचा पर किसी भी जगह पर सुजन हो सकती है जैसे: हाथ-पैर, घुटनों पर, स्नायु इत्यादी पर सुजन हो सकती है! इसकी वजह शरीर में कोलेस्ट्रोल, शुगर व हाइपो-थाइरोइडइज्म हो सकता है!

इसका क्या इलाज है!
डॉक्टर से तुरंत मिलकर अपना शूगर, कोलेस्ट्राल, ब्लड टेस्ट जरोरो करवाना चाहिए!

लक्षण: नाखुनो का टूटना या मुड जाना

न्यूट्रीशनल-डेफीशीयांसी की वजह से नाख़ून टूटने लगते है ऐसा शरीर में कैल्शियम, विटामिन-डी और जिंक की कमी के कारण होता है, कभी कभी नाखुनो में संक्रमण भी इसकी वजह होती है!

कैसे ठीक करे: 
  • नाखुनो को हमेशा समय पर साफ़ करे और इन्हे छोटा रखें
  • नियमित व समय पर भोजन करे और उचित मात्र में पूरा डायट ले जिससे शरीर में पोषण की कमी ना हो पाए और यदि इसके बाद भी कोई फायेदा नजर न आए तो किसी अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करे!

थाइराइड रोग का उपचार और लक्षण- Thyroid Symptoms and Treatment in Hindi

गले के मध्य में थाइराइड ग्रंथि होती है और यह ग्रंथि त्वचा के बहुत नजदीक होती है इसलिए मौसम में बदलाव होने पर इस ग्रंथि पर जल्दी संक्रमण होने की सम्भावना होती है! मौसम के बदलाव के साथ ही थाइराइड के मरीज की जाँच जरूर करानी चाहिए!


क्या है थाइरोएड Thyroid Disease

थाईरोएड हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और ये एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो गले के बीच में होती है, यह ग्रंथि शरीर में हॉर्मोन का निर्माण करती है और शरीर को स्वस्थ रखती है और ये मेटाबोलिज्म को नियंत्रित भी रखती है, इस ग्रंथि के अधिक सक्रिय या कम सक्रिय होने पर थाइराइड से सम्बंधित परेशानिया होने लगती है!



थाइरोइड कितने प्रकार का होता है? Types of Thyroid Disease
थाइरोइड 2 प्रकार का होता है-
  • हाइपो-थायराइ और हाइपर-थाइरोइड (Hypo-Thyroid and Hyper-Thyroid)
हाइपो थाइरोइड (Hypo-Thyroid )- जब थाइरोइड ग्रंथि बहुत धीर धीरे काम करती है या असक्रिय हो जाती है तो शरीर में हॉर्मोन का स्राव व संतुलन बिगड़ जाता है! इसमे जरूरी T3 और T4 होरमोन का संतुलन बिगड़ जाता है हाइपो-थाइरोइड के निम्न लक्षण है;
  • शरीर का वजन बढ़ना
  • अधिक ठण्ड महसूस होती है
  • मन किसी भी काम में नहीं लगता
  • अक्सर कब्ज व गैस की समस्या रहती है
हाइपर-थाइरोइड (Hyper-Thyroid)- जब थाइरोइड ग्रंथि काफी तेजी से अधिक कार्य करने लगती है और अधिक हार्मोन निकल कर शरीर में व खून में मिलने लग जाता है तो ये स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इस के लक्षण इस प्रकार है:
  • अधिक भूख लगना
  • शरीर की मास्पेशियो का कमजोर पड़ना
  • व्यक्ति निराश रहने लगता है
  • नींद नहीं आने की समस्या होने लगती है

थाइरोइड की पहचान के लक्षण

इस बीमारी में कई तरह की समस्याए उत्पन्न हो जाती है और रोगी अक्सर किसी न किसी समस्या के जूझता रहता है! इस रोग के कई स्वाभाविक लक्षण देखने में आते है जो इस प्रकार से है! (Thyroid patient suffer  lots of body problem in their entire life, this disease requires attention and cure, patient should not ignore any type of general symptoms which he is facing and always do checkups once on every 5 to 6 month.)
  • अनावश्यक तरीके से वजन का बढ़ना या धटना - uncommon weight increase
  • आवाज का भारी होना
  • गर्दन के निचले भाग में सुजन अथवा गांठ और दर्द की समस्या होना
  • बोलने या कोई काम करने पर साँस फूलने लगना
  • साँस लेने में परेशानी होना
  • भूख का अनियंत्रित हो जाना
  • (depression ) डिप्रेशन में पड़ जाना
  • नींद या अनिद्रा की परेशानी
  • स्किन का रूखा या खुरदुरा पड़ना
  • स्किन से सम्बंधित बिमारिया होना
  • अधिक ठण्ड महसूस करना
पिच्युटरी ग्रंथि और थाइरोइड ग्रंथिया एक साथ क्रिया करती है जिससे शरीर तापमान को नियंत्रित कर सके! थाइरोइड ग्लैंड के असामान्य रूप से कार्य करने पर या कार्य न कर पाने पर व्यक्ति को ठण्ड का अनुभव होता है! और शरीर ठंडा होने लगता है! पिच्युट्री ग्रंथी TSH स्धिक मात्रा में उत्पन्न होने लगता है! सामान्य व्यक्ति के शरीर में थाइरोइड ग्रंथिया T4 हार्मोन का स्राव करके शरीर का तापमान सामान्य कर देती है जो मौसम के अनुसार शरीर का तापमान ठंडा और गरम रखती है! ठण्ड अधिक होने पर TSH अधिक और गर्मी अधिक होने पर TSH घट जाता है!

थाइरोइड की बीमारी महिलाओ को अधिक होती है?

अधिक तनाव व अवसाद होने पर महिला इस रोग की गिरफ्त में आसानी से आ जाती है, रिपोर्ट के अनुसार 100 में से 70% महिलाये इस रोग से पीड़ित होती है! लेकिन अधिकतर को पता नहीं चल पता के वे इस बीमारी से पीड़ित है! लापरवाही बरतने पर मोटापा, डिप्रेशन, अवसाद, बाझपन, जैसी अनेक समस्याए हो जाती हैइसलिए हर पाच साल में कम से कम एक बार महिलाओं की अपनी जाँच करते रहना चाहिए!

उज्जयी आसन से थाइरोइड में लाभ

उज्जयी आसन जरूर करे, कम से कम रोजाना 1 बार अवश्य करें से लाभ हो सकता है, लम्बे समय तक करने से इससे अद्भुत लाभ होते देखे गए है, उज्जायी आसन से थाइरोइड पूरी तरह जड़ से ख़तम हो सकता है, इसे आप नियमित रूप से जीवन का हिस्सा बना ले.अवश्य लाभान्वित होंगे!

दिनचर्या संतुलित योग युक्त हो?

किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन संयमित रखना चाहिए और योग अवश्य करने से बहूत लाभ होता है, योग के जरिये थाइरोइड ग्रंथि की परेशानिया ठीक हो सकती है इससे ये ग्रंथि सक्रीय हो कर सुचारू रूप से कार्य करती है!
  • अपना वजन न बढ़ने दे
  • सोते हुए या लेते हुए भोजन न करे और न ही tv, कंप्यूटर इत्यादी चलाये, 
  • आजकल लोग मोबाइल का इस्तेमाल बहूत अधिक करने लगे है लगातार लम्बे समय टेक इसका इस्तेमाल करने पर ये समस्या गंभीर रूप से बढ़ सकती है,
  • कोशिस करे के तकिया न लगाए और लगाना ही चाहते है तो बेहद पतली तकिया इस्तेमाल करें, जिससे गर्दन सीदे ही रहे
  • हमेशा नींद पूरी ले
  • आप एक्यूप्रेशर ट्रीटमेंट का भी इस्तेमाल कर सकते है

 खान-पान कैसा हो?

  •  थाइरोइड के रोगी कोखाने में आयोडीन युक्त भोजन करना चाहिए! आयोडीन नमक के अलावा समुद्री मछली और समुद्री जीवो और समुद्री शेवाल भी अच्छा स्त्रोत है इनसे आप आयोडीन भोजन प्राप्त कर सकते है! 
  • हरी साग-सब्जियाँ व पत्तेदार ताजी सब्जिया अधिक खाएं, हरी मिर्च, धनिया, प्याज, लहसुन टमाटर, बहुत फायदेमंद होती है!
  • विटामिन डी (Vitamin D) युक्त पदार्थ; दूध, गाजर, अंडे, समुद्री मछली, मशरूम का प्रयोग करे!
  • अखरोट, बादाम, सूरजमुखी के बीज, सूखे मेवे खाने चाहिए ये फायदेमंद होते है!
  • नारियल, दही, गाय का दूध, नारियल तेल, पनीर भी अच्छा व लाभकारी होता है!

थाइरोइड के मरीज क्या नहीं खाए

  • सिगरेट और इसके धुएं से बचे इसमे मौजूद थायनोसाईनेट थाइरोइड ग्रंथि को नुक्सान पहुचता है, शराब और किसी भी प्रकार के नशे से बचें!
  • ब्रोकली, फूलगोभी और पत्तागोभी नहीं खाना चाहिए ये थाइरोइड में नुक्सान दायक होते है
ये सब सावधानीयां और उपाय अपना कर आप थाइरोइड जैसी बड़ी समस्या से अपना बचाव कर सकते है! तथा हर 5-6 महीने में अपनी थाइरोइड जाँच जरूर कराए व चिकित्सक सलाह करके अपनी दवाई नियमित रूप से ले!

साइनसाइटिस का उपचार आयुर्वेद से- Sinusitis disease and Symptom

मौसम में परिवर्तन होने पर कई तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, इसलिए ऐसे मौसम में जरूरी है के अधिक सावधनी और साफ़ सफाई बरती जाए! ऐसे मौसम में होने वाली बीमारियों में से साइनसाइटिस एक है, इसका इलाज समय पर होना बहुत जरूरी होता है अन्यथा इसके अधिक बढ़ जाने पर नाक का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है!

नाक शरीर का बहुत संवेदनशील अंग है, साइनसाइटिस Sinusitis disease जैसी बीमारिया जो फंगल संक्रमण (fungal infection) के कारण होती है इनके होने का खतरा अधिक होता है! नाक के जरिये सांसो से शरीर में ये रोग पहुच जाता है साइनसाइटस नाक से चारो तरह एक हवा की थैली होती है! नाक से ली जाने वाली साँस इस थैली के जरिये फेफड़ो तक पहचती है! दूषित हवा को ये थैली अन्दर जाने से रोकती है और बलगम के जरिये शरीर से बाहर कर देती है! साइनसाइटिस साइनस में म्यूकस का मार्ग अवरुद्ध होने के कारण होता है!

साइनसाइटिस के क्या लक्षण है? Sinusitis Symptoms

साइनसाइटिस हो जाने पर व्यक्ति को जुखाम महसूस होता है व जुखाम जैसे लक्षण जैसे हल्का बुखार, नाक बंद होना व बहना और नाक के अन्दर खुजली महसूस होना इत्यादि-( below mentioned Sinusitis Symptoms)
  • छोटे बच्चो हल्का बुखार सर्दी के शुरुआत में होती है तो साइनसाइटिस हो सकती है!
  • व्यस्को और बड़े लोगो व्यक्तियों में दिन में सुखी खासी होती है जो इस बीमारी का कारण हो सकती है!
  • रोगी की आवाज भरी या उसकी आवाज में परिवर्तन आ जाता है!
  • सर में भारीपन और नाक से व मुह से बलगम आने लगता है!
  • नाक से पानी बहना, चिंक आना, नाक में खुजली होना सांस लेने में परेशानी महसूस होना जैसी समस्या हो सकती है!

आयुर्वेद से साइनसाइटिस का इलाज Sinusitis Treatment with Ayurveda

आयुर्वेद में इस रोग के इलाज Sinusitis Treatment की वजह कफ का प्रभाव का अधिक होना कारण मन जाता है, इसके प्रभाव को कम करके इसका इलाज किया जाता है! आयुर्वेद में इस रोग का कारण दुष्ट प्रतिशय मन जाता है जो कफ को बढ़ता है जिससे रोगी का श्वसन तंत्र संक्रमित होता है!

क्या उपचार है? Treatment

आयुर्वेद में पंचकर्म को सबसे उत्तम उपाय best treatment बताया गया है, और इसमे सोधाना नास्या* के विशेष तौर पे इस्तेमाल किया जाता है! इसके जरिये साइनस में मौजूद म्यूकस को बंद करके प्रभावित करने वाले सभी कफ बाहर आ जाते है और शरीर को आराम मिलता है! साइनसाइटिस में नम और शुष्क (सूखे) कफ का एक सात इलाज किया जाता है,

सोधाना नास्या*: हर्बल जूस और औषधिय तेलों से बना मिश्रण, धुम्रपान (धुम्रकरण) एवं काबला [विभिन्न औषधियों से बना काढा, जो गरारे के लिए दिया जाता है] के मिश्रण से बनता है ये शरीर में मौजूद कफ के गढ़ेपन को ख़तम करके उसे तरल रूप में बना देता है जिससे वो बाहर आ जाता है! को नास्या कहतेह है!

ये जरूरी बाते भी ध्यान रखे!

  • साइनसाइटिस भोजन में कमी के कारण भी हो सकता है!
  • अनियमित दिनचर्या और खानपान इसके उपचार व इलाज में बाधक हो सकती है, इसलिए उसे नियमित करे!
  • तैलीय पदार्थ, भरी और ठंडा पदार्थ भी खाने से दूर रहे!
  • दिन में सोना नहीं चाहिए!
  • कोशिस करे के अधिक ठण्ड से बचे रहे!