दिल का रोग क्यों होता है और आयुर्वेदिक इलाज? -Heart Disease Information & Treatment in Hindi

दिल की बीमारी के लक्षण क्या है?

अगर आपके सीने या छाती में जलन की शिकायत या फिर कमजोरी, जल्दी थकान होना, बहूत अधिक पसीना आ रहा हो और सांस फूलती हो जो शहरो में ज्यादातर एक आम समस्या के नाम पर लोगो में देखने में आती है और ज्यादातर लोग इसे सामान्य परेशानी समझते है अगर आप भी उनमे से एक है तो आप थोरा सचेत हो जाइये ये दिल की बीमारी के भी लक्षण है, लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है!

जाने क्या कहना चाहता है आपका दिल?

आपने स्कूल में ये अवश्य पढ़ा ही होगा के व्यक्ति के दिल की धड़कन एकमिनट में 60 से 90 बार धड़कती (BMP) है! लेकिन इसके अधिक हो जाने या असंतुलन बढ़ने पर हार्ट अटेक(Heart Attack) या Cardiac Arrest होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है! जब शरीर में लाल रक्त kadikao की मात्र में कमी होने लगती है तो दिल/ ह्रदय को अत्यधिक कार्य करना पड़ता है जिससे के सारे शरीर को समुचित मात्रा में रक्त की आपूर्ति हो सके! वैसे तो तनाव होने पर या अनीमिया होने पर भी दिल की धड़कन बड जाती है!

दिल की मासपेशियो का रोग क्या है और क्यों होता है?

जब दिल के अकार किसी करणवश कठोर या मोटापन आ जाता है जो अनियमित रूप से बढ़ना भी हो सकता है अगर ऐसा होता है तो हमारे ह्रदय को रक्त पम्प करने में बढ़ाये आने लगती है! जो खतरनाक हो सकता है यह स्थिति गंभीर हो सकती है और हार्ट फैलिअर होने की संभावना होती है!

Cardiac Arrest क्या होता है?

 हमारे देस में 50% लोग कार्डियक अरेस्ट ( Cardiac Arrest) की वजह से मरते है! इसमे किसी को इतने टाइम भी नहीं मिलता के रोगी को अस्पताल तक पहुचाया जा सके! इस केस में दिल हर प्रकार से बंद हो जाता है और रक्त को पंप करने की प्रक्रिया रुक जाती है!  इसे cardiac pulmonary arrest भी कहते है!
यह रोग अनुवांशिक कारणों से और तम्बाकू, गुटका सेवन व धुम्रपान से भी होता है!

Heart Fail- हार्ट फेल क्यों होता है?

ये समस्या सामान्य तौर पर बुजुर्ग लोगो में अधिक देखने में आती है! जब दिल की मस्पेशिया किसी करणवश श्रतिग्रस्त हो जाती है और रक्त का संचरण सारे शरीर में ठीक से नहीं हो पता है तो हार्ट फेल होने की संभावना होती है! सांस लेने में कठिनाई, थकान और पैरो में सुजन इसके लक्षण माने जाते है! इसमे हार्ट काम करता रहता है लेकिन अनुचित मात्र में जरूरत के अनुसार रक्त पम्प नहीं कर पाता! ये डिजीज (disease ) वायरस के होने वाले संक्रमण की वजह से या फिर हार्ट वाल्व, कोरोनरी हार्ट डिजीज, दिल की मास्पेशियो के श्रतिग्रस्थ होने पर भी हो सकती है!

Volwoolar Heart Disease- वोल्वूलर हार्ट डिजीज

कभी कभी किसी कारणवश हार्ट के वोल्व में होने वाला रक्त का रिसाव होने लगता है जिसकी वजह वोल्व का संकरा होना या श्रतिग्रस्त होना हो सकता है ये वोल्व के कार्य करते वक्त सही प्रकार से बंद न होने पर भी हो सकता है! इसे वोल्वूलर हार्ट डिजीज कहा जाता है!

एनजाइना पैन- Angina Pain

छाती में दर्द को सामान्य तौर पर एनजाइना हार्ट डिजीज के तौर पर जाना जाता है!यह दर्द कोई भी शारीरिक श्रम करने पर बढ़ जाता है और जब शरीर आराम की मुद्रा में होता है तो इस दर्द में भी कमी आती है! एनजाइना आर्थोस्क्लेरोसिस के जरिये होता है तथा इसकी वजह से दिल में खून का प्रवाह कम हो जाता है, जिसकी वजह से बाये कंधे, छाती और जबड़े में दर्द महसूस हो सकता है!

Coronary Heart Disease कोरोनरी हार्ट डिजीज क्या होती है?

इसे धमनियों या फिर एसोचेम हार्ट डिजीज भी कहते है! यह खून की नालिकाओ में प्लाक के जैम जाने के कारण होता है और नलिकाए संकरी हो जाती है, जिससे खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता, इसके कारण एंजाइना, अटैक या हार्ट फैलिअर हो सकता है!

टीबी की बीमारी का इलाज है: टीबी से बचाव के उपाय T.B Disease Safety

टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके हो जाने पर लोग छुपाने की कोशिश करते है, व्यक्ति सोचता है के अगर किसी को पता चल गया तो सब उससे दूर भागेंगे और कोई उसके पास नहीं आयेगा! टीबी से पीड़ित व्यक्ति अपने दोस्तों सहित सबसे छुपता है!

People generally try to keep hidden their T.B disease with their known. They thinks, their know will make distance with him if they know about about his disease.

हाल ही में टीवी पर एक प्रचार प्रदर्शित हुआ जिसमे फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन ने बताया के सन 2000 में उन्हें भी टीबी की बीमारी हो गई थी! उन्हे आश्चर्य हुआ के ये बीमारी उन्हे कैसे हो सकती है, फिर उन्होने उसका नियमित तरीके से इलाज कराया और तब से वो एकदम स्वस्थ है!

TB ki bimari aur bachav
 
पहले ये माना जाता था के टीबी गरीबो की बीमारी है! और ये अमीरों को नहीं होती लेकिन ये धारणा एकदम गलत साबित हो चुकी है, दिल्ली जैसे शहर में हाई सोसाइटी में रहने वालो में जो अच्छा खाते पीते है अच्छा पहनते है, क्या उन्हे भी इस बीमारी का संक्रमण हो सकता है? क्या टीबी अब गरीबो और अमीरों दोनों को हो सकती है?

क्यों और कैसे फैलती है टीबी की बीमारी

डॉक्टर्स रोगी को अपनी जीवनशैली बदलने की सलाह दे रहे है! ये एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, इसलिए हर वर्ग के व्यक्ति को इसे साधारण नहीं समझते हुए समझदारी से नियमित रूप से अपना इलाज करने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए!

ट्यूबरक्युलोसिस एसोसिएशन के डॉक्टर्स का कहना है के वैसे तो इस रोग का मूल जीवनशैली नहीं है, लेकिन जो लोग मोटापे, मधुमेह, एड्स इत्यादी से पीडित है और गुटका, तम्बाकू और सिगरेट का सेवन करते है तथा भीड़ वाली जगहों पर रोजाना काम करते है! तथा जिन व्यक्तियों के शरीर में प्रतिरोधक श्रमता कम होती है व जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाते है! ये सब वजह इस बीमारी को जीवन शैली से जोड़ रही है! इस प्रकार की जीवनशैली व दिनचर्या अपनाने वाले लोग टीबी का शिकार हो जाते है! Best treatment and cure of T.B is safety and healthy food. It is necessary to cure properly as directed by doctor .

टीबी एक जिद्दी बीमारी है एक बार हो जाने पर पूरी तरह ठीक होने में बहूत वक़्त लेती है इसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही जानलेवा हो सकती है!अगर टीबी से ग्रसित व्यक्ति अपना एलाग समय रहते ठीक से नहीं कराता है तो वो एक हर साल 10 से 15 लोगो को संक्रमित कर सकता है! ये रोग किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती है गरीब या अमीर या कोई भी आय वर्ग क्यों ना हो इससे नहीं बच सकता! एक दुसरे के संपर्क में आने के बाद किसी को भी ये बीमारी हो सकती है!

चेन्नई में स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च इन ट्यूबरक्युलोसिस की निर्देशिका सौम्य ने शूगर और टीबी को लेकर बड़ा खतरा जताया है, उनका कहना है के मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति को टीबीहोने का खतरा 3 गुना अधिक बढ़ जाता है! क्योकि शूगर व्यक्ति के शरीर की सुरक्षा प्रणाली और प्रतिरोधक श्रमता को नुक्सान पहुचकर कमजोर बना देती है!

ये जानकर समस्या के और भी खतरनाक होने का पता चलता है के भारत में मधुमेह बहूत तेजी से लोगो को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है, तथा ऐसे लोगो में टीबी शरीर की हड्डियों व तंत्रिकाओ को संक्रमित कर देती है! टीबी के बेक्टीरिया बड़ी आसानी से फेफड़ो को नुक्सान पंहुचा सकते है और उनका सबसे पहले हमला वही पर होता है! कमजोर शरीर में इसके बक्टिरिया आसानी से विकसित होने लगते है!

एक रिपोर्ट में विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार 2030 तक देश में लगभग 80 करोड़ लोग मधुमेह से पीडित होंगे! एमडीआर-टीबी पार्टनरशिप मीडिया फ़ेलोशिप प्रोग्राम में सौम्या ने कहा के अगर किसी बड़े समूह के लोगो के मोनेतो टेस्ट (टीबी का पता करने के लिए किया जाने वाला टेस्ट) इंजेक्शन के जरिये tubersiline त्वचा में डाल कर इसका प्रभाव देखा जाए तो तकरीबन १० में से 6 लोग इस बीमारी से ग्रसित पाए जायेंगे!

अक्सर टीबी की बीमारी कई बार टेस्ट करने पर भी पता नहीं चल पाती है, लेकिन इसका पता लगा लिया जाता है के टीबी के जीवाणु शरीर में आ चुके है! टीबी के कीटाणु बस में, रास्ते में, ट्रेन में, कैंटीन में, शौचालय में बाज़ार में कही भी किसी के जरिये खासने, थूकने, इत्यादी से हवा के जरिये आपके शरीर में प्रवेश कर जाते है और उसके बाद समय का इंतज़ार करते रहते है जैसे ही आपका शरीर कमजोर होता है ये बड़ी तेजी से सक्रिय हो जाते है और फ़ैल जाते है!

BLK सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल से जुड़े डॉक्टर विकास मौर्या का कहना है के तपेदिक (टीबी) के ऐसी बीमारी है के ये शरीर में प्रवेश के बाद चुप जाती है और प्रतिरोधक श्रमता के कमजोर होने का इंतज़ार करती है! ये शरीर में छुपकर कई सालो तक इंतज़ार करते है जब कभी मौका मिलता है ये अचानक सक्रिय हो जाते है!

गरीब या अमीर सभी इसकी चपेट में हमेशा रहते है, लम्बी अवधि तक छुपने की और लम्बे समय तक जीवित रहने की प्रतिरोध श्रमता को विकसित कर सकने की इन कीटाणुओं की श्रमता इन्हे कई गुना तेजी से कही भी फैलने में कारगर हुई है! इन सब को देखते हुए ये कहना के टीबी के जीवाणु लगभग हर जगह मौजूद है कहना गलत नहीं होगा, देश भर में लोगो की बिगडती जीवनशैली उन्हें बड़ी तेजी से इसकी गिरफ्त में लाती जा रही है!

टी.बी की बीमारी को कैसे रोका जा सकता है? -How To Prevent T.B Disease?

  • टी.बी. के कीटाणु हवा में 5 घंटे तक जीवित रहते है इसलिए सावधानी की अत्यधिक जरूरत है, टी.बी. के मरीज के हर सामान को अलग रखे और दूषित न छोड़ें.
  • साफ़-सफाई रखे
  • इधर-उधर थूके नहीं
  • मुह पर कपडा रख कर ही खासें

डॉक्टर वी.के अरोड़ा के कहना है : के टीबी के कीटाणुओ से बचने के लिए अपने शरीर को निरोग रखो, अच्छा साफ़ सुथरा भोजन ही खाओ, बहार का या बाज़ार का खाना खाने से बचना चाहिए, अगर आपको टीबी की पुष्टि हो गई है और डॉक्टर ने जाँच में लिख दिया है तो उसकी सलाह पर इलाज करवाए और नियम अनुसार दावा और भोजन नियम से बिना किसी रुकावट के लेना जरूरी है! इलाज बिना पूरा किये दवाई बंद न करे अन्यथा DMR टीबी होने की स्थिति हो सकती है जिसके इलाज में बहूत खर्चा आता है! तथा ये कष्टप्रद होता है!

डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है : के मरीज का पहला इलाज चल रहा है तो ये तकरीबन 6 से 8 महीने चलता है! टीबी के इलाज के लिए सरकार ने डॉट्स नाम से कार्यक्रम चला रखा है जिसके कई केंद्र देशभर में गाँवो और शहरों में खुले है, या केंद्र मरीजो को डॉक्टर्स के सामने दवाई खिलाता है और ये सुनिश्चित करता है के रोगी सामने ही हर रोज दवाई खाए! प्रतिरोधक श्रमता जब तक अच्छी रहती है वो शरीर पर टीबी के कीटाणुओं को हावी नहीं होने देता है!

क्रोनिक किडनी के लक्षण ट्रांसप्लांट और डायलिसिस : Chronic Kidney Disease in Hindi

क्रोनिक किडनी (Chronic Kidney Disease) के रोगी को बहुत परेशानी होती है! इसमे मरीज को ज्यादा देखभाल और ज्यादा संतुलित तरीके से खान पान चार्ट के अनुसार डॉक्टर के परामर्श से ही लेना चाहिए, शरीर में पानी की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए!
Kidney disease has no cure but regular treatment can reduce the dangerous condition and risk of development of this disease and related problems.

क्रोनिक किडनी (Chronic kidney patients should be careful towards heart disease also as it increases the problems required more cure.)  में व्यक्ति को दिल के रोगों से भी सावधान रहना चाहिए क्योकि उन्हें इसका ज्यादा खतरा रहता है! रोगियों की ज्यादातर म्रत्यु दिल से जुडी बीमारियों के कारण होती है समय पर पता चल जाने से इलाज में आसानी रहती है अन्यथा परेशानी बढ़ जाती है!

Some types of kidney disease can be treated, but generally people thought, chronic kidney disease has no cure. after understand the symptoms and signs it become easy to control and reduce the complication and the progress of disease becomes slow after starting the treatment. If some parts of kidney become damaged, then you my required end-stage treatment.

क्रोनिक डिजीज का पता आसानी से निम्न तरीको से की जाती है - How To Know Chronic Disease

  • यूरीन एलबुमिन - Urine Albumin
  • सीरम क्रीयेटीनिन टेस्ट- Serum Cretinen Test
  • ब्लड टेस्ट - Blood Test

क्रोनिक लीवर की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए? Don't Eat

  • पानी का सेवन जितना कम हो सके उतना कम करे, बेहतर ये होगा के फ्रीज में बरफ जमा करके रखे जब प्यास लगे तो एक बर्फ के टुकड़े को मुह में लेकर घुमाए और बाहर फैंक दे!
  • प्यास लगने पर गीले रुमाल को गले पर रखे!
  • छोटे कप में थोडा पानी ही पिए (drink little water in a smaller cup)
  • खाने में दाल, या तरल (take lower liquid food) पदार्थ खाने से बचे!

 ब्लड टेस्ट: खून की नियमित जाँच जरूरी है? Regular Blood Test

  •  मरीजो को नियमित रूप से हर महीने 2 बार खून की जांच करना चहिये, इससे मरीज के शरीर में उपस्थित हानिकारक तत्वों जैसे की फोस्फोरस, पोटेशियम, क्रीयेटीनिन, ब्लड यूरिया, होमोग्लोबीन इत्यादी की मात्रा का पता चल जाता है!
  • मरीज की स्थिति के मुताबिक ब्लड टेस्ट से ये भी पता चल जाता है के कितनी मात्र में बी-12, आयरन, और PTH मौजूद है और उसी के अनुसार उसके इलाज में मदद मिलती है!
  • किडनी के मरीज को तकरीबन हर 6 महीने में HIV, हेपेटाइटिस-बी-सी (Hepatitis-B and C ), की जांच भी करानी चाहिए! और अगर इनमे से कोई भी बीमारी से किडनी रोगी संक्रमित पाया जाता है तो उसके डायलिसिस के समय अत्यधिक सावधानी की जरूरत पड़ती है और उसके लिए हर डायलिसिस में नए डायलिज़र की जरूर होती है इस सावधानी से दुसरे मरीजो को इस खतरे से बचाया जा सकता है

किडनी ट्रांसप्लांट के क्या नियम है? How To Kidney Transplant

Human Organ Transplant कानून के तहत इसमे उन सभी लोगो की जानकारी होती है जो कोई अंग दान करने के योग्य होते है इसमे एक समिति दान करने वाले के बारे में सारी इनफार्मेशन पर विचार करती है और वीडियोग्राफी भी की जाती है, ट्रांसप्लांट के लिए ब्लड रिलेशन वाले व्यक्ति ही सबसे बेहतर माने जाते है!

डायलेसिस(Dialysis) क्या है और कैसे किया जाता है?

डायलेसिस में खून को साफ़ किया जाता है तथा शरीर में बढ़ने वाले टोक्सिन्स को भी मशीन के जरिये बाहर निकला जाता है, डायलेसिस सामान्यत: 2 तरह के होते है!
Dialysis is a process of blood cleaning in kidney patient and it also release toxins from the body by machines. There are 2 types of dialysis.

किडनी डायलेसिस ट्रीटमेंट - Kidney Dialysis Treatment

  • होमोडायलेसिस - Homo-Dialysis: इस डायलेसिस में 4 घंटे तक लगते है और इसे अस्पताल में ही किया जा सकता है! तथा ये एक हफ्ते में 2 बार किया जाता है जो डॉक्टर्स ही करते है एवं इसे कम या ज्यादा करने का फैसला भी डॉक्टर्स ही लेते है!
  • पेरीटोनिअल- Peritoneal : ये डायलेसिस व्यक्ति अपने घर पर रहकर ही कर सकता है तथा इसे करने के लिए रोगी के शरीर में सर्जरी के द्वारा वोल्व जैसी चीज स्थापित की जाती है! इसके लिए अलग तरह के पानी का इस्तेमाल होता है, डॉक्टर्स मरीज या उसके परिवार में किसी को इसको करने की प्रक्रिया समझा देते है उसके बाद इसे वे खुद घर पर ही कर सकते है! लेकिन इसमे ज्यादा सावधानी की भी जरूरत पड़ती है अन्यथा इन्फेक्शन हो सकता है तथा ये कम खर्चीला भी होता है!

क्या कहते है आंकडे?

  • भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति को इस बीमारी का खतरा रहता है!
  • तकरीबन 70% लोग इस बीमारी का सही तरीके से इलाज नहीं करवाते जबकि बाद में इसके अधिक महंगे होने की वजह से लोग इलाज नहीं करवा पाते है!
  • देश भर में इसके इलाज के महंगे होने के कारण केवल 3500 लोगो का ही ट्रांसप्लांट हो पता है!
  • इस बीमारी से लोगो को जागरूक करने के लिए 12 मार्च को हर साल World Kidney Day घोषित किया गया है!
  • भारत में लगभग 1,50,000 लोगो को किडनी के फेल होने के कारण डायलेसिस या फिर किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है!

किडनी रोग के लक्षण और इलाज के उपाय- Kidney Disease Treatment and Symptoms in Hindi

दोस्तों, हमारे शरीर के हानिकारक पदार्थो को शरीर से छानकर बाहर निकलने का काम किडनी का ही होता है! किडनी हमारे शरीर के लिए रक्त शोधक का काम करती है, हम जो कुछ भी खाते है उसमे से विषैले तत्वों और नुकसान पहुचने वाले पदार्थो को यूरिनरी सिस्टम (मूत्राशय) के जरिये बाहर निकाल देती है जिससे के शरीर ठीक तरीके से काम कर सके और जहरीले तत्व कोई हानि नहीं पंहुचा सके!
किडनी रोग के कारण और उपचार
हमें देश में दिन प्रति दिन ये बीमारी विकराल रूप से बड रही हैऔर इस बीमारी की वजह से लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते है! दुख की बात तो ये है के इस बीमारी का बहुत देर से पता चलता  है जब तक किडनी 60-65% तक ख़राब हो चुकी होती है! इस रोग में बहूत सावधानी बरतनी पड़ती है!

किडनी फेल क्यों होती है? Kidney Fail

हमारे शरीर के रक्त को शोधित करने का काम करने वाली किडनी खून में से हानिकारक पदार्थो को मूत्र के माध्यम से अनावश्यक व जहरीले तत्व बहार कर देती है!
Kidney works as a blood purifier and it removes all toxins and poisons from our body via urinary system.

किडनी रोग के लक्षण क्या है!

इस रोग का पता वैसे तो जल्दी नहीं लग पता लेकिन अगर सावधानी रखी जाए और लक्षणों पर गौर किया जाए तो निम्न लक्षण के जरिये इसका पता चलता है-
Although It is hard to know kidney disease in early stage, but if we keep awareness and look on its symptoms then we can know about this disease.
  • हाथ पैर व आँखों के नीचे का भाग में सुजन आ जाती है!- Swelling on hand and under eye.
  • रोगी को भूख नहीं लगती है और शरीर में खून की कमी होने लगती है!- Patient will not feel hungry and he or she may suffer with anemia disease.
  • शरीर में खुजली होना, बार बार मूत्र आना, कमजोरी महसूस होती है!- patient feels itching and feels to pass urine many times.
  • शरीर पीला पड़ जाता है व उलटी होने के साथ जी मचलाता है!
  • सांसे फूलने लगती है और हाजमा भी खराब रहता है! Patient feels constipation and his digestion system do not works well.

किडनी के रोग को 4 भागो (4 stages )में बाटा गया है ! Four Types of Kidney Disease

इस रोज के चरणों को पहचानने के लिए इसे विभिन्न भागो में बांटा गया है, जिसके जरिये रोगी की स्थिति का पता चलता है और उसी के हिसाब से उसका इलाज सही प्रकार से किया जा सकता है!-

किडनी रोग का पहला चरण (Kidney Disease First Stage): 

नार्मल क्रीयेटीनिन, एक पुरुष के 1 डेसिलीटर खून में .6-1.2 मिलीग्राम और एक महिला के खून में 0.5-1.1 मिलीग्राम EGFR (Estimated Glomerular Filtration rate) सामान्यत: ९० या उससे ज्यादा होता है!

दूसरा चरण ( Second Stage):

इस stage में EGFR कम हो जाता है जो 90% - 60% तक हो जाता है, लेकिन फिर भी क्रीयेटीनिन सामान्य ही रहता है! लेकिन मूत्र में प्रोटीन ज्यादा आने लगता है!

तीसरा चरण (Third Stage):

इस stage में EGFR और घट जाता है जो 60-30 के बीच हो जाता है और क्रीयेटीनिन बढ़ जाता है! इस चरण में ही किडनी रोग के लक्षण दिखाई पड़ने लगते है, पेशाब में यूरिया बढ़ने से खुजली होने लगती है, मरीज एनेमिया से भी ग्रसित हो सकता है!

चौथा चरण (Forth Stage): 

इस चरण में EGFR 30-50 तक आ जाता है और थोरी सी भी लापरवाही खतरनाक हो सकती है इसमे क्रीयेटीनिन भी 2-4 के बीच हो जाता है! अगर सावधानी नहीं बरती गई तो डायलेसिस या फिर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है!

पाचवां चरण (Fifth Stage):

इसमे EGFR 15 से नीचे (कम ) हो जाता है तथा क्रीयेटीनिन 4-5 या अधिक होता है  इसमे मरीज को डायलेसिस या ट्रांसप्लांट तक करानी पड़ जाती है!

किडनी रोग का इलाज क्या है? Kidney Disease Treatment

इसके इलाज में रोगी को रीनल रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ती है, वैसे तो पूर्णता: इलाज किडनी ट्रांसप्लांट के द्वारा ही हो सकता है! परन्तु जब तक मरीज का ट्रांसप्लांट नहीं हो जाता है तब तक डायलेसिस के जरिये ही काम लिया जा सकता है! वैसे तो डॉक्टर्स का कहना है के खाने पिने में लापरवाही ना की जाए और खाना ठीक प्रकार से लिया जाए तो डायलेसिस से भी काम चल जाता है! इसमे रोगी को अपना खाना डाइट चार्ट के हिसाब से लेना चाहिए और रोजाना बिना किसी प्रकार के लापरवाही किये नियमित तरीके से रूटीन फॉलो करते हुए डायलेसिस समय समय पर करवाता रहे तो वो काफी लम्बे समय तक (कई सालो तक) जीवित रह सकता है!

Kidney patient needs renal replacement, although complete treatment is only kidney transplant but for the temporary phase doctor prescribes for dialysis to the patient. Till patient do not get the kidney or kidney Donner. doctors says patient should not take it normally he must be carefully take all his food according to the diet chart and do follow daily routine without any interruption.
If patient follow all the treatment and routine he can be live alive for long time.

किडनी ट्रांसप्लांट स्थाई इलाज व उपाय है (Kidney Transplant is Permanent Solution):

डायलेसिस तो अस्थाई इलाज है इस बीमारी का पूर्णता: ठीक होने ले लिए किडनी ट्रांसप्लांट जरूरी होता है इस रोग में! इसके लिए मरीज को किडनी प्रदान करने वाले किसी डोंनर (Donner) की जरूरत होती है जिसका ब्लड ग्रुप मरीज के साथ मिलना जरूरी होता है! इसमे ट्रांसप्लांट के वक़्त दोनों व्यक्तियों का (मरीज और किडनी डोंनर) के शरीर से टिश्यू लेकर उसका मिलान किया जाता है!
इस बीच कई दुसरे जरूरी टेस्ट भी किये जाते है! जिससे ये पता चलता है के ट्रांसप्लांट के लिए डोंनर और मरीज दोनों के लिए सब ठीक है के नहीं! ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के बाद किडनी प्रदान करने वाला यक्ति तो केवल कुछ दिन में ही अपनी जिंदगी सामान्य तरीके से जीना शुरू कर देता है, लेकिन रोगी को फिर भी कुछ समय तक सावधानी की जरूरत पड़ती है!

किडनी के इलाज में कितना खर्चा आता है? How Much Cost for Kidney Treatment

सबसे बेहतर और सुरक्षित साधन केवल सावधानी ही है इसमे रोगी को हर stage में सावधान रहने की जरूरत  है! किडनी के इलाज में बहूत खर्चा आता है ये महंगा होता है! यहाँ तक की सरकारी अस्पताल में भी इलाज का खर्चा 2 से 3 लाख तक आ जाता है वो भी तब जब किडनी किसी ब्रेन डेड व्यक्ति से लिया गया हो, जबकि प्राइवेट या निजी हॉस्पिटल में 7-8 लाख तक खर्च करने पड़ सकते है! और अगर ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है तो खर्चा और बढ़ जाता है!

किडनी डायलेसिस पर कितना पैसा खर्च होता है? Dialysis Cost

एक बार डायलेसिस में कम से कम 2,000 रूपए से 3,000 रूपए तक का खर्चा आता है जो हर महीने लगभग कम से कम 20,000 रूपए से 30,000 रूपए तक खर्च हो जाते है! डायलेसिस में रोगी को संक्रमण
का विशेष ध्यान रखना पड़ता है!

किडनी के रोग से बचाव के उपाय क्या है?

हालाँकि इस बीमारी का देर से पता चलता है लेकिन व्यक्ति अगर अपने जीवन में स्वस्थ को लेकर शुरू से ही सजग रहे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है!
  • गहरे रंग के साग सब्जी खाने चाहिए उनमे मेगनीसियम अधिक होता है, मेगनीसियम किडनी के लिए बहूत फायदेमंद होता है!
  • प्रोटीन, नमक, और सोडियम कम मात्र में खाए!
  • 30 साल की उम्र से ही ब्लड प्रेशर और सुगर की नियमित जाँच करते रहना चाहिए
  • नियमित व्यायाम करे, अपने वजन को बढ़ने न दे, खाना समय पर और जितनी भूख हो उतनी ही खाय, बहार का खाना ना ही खाए तो बेहतर है, सफाई के खाने में विशेष ध्यान रखे, तथा nutrition से भरपूर भोजन करें!
  • अंडे के सफ़ेद वाले भाग को ही खाए उसमे किडनी को सुरक्षित रखने वाले तत्व जैसे के फोस्फोरस और एमिनो एसिड होते है
  • मछली (Fish) खाए इसमे ओमेगा 3 फैटी एसिड किडनी को बीमारी से रक्षा करता है!
  • प्याज, स्ट्राबेरी, जामुन, लहसुन इत्यादी फायेदेमंद होते है ये मूत्र के संक्रमण से बचाते है तथा लहसुन में उपस्थित एंटी ओक्सिडेंट एवं एंटी क्लोटिंग तत्व दिल की रख्षा करता है और कोलेस्ट्रोल को कम करता है तथा किडनी के लिए फायदेमंद होता है! 

किडनी मरीजो की जीवन शैली Routine for Kidney Patient

किडनी के रोगों में क्रोनिक नेफराईटीस बड़ी वजह हुआ करती थी लेकिन अब शूगर बड़ी वजह माना जाता है और उसके बाद इस बीमारी की बड़ी वजहों में हाइपरटेंशन व क्रोनिक नेफराईटीस का नंबर आता है!
  • किडनी की हर stage को लोग डायलेसिस से जोड़ देते है जबकि शरीर को डायलेसिस की जरूरत लगभग 95% डैमेज होने के बाद ही पड़ती है 
  • इस रोग में हर व्यक्ति को अत्यधिक पानी पीने की सलाह नहीं दी जा सकती कुछ केसेस में ये हिदायत बिलकुल नहीं देनी चाहिए, एसोसिएटेड हार्ट डिजीज (Associated Heard Disease) में और मरीज को लीवर के कुछ रोगों में केवल सिमित मात्र में ही पानी पीना चाहिए, इसलिए अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलाह जरूर ले.
  • आजकल पोलिस्टिक किडनी और इन्तेरस्टेरिअल डिजीज भी इनमे से एक बीमारी है जो काफी देखने में आ रही है!

संक्रमित भोजन और पानी से होने वाले रोगों बचाव के उपाय

दोस्तों गन्दगी लगभग सभी तरह के रोगों को जन्म देती है इसलिए ये जरूरी है के आज के युग में भी हमें सफाई की अत्यदिक जरूरत है, इसकी वजह से कोई भी कभी भी संक्रमित हो सकता है तथा उचित तरीका न अपनाने पर व लापरवाई से ये दुसरो को भी बीमार कर सकता है !

पानी और भोजन जनित रोग- Water and food borne illness?

Dust, food and water borne illness related disease gives birth to many type of disease. It may caused by body toxins also which my increased by growing bacteria in the body. Its necessary that we should keep neat and clean all our needful and usable things. eating and drinking un-pure water and food can affect our life by allergy and lots of other viral disease.



आज हम ऐसे ही कुछ बड़ी बीमारियों के बारे बता रहा हूँ जिन पर आपको स्वस्थ रहने के लिए अमल जरूर करना चाहिए!

रोगों की सफाई और उन से बचने के उपाय (How to Become Safe from Viral Disease)

एनीमिया, कुपोषण (Anemia Disease) -

  • Symptoms(बीमारी का लक्षण ): इस रोग में थकावट होती है, शरीर की मास्पेशियो में कमजोरी महसूस होने लगती है, शारीरिक विकास व वृद्धि में कमी हो जाती है!
  • रोग का कारण : साफ़ सफाई से भोजन नहीं करना अर्थात दूषित पानी और भोजन करना जिससे पेट में कीड़े हो जाते है और डायरिया जैसी बीमारी हो जाती है जिसकी वजह से शरीर भोजन से अच्छे और लाभकारी तत्वों को ग्रहण नहीं कर पता है !
  • रोज का इलाज : डॉक्टर्स इस बीमारी में ORS पिने की सलाह देते है 

एस्करियासिस

  • Symptoms(बीमारी का लक्षण ): संक्रमण के कारण पेट से मल होने की प्रक्रिया में बाधा आती है, पेट में दर्द व मरोड़ महसूस होता है!
  • रोग का कारण : गंदे पानी को पीने के कारण
  • रोज का इलाज : PPT की दवाए लेना फायेदेमंद होता है  

हैजा

  • Symptoms(बीमारी का लक्षण ):  इसमे बिना दर्द हुए उलटी या उबकाई आती है
  • रोग का कारण : संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित चीजो के संपर्क में आने से फैलता है
  • रोज का इलाज : इंजेक्शन, एंटीबायोटिक दवाओ का सेवन व ORS का घोल आराम पहुचता है 

हेपेटाईटीस

  • Symptomsबीमारी का लक्षण ): हेपेटाईटीस A और E में होने पर बुखार, कमजोरी, उलटी होना, उबकाई आना, पीलिया, खून की कमी,
  • रोग का कारण : दूषित भोजन व पानी का सेवन, हेपेटाईटीस A इंजेक्शन के जरिये भी फैलता है
  • रोज का इलाज : इस इलाज के लिए उचित दवाए उपलब्ध है जो लक्षणों के अनुसार डॉक्टर्स मरीजो को लिखते है 

टीबी का इलाज और टीबी क्यों होती है - Tuberculosis T.B. जानकारी Shray Rog Ka Ilaj Hindi Me

टीबी की बीमारी को श्रय रोग भी कहा जाता है, एक बड़ी संक्रामक बीमारी है और यह बहुत खतरनाक है! यह बीमारी एक प्रकार के माइक्रोबैकटेरियम ट्यूबरयुक्लोसिस बैक्टीरिया (जीवाणु ) के कारण होती है! यह टीबी अधिकतर फेफड़े पर ही असर करती है! फेफड़ो में होने वाली टीबी को पल्मनेरी टीबी कहा जाता है और अगर यह शरीर के किसी दुसरे भाग में होती है तो इसे एक्स्ट्रा पल्मेनरी ट्यूबरयुक्लोसिस टीबी कहा जाता है!

Tuberculosis is also known as T.B or Tapedik (Shray Rog). T.B is very dangerous and it takes long time in treatment (6 to 12 month).

टीबी (श्रय) का रोग कैसे फैलता है?


This disease spread by air यह बीमारी हवा के जरिये एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति हो फैलाती है ! हवा में इसके जीवाणु कम से कम 5 घंटे तक और उससे भी अधिक जीवित रहते है! यह बीमारी हवा के जरिये बहुत तेजी से और आसानी से फैलती है! खासी को कभी भी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए!

T.B disease spread through air from one person to another person. TB bacteria spread into the air whenever TB patient sneeze, talk, cough, sings or spit to any where. TB bacteria can be alive minimum 5 hours in the air and they easily can be intake via breath or mouth etc.
TB disease can be two types :
  • Latent TB infection and
  • TB Disease

TB का रोग क्यों होता है?

  • जूठा खाना खाने से फैलती है 
  • चुम्बन लार या थूक से फैलती है
  • छींकने खासने से 
  • इन्फेक्टेड इंजेक्शन से 
  • रोगी द्वारा इस्तेमाल किये गए कपडे, तोलिया इत्यादी से
  • गन्दगी से व साफ़ सफाई न रखने से 
  • शरीर में रोग प्रतिरोधक श्रमता के कमजोर होने से
  • रोगी के संपर्क में रहने से इत्यादी

टीबी रोग के क्या लक्षण है? (What are the Symptoms of TB Diseases)

  • लगातार 2 हफ्तों से खासी का आना और आगे भी जारी रहना 
  • इस रोग में शाम को बुखार हो जाता है!
  • छाती (सीने) में दर्द की शिकायत भी होती है!
  • गले में गिल्टी या सुजन होना
  • वज़न घटने लगता है
  • सांस फूलने लगती है 
  • अगर रोगी को एक्स्ट्रा पल्मनेरी टीबी होती है तो उसे प्रभावित जगह से जुडी हुई परेशानिया लक्षण के रूप में दिखाई देने लगती है जैसे के आंत की टीबी में दस्त और दर्द की शिकायत होने लगती है जबकि जोड़ो (joints) के टीबी में दर्द और सुजन की समस्या होने लगती है! 
These symptoms may have in TB disease active person:
  • More then 12 days persistent cough.
  • Constant fatigue.
  • Continuously weight loss.
  • Loss of appetite and don't like even food smell.
  • Increase fever in evening. (temperature 99 -102 or sometimes higher)
  • Coughing up blood.
  • Daily night sweats.
  • Guilty in neck

ड्रग रेजिस्टेंस टीबी क्या है (What is Drug Resistance TB?)

ड्रग रेजिस्टेंस में पहली श्रेणी (फर्स्ट लाइन ) की दवाओ का इसके जीवाणु पर कोई असर नहीं होता है! जब गलत तरीके से इसकी दावा ली जाती है याफिर दी जाती है और या फिर इसका रोगी बीच में ही दावा छोड़ देता है (एक दिन भी अगर दावा खानी छूट जाती है तो भी खतरा होता है ) तो यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टीबी (MDR टीबी) में दो दवाओ आईसिनयाजिड और रिफाम्पिसिन का जीवाणु प्रतिरोध करता है, लेकिन अगर ये  प्रतिरोध (रेजीस्टेंट ) काफी ज्यादा गंभीर हो जाता है तो इसे एक्सटेनसिवली ड्रग रेजीस्टेंटटीबी कहा जाता है!

TB Ke Kitanu- टीबी के कीटाणु


अगर सेकंड लाइन दवाओ को भी ठीक तरह से नहीं खाया जाता या लिया जाता है, इसलिए टीबी की बीमारी में लापरवाही का कोई सवाल ही नहीं उठता है! एक लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है! लेकिन अगर कोई  मरीज भूलवश दवाई लेना भूल जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उसकी सलाह पर अच्छी तरह से अमल करना चाहिए. मरीज को अपना रूटीन अलार्म लगाकर सेट कर लेना चाहिए दवाई और खाना खाना  नहीं भूलना नहीं चाहिए (जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा खाना खाना चाहिए), ये एक जिद्दी रोग है जो आसानी से पीछा नहीं चोदता है लेकिन इसका एलाग है और पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है!

टीबी की जांच कैसे की जाती है (What Is The Process To Check TB ?)

टीबी को जांचने के लिए कई तरह के टेस्ट किये जाते है जो निम्न है-
  • स्प्युटम टेस्ट (Sputum Test)- माइक्रोस्कोप के इस्तेमाल से मरीज के बलगम (स्प्युटम )की जाँच की जाती है, लेकिन किस कारणों की वजह से इसमे गड़बड़ी की आशंका होती है !
  • स्किन टेस्ट (Mantoux Test)-इसमे इंजेक्शन द्वारा दवाई स्किन में डाली जाती है जो 48 घंटे बाद पॉजिटिव Positive रिजल्ट होने पर टी.बी. की पुष्टि होती है!
  • Biopsy or Microscopic Examination- इसमे जिस जगह पर गांठ या गिल्टी होती है वह से इंजेक्शन के द्वारा द्रव liquid जाँच के लिए निकला जाता है! और जाँच के जरिये पता चल जाता है की उसमे टी.बी के जीवाणु है या नहीं! पॉजिटिव होने पर दवाई शुरू की जाती है डॉक्टर्स उसके बाद उस लिक्विड का कल्चर करते है जो 45 दिन तक या अधिक दिन तक हो सकता है!
  • जीन एस्पर्ट टेस्ट(Jean Expert Test) - इस टेस्ट की रिपोर्ट 2 घंटे में ही आ जाती है इस टेस्ट में बलगम का ही इस्तेमाल किया जाता है,  इस टेस्ट में रिफाम्पिसिन के प्रतिरोध से जुडी जेनेटिक म्यूटेशन तक की भी पहचान कर ली जाती है जिसकी वजह से MDR TB की भी पहचान हो जाती है इत्यादी तरीको से जाँच संभव हो पाती है!

पथरी से बचने के उपाय और इलाज- Kidney Stone Symptoms and Treatment Hindi Me

हमारे शरीर के अपशिस्ट पदार्थो का उत्सर्जन अगर किसी कारण वश पेशाब (मूत्र) के जरिये नहीं हो पाता तो वो धीरे धीरे शरीर की किडनी में जमा होने लगता है और इकट्ठा होकर वो पथरी का रूप ले लेता है, अगर हम अपनी दिनचर्या को नियमित रखते है और जीवनशैली में अच्छा सुधर करते है तो इससे बचा जा सकता है!

It can be controlled by proper medication and controlled lifestyle can prevent kidney stones. As reports says that specially in women's kidney stones are rising rapidly worldwide. Kidney stone patients face lots of problems and they need proper cure.

पथरी से बचाव के उपाय और इसके कितने प्रकार के होते है?

हमारे शरीर में निम्न प्रकार के स्टोन होते है सिस्टेन, कैल्शियम, यूरिक एसिड, कैल्शियम फॉस्फेट, स्टूवाइट. लेकिन कैल्शियम ओक्सेलेट नार्मल (सबसे सामान्य) माना जाता है, पथरी आकार में छोटे और बड़े दोनों रूपो मे हो सकते है, छोटे कण तो पेशाब के वक्त आसानी से बहार आ जाते है, लेकिन अगर कभी किसी वजह से यूरीन इन्फेक्शन हो जाने के कारण ब्लॉकेज हो जाती है!
In our body there are my types of specified stones such as Sistine, calcium phosphate, struvite, calcium oxsalate, and uric acid stone. small stones are easily released by urine but some times due urine infection their could be a blockage.


यूरीन इन्फेक्शन पेशाब की नली ब्लाक होने के खतरे की बड़ी वजह बन सकती है, कम पानी पीने वालो को भी पथरी होने की संभावना अधिक होती है, शरीर में पानी की कमी के चलते पेशाब की नालियों की सफाई नहीं हो पाती और इन्फेक्शन को संभावना भी बढ़ जाती है, आधुनिक जीवन में लोगो द्वारा अपनाई जा रही जीवन शैली की वजह से अस्वस्थ होने पर अत्यधिक दवाओ का सेवन भी पथरी होने की संभवाना को बढ़ा देता है.
Increase the risk in those people who drinking small amount of water in a day, who takes hard medicines for every little allergies, people who live in without managed lifestyle, take less nutrient food, occasionally eat fast food and eat unhealthy foods.

पथरी की बीमारी से कैसे बचे?

पथरी बहुत तेजी से हर प्रकार के लोगो को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है लोगो की ख़राब जीवनशैली की वजह से इसमें वृद्धि हुई है इस बीमारी से निम्न उपायों से बचा जा सकता है-

नमक का इस्तेमाल कम करे 

किडनी को सोडियम नमक के सेवन करने पर अत्यधिक कार्य करना पड़ता है, अत्यधिक नमक अवशोषित करने की वजह से कैल्शियम की मात्र मूत्र में बढ़ जाती है, चूँकि शरीर को सोडियम नमक से प्राप्त हो जाता है! इसलिए नमक का इस्तेमाल भोजन में कम ही करे, आजकल पश्चिम की तरह पैक्ड फ़ूड का चलन बढ़ गया है, इससे दूर ही रहे तो बढ़िया है, इसके साथ साथ जंक फ़ूड और चाइनीज़ फ़ूड का भी पथरी को बनाने में बड़ा योगदान होता है क्योकि उनमे नमक अत्यधिक होता है, अतः इसे भी कम से कम ही खाए, खाने में काली मिर्च, नीबू, लहसुन, अदरक, प्याज का इस्तेमाल ज्यादा करे और नमक कम ही ले.

मटन, चिकन (मांस ) से मिलने वाले प्रोटीन से परहेज करे!

पशुओ के मांस में प्युरीन नाम का पदार्थ होता है, ये पदार्थ यूरीन में एसिड को बढाता है, सबसे अधिक मस्तिष्क और लीवर में प्युरीन तत्व पाया जाता है, अतः इनको अधिक खाने पर पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है तथा साईट्रेट की मात्र कम हो जाती है, अगर आपको कैल्शियम की पथरी की परेशानी है तो कैल्शियम कम खाने की जरूरत नहीं है! खाने में पालक, भिन्डी, चुकुन्दर, ब्रोकली, शकरकंद, सूखे मेवे, ब्लैक या ग्रीन टी, सोयाबीन, इत्यादी कोशिश करे के कम ही खाए क्योकि इनमे ओक्सलेट की मात्र अधिक होती है, अत्यधिक ओक्सलेट की मात्र वाले खाध्य पदार्थ का इस्तेमाल खाने में कम ही करे!
(Prevent salt intake from mutton and chicken, It increase urine acid.If you have calcium stone then you don't need to avoid calcium.)


सी सप्लीमेंट लेने पर 1000 mg से कम ही रखे! क्योकि विटामिन C शरीर में पथरी बढाती है, (always take less then 100mg supplement because vitamin C increase stone in the body.) अगर किडनी के मरीज को यूरिक एसिड की परेशानी है तो मीट व शैल फिश ना खाए क्योकि इसमे प्युरीन पदार्थ अधिक मात्रा में होता है और किडनी को अधिक कार्य करना पडता है, प्युरीक एसिड आधिक खाने से यूरीन में PH की मात्रा बढ़ जाती है और मूत्र में एसिड बढ़ता है इसे कम करने के लिए अधिक पानी पिए और फल सब्जी खाए!


अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाये!

स्टोन की समस्या अनियमित जीवन चर्या का होना भी होता है! इसलिए इसमे सुधर लेकर आएं, पोषक तत्व का सेवन करे और व्यायाम करे, ये जरूरी है के पथरी की सामान्य अवस्था को भी नजरअंदाज़ ना करे.

(Change your daily routine and use diet chart to prevent this disease and include nutrients, exercise, good amount of water (7-8 glass daily). and don't ignore which seems normal stage of stone.)
  • पथरी से होने वाले खतरे से बचने के लिए पानी का उचित मात्र में पर्याप्त सेवन करे. शरीर में पानी की कमी न होने दे, धीरे धीरे पानी की मात्र बढ़ाये.
  • कोल्ड ड्रिंक, चाय, कॉफ़ी, जैसे पेय पदार्थ का सेवन बंद कर दे, या एकदम कम करे दे.
  • पेशाब लगने पर उसे काफी देर तक रोके नहीं, गर्मी या सर्दी में पेशाब लगने पर पानी उचित मात्र में ले, ध्यान रखे पेशाब के द्वारा ही जहरीला पदार्थ शरीर से बाहर निकलता है अधिक पसीना होने पर  ही पानी की कमी हो जाती है इसका ध्यान रखे. किडनी में व्यर्थ के पदार्थ को निकलने का बेहतरीन उपाय है पानी पीना.

बिना व्यायाम मोटापा कम करने का उपाय- Reduce Fat Without Exercise, Motapa Kam Karen Hindi Me

आज के व्यस्त जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं होता के वो नियमित रूप से खान पान रखे और व्यायाम कर सके! इस तरह के भाग दौड़ भरी जिंदगी में अगर सारा दिन ऑफिस में बैठकर काम करना हो  तो मोटापे से बचना बहुत मुश्किल भरा काम है, मोटापे से केवल लगभग हर उम्र के लोग परेशान है!
To reduce fat it is necessary to control and manage your daily routine and diet plan, As we know this disease is growing very fast in India because of bad routine, almost all age group peoples are facing problem and ready to do anything to reduce their belly and other parts fat.

मोटापा कैसे कम करें?Tips to Reduce Fat

मोटापे की समस्या इतनी बढ़ गई है के लगभग हर घर में इससे पीड़ित कोई ना कोई मिल जायेगा मोटापे से बचाव के वैसे तो कई तरीके है लेकिन जरूरी है के उन पर नियमित तरीके से अमल किया जाए! मै आज आपको मोटापा कम करने का उपाय बताता हूँ!


खान पान से मोटापा कैसे कम करें बिना व्यायाम? - How to Reduce Fat without Exercise?

Yes It is possible to reduce fat without exercise but it is important that you are following managed daily routine and diet.
  • अपने खानपान को संतुलित करें!
  • अपने भोजन को अपने काम करने की श्रमता और अपनी रोजाना (Daily Routine) के दैनिक कार्यो के अनुरूप करें!
  • कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को जैसे केला, आलू, राजमा, चावल, अरबी, मटन, अंडा इत्यादी को भोजन में शामिल ना करे तथा धी, तेल, मेठाई, जंक फ़ूड और स्ट्रीट फ़ूड से दूर रहें!
  •  पानी खूब पियें और हो सके तो दिन-भर में 7-8 ग्लास पानी जरूर पियें कोशिश करे पानी गुनगुना हो !
  • भोजन में हरी सब्जियों और दालों का प्रयोग अधिक करे साथ ही अपने खाने में छोटी मछलियों व बीन्स का उपयोग करें! 
  • कोशिश करे के खाना बनाते वक़्त मसालों के उपयोग कम से कम करे!
  • भोजन अगर उबला, ग्रिल किया हुआ या तंदूर में भुना हुआ हो तो मोटापे को कम करने में अधिक सहायक होगा!
  • साबुत फलो को अधिक महत्व दे व फ्रूट जूस के बजाए साबुत फल को अधिक खाएं!
  • मिठाई के बजाये सूखे मेवे को अधिक खाए जैसे बादाम, मुनक्का, गुड,किशमिश को नियंत्रिक मात्रा  में लें!
  • हो सके तो हफ्ते में एक दिन सिर्फ फलाहार ही करें (सीमित मात्र में) और पानी अधिक पियें!
  • वजन कम करने की जल्दी बाजी ना करें वजन को धीरे धीरे ही घटायें अन्यथा अचानक वजन घटने पर समस्या उत्पन्न हो सकती है!

Some More Ideas To Reduce Fat
  • मीठे पदार्थ कम से कम खाने में प्रयोग करें! Avoid eating sugar and sweetened foods
  • भोजन में प्रोटीन की मात्र बढ़ाएं! Add good amount of protein in food
  • फाइबर से युक्त भोजन खाने में अधिक लें! Decrease eating carbs and take fiber in your diet
  • एरोबिक क्लासेज भी ले सकते है! Start taking aerobic classes it will help to reducing fat from almost all your body part.
  • फ्रोज़न फ़ूड और प्राकृतिक पदार्थो को डाइट में अधिक लें! Frozen food and increase quantity of natural food and fruits, vegetables, good and healthy sea food and meat.
  • बाहर या बाजार से फ़ास्ट फ़ूड न खाएं! Don't eat fast food or reduce the amount (once a month only)
  • रेड मात और फ़ास्ट फ़ूड को न कहें. Avoid red meat and fast foods

शारीरिक श्रम से मोटापे को कम करें?


मोटापे को नियंत्रिक करने में शारीरिक श्रम होना भी उतना ही जरूरी है जितना की खानपान को नियंत्रित करना, बिना शारीरिक श्रम किये शरीर की उर्जा को जल्दी खपत नहीं किया जा जकता, शरीर को क्रियाशील रखने से मांसपेशिया अपना कार्य सही तरीके से करती है, व शरीर में रक्त प्रवाह सही ढंग से होता है इसलिए ये जरूरी है के इस पर भी अत्यधिक ध्यान दिया जाए!
  • लिफ्ट के बजाय सीढियों का अधिक प्रयोग करे!
  • रोजाना पैदल चलने से भी शरीर की कैलोरीज (शरीर की अत्यधिक चर्बी) की खपत होती है!
  • छोटे मोटे सामान खरीदने के लिए पैदल जाएँ या साइकिल का ही इस्तेमाल करे!
  • बच्चो को शारीरिक श्रम वाले खेलों जैसे क्रिकेट, फूटबोल, बैटमिन्टन खेलने के लिए कहें व उन्हे इलेक्ट्रोनिक गेम व टीवी का इस्तेमाल कम करने दे.
  • हो सके तो अपने घर का कार्य जैसे पोछा लगाना, झाडू लगाना, खिड़कियाँ पोछना, जैसे खुद करें!
  • रोजाना व्यायाम अवश्य करें और योग करना भी लाभकारी होता है! सूर्य नमस्कार नमस्कार मोटापे को कम करने से सबसे कामयाब योग है आप धनुरासन भी कर सकते है
  •  रोजाना कम से कम 2-3 किलोमीटर तेज कदमो से चलने की आदत बनाये, शरीर को स्ट्रेच करने वाले व्यायाम अध्यधिक करें!
इन सभी कार्यों से आप अपने शरीर को अत्यधिक स्वस्थ्य रख सकते है और मोटापे को कण्ट्रोल करते हुए कम कर सकते है!

स्वस्थ्य और सुन्दरता बढाए शहद Honey Increase Skin Beauty and Immunity

शहद अनोखा प्राकृतिक स्वास्थवर्धक सौंदर्य का खजाना

स्वस्थ शरीर और सुन्दर चेहरा हर लड़की और लड़के की चाहत ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति की या कोशिश रहती है के वो कैसे स्वस्थ और सुन्दर दिखे! शहद का इस्तेमाल करके आप ये सब पा सकते है! आज में आप को इसके लिए एक नायब नुस्खा बताता हूँ!

पाचन सम्बन्धी बीमारी के लिए क्या करे? 

अगर आपको कब्ज, गैस, और सूजन जैसी पाचन से सम्बन्धी रोग है और आप इससे मुक्ति पाना चाहते है तो शहद का इस्तेमाल करें! "Honey is good for gas, acidity and other digestive problem, Its probiotic fight with allergy and it increase immunity power also" शहद में मौजूद प्रोबायोटिक इसमे आपकी मदद करता है! ये आपकी प्रतिरोधक शक्ति को ठीक करके बढ़ता है और हर तरह की  एलर्जी से आपको बचाता है!

Honey Beauty Tips and Treatment

रक्त को शुद्ध कैसे करें? 

एक चम्मच शहद को हलके गुनगुने एक ग्लास पानी में मिलकर पीने से शरीर में मौजूद लाल रख कोशिकाओ (RBC) में वृद्धि होती है! और शरीर में आयरन की कमी भी नहीं होती इसके साथ ही स्किन से सम्बंधित बीमारी में भी लाभ होने लगता है! "It do filter to our blood and increase RBC cells in body. It fulfills the body Iron also decrease skin disease.

प्रतिरोधक श्रमता कैसे बढ़ाये? Improves Immunity power

शहद को न्युत्रस्युतिकल्स के लिए भी जाना जाता है! ये हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए प्रतिरोधक श्रमता को कई गुना बढ़ा देते है जिससे दिल की और कैंसर जैसी बीमारी में खतरा काफी कम हो जाता है!

त्वचा की सुन्दरता को कैसे बढ़ाये? Increase Beauty in Skin

अगर आप दूध में शहद को मिला कर एक साथ लेते है तो ये आपकी त्वचा को मुलायम, चिकना और चमकदार बनाने में बहूत मदद करेगा दूध और शहद में काफी मात्र में एन्ग्रेदेंट्स होते है और ये आपके चेहरे के चमक को बरक़रार रखने में फायदेमंद होता है! Honey increase face glow, softness, and improves shinning.

घाव को ठीक करता है शहद

शहद में एंटी मिक्रोबीअल भी होता है जो शरीर की चोट या घाव को जल्दी भर कर एकदम ठीक करने में मदद करता है!

दिल का रक्षक है शहद Honey is good for Heart

दिल की बीमारी में भी इसका इस्तेमाल अचूक साबित हुआ है इसलिए दिल के मरीजो को अगर 5 से 10 ग्राम  तक शहद रोजाना दिया जाए तो यह बहूत लाभ देता है! Taking 5 to10 gram honey daily improves heart health.

वजन कैसे कम करे?

अगर आप बढे हुए वजन से परेशां है तो आपको शहद का इस्तेमाल करना चाहिए ये आपको अत्यधिक वजन और मोटापे से मुक्ति दिलाने में सहायक होगा, ये शरीर में चयापचय की प्रक्रिया को बढ़ने में मदद करता है जिससे आपको अत्यधिक वजन से मिक्ति मिल जाती है!Honey is also useful to decrease fat from the body and gives you good and slim body.

प्रोस्टेट कैंसर में अनार फायदेमंद- Anar Help to Protect From Prostate Cancer

सन 2007 में हार्वर्ड मेस हेल्थ द्वारा की गई एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक अनार प्रोस्टेट कैंसर को ठीक करने में कारगर है! यह प्रोस्टेट कैसर से पीड़ित मरीजो के लिए बहूत फायेदेमंद होता है!

अनार के गुण कैंसर की बीमारी को दूर करते है

शोध में पता चला की जब एक व्यक्ति जो इस बीमारी से गंभीर रूप से परेशान था उसे अनार के रस को पीने से इस बीमारी से लड़ने के लिए प्रतिरोधी कोशिकाओ का जन्म हुआ! चूहों पर भी जब प्रयोग किया गया तो उसमे सफलता प्राप्त हुई है! जैसा के हम जानते है के अत्यधिक लोग इस से जूझ रहे है!

Benefits if Anaar in Protest Cancer


ऐसे में ये एक बहूत मददगार साबित हो सकता है! ख़ास तौर पर उन लोगो के लिए जो प्रोस्टेट कैंसर से लम्बे दमे से जूझ रहे है ! चिकित्सा जगत में लगातार इस पर शोध चल रहे है! आप भी अपने उस जानने वाले को इसके बारे में बताए अगर किसी को ये समस्या है तो उसके लिए ये फायेदेमंद हो सकता है !
Anar is very useful fruit which is very helpful to protect from protest cancer, taking it on daily basis will give good result.

सर्दी जुखाम है तो चिकन सूप पिये Take Chicken Soup in Cough, Sardi Ka Ayurvedic Upay

कमजोर लोगो को ही नहीं सर्दी हर आयु के लोगो को अपना शिकार बनाती है! हालाँकि से 2 से 7 दिन के अन्दर अपने आप ही ठीक हो जाती है, लेकिन जब तक सर्दी जुखाम रहता है शरीर को तोड़ कर रख देता है इन्सान बुरी तरह परेशान हो जाता है!
Remember: cough and cold always affect to those people whose immunity is weak. Although affected people become well within 2 to 7 days without any treatment.

सर्दी भगाए चिकन सूप

दोस्तों सर्दी जुखाम ऐसी एलर्जी है जो हर किसी को हो ही जाता है, मौसम बदलने पर, प्रदुषण बढ़ने पर या किसी न किसी के जरिये दूषित हवा हमें सर्दी जुखाम दे ही जाती है, अगर आपको या आपके घर में भी कोई बड़ा या छोटा बच्चा सर्दी से परेशान हो तो किसी दवाई का सेवन ना कराये! इसके बजाये उसको चिकेन सूप पिलाये ये उसके लिए बहूत लाभकारी सिद्ध होगा!
Cold is a kind of allergy with generally affect to people when weather change, pollution increases. Dust and moist increases in the air which help germs to grow and increase. germs easily moves allover places by air and water which people use in their day life.

Cold and Cough Treatment by Chiken Soup

यह बात एक रिसर्च (Medical Journal Chest) से पता चला है के जिन घरो के लोग नियमित तरीके से रोजाना चिकेन सूप पीते है! उन लोगो के रक्त से ये बात पता चली है के उनके नाक में सीलिया (मौजूद बाल ) ठीक तरीके से काम करती है, ये सीलिया हवा में उपस्थित प्रदूषित और रोगाणुओं को बहार ही रोक देते है! जिससे शरीर स्वस्थ रहता है.

पैन किलर से ज्यादा बेहतर है दर्द निवारक बाम Use Pain-Balm Not Pain Killer

दोस्तों जिंदगी में हर किसी के शरीर या बदन में किसी न किसी वजह से दर्द जरूर होता है, (Mostly people use pain killer to get the instant relief from body pain or any type of pain.) और अक्सर लोग बदन दर्द से बचने के लिए पैन किलर का इस्तेमाल करते है!

पेन किलर खाने के बदले बाम लगाए- Use Balm Instead of Using Pain Killer

अभी हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार हमारे शरीर के मासपेशियों में दर्द होने पर या जोड़ो में दर्द की वजह से दर्द ख़तम करने वाली पैन किलर या दर्द निवारक गोली के इस्तेमाल से कही ज्यादा फायदेमंद दर्द निवारक बाम होता है! Pain Balm is better then any pain killer. It don't harm to our body in any manner and it don't harm skin, people usually takes pain killer in body pain, joint pain, back pain or muscles pain, but it should not be taken on always its harmful for body and affect to our liver. It is better to be use pain balm.

Use Balm in body pain or any type of pain

अगर आप पैन किलर से बजे दर्द निवारक बाम का इस्तेमाल करेंगे तो वो कही जायदा फायदेमंद होगा और गोलियों के नुक्सान से बचा भी जा सकता है. दर्द की गोली (पैन किलर) शरीर के अन्दर जाती है तो दर्द तो कम जरूर हो जाता है! pain reliever medicine creates lots of side effects and other problems in body. लेकिन उसका साइड इफ़ेक्ट बाद में कई प्रकार की परेशानिया पैदा कर सकता है, जबकि बाम शरीर के ऊपर स्किन पर लगाने की वजह से अंदर नहीं जाता और परेशानी नहीं होती व दर्द से निजाद भी मिल जाता है. (Pain balm used to rub over the skin and it don't go directly inside the body and it slowly removes the pain from affected area)

Harward University में हुए एक शोध में ये बात सामने आई के बाम के इस्तेमाल से अर्थराइटिस जैसे दर्द में भी आराम मिलता है और ये बदन में आई हुई सुजन में भी आराम पहुचता है.