Diabetes Patient Diet Chart To Control Sugar Level- शुगर के रोगी का डाइट चार्ट, मधुमेह रोग में क्या खाए कितना खाएं?

मधुमेह रोगियों लिए के डाइट चार्ट कैसा होना चाहिए?

मधुमेह रोगियों के लिए बहूत जरूरी है! की, वो अपने खानपान का सही तरीके से ध्यान रखें! अन्यथा ये परेशानी का सबब बन सकता है! रोगी को हर कार्य नियमित रूप से रोजाना करना चाहिए! बिना किसी भी तरह का आलस या लापरवाही के! परहेज, दवाइयां या इस डाइट चार्ट को केवल कुछ दिन लेकर ही ये सोचकर बंद नहीं करें की लाभ नहीं हो रहा है!
Diabetes - Diet Chart for Sugar Patient

इस डाइट चार्ट को कम से कम 2 महिना लें! आप स्वयं ही लाभ अनुभव करेंगे! और उसके बाद आप इसे सुविधा अनुसार आगे भी जारी रख सकते है! याद रखे दिनचर्या और खानपान जब संतुलित और रहेगा! तभी आपका शरीर स्वस्थ रहेगा!

गलत दिनचर्या और खान पान की गलत आदत के कारण ही व्यक्ति का शरीर कमजोर होता है! और बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं हो पता है! इसलिए अपने आपको और अपने सोचने के नजरिये को बदलें! आनंदमय और खुशहाल जीवन अपने के लिए अच्छी और नियमित दिनचर्या का पालन करें!

Best Diet For Diabetes- शुगर के मरीजो भोजन में क्या और कैसे लें!

  1. सुबह 6 बजे: एक ग्लास गुनगुना पानी लेकर उसमे 1 नीबू का रस निचोड कर रोजाना पिए!
  2. सुबह 7 बजे: पिछली रात में भिगोकर रखे हुए 50 ग्राम मेथी का पानी हल्का गर्म करके पिए! उसके बाद मेथी के दाने को किसी पतले कपडे में बंधकर रख दें! अंकुरित होने के बाद प्रातः 7 बजे उन्हें खाएं!
  3. सुबह 9 बजे:एक चौथाई ग्लास टमाटर का रस, लौकी का रस, पलक का रस और करेले का रस मिलाकर पिए! इसके अलावा टमाटर और खीरे का सलाद लें!
  4. सुबह 11 बजे: एक कटोरी अंकुरित अनाज लें! (गेहूँ, मुंग और चना), एक कटोरी सब्जियो का सलाद, एक कटोरी उबली हुई हरी सब्जी, 3 रोटी (गेहूँ और चना बराबर मिले हुए आटे से बनी!) और एक कटोरी दही बिना नमक या चीनी मिलाएं सेवन करें! (दही में काला नमक मिला सके है!)
  5. दोपहर 2 बजे:एक चम्मच जामुन का पाउडर एक ग्लास मट्ठे में मिलाकर पिए!
  6. सायकाल 4:30 बजे:मौसमी फल खासतौर से खट्टे फल ज्यादा से ज्यादा खाएं! और एक बड़ा कटोरा दही का सेवन करें!
  7. सायकाल 7 बजे:1 कटोरी मुंग, चना और गेहू का अंकुरित अनाज खाएं! हरी सब्जिओं का सलाद लें! और 1 कटोरी उबली हुई सब्जी लें, 2 रोटी बराबर मात्र में गेहूँ और चने के आटे से बनी हुई खाए!

Arthritis Diet Chart Plan And Schedule - गठिया रोग डेली डाइट चार्ट - क्या खाएं कितना खाएं

 Arthritis Diet Chart Plan And Schedule -  गठिया में कब और कितना खाएं!

अगर रोग अधिक पुराना नहीं है तो वो ठीक हो सकता है! लेकिन ये तभी हो सकता है अगर रोगी हर कार्य नियमित रूप से रोजाना करें! बिना किसी भी तरह का आलस या लापरवाही के! केवल कुछ दिन लेकर ही ये सोचकर बंद नहीं करें की लाभ नहीं हो रहा है!

Arthritis Diet Plan and Schedule - गठिया रोग में क्या और कब खाएं!

ये डाइट चार्ट कम से कम 2 महिना लें! आप स्वयं ही लाभ अनुभव करेंगे! और इसे अपनी इच्छा अनुसार आगे भी जारी रख सकते है! रोग में आराम होने पर या ठीक होने पर पहले की तरह अपनी दिनचर्या शुरू नहीं करें! ध्यान रखे की आपकी उसी दिनचर्या और खान पान की आदत से ही ये बीमारी हुई है!

इसलिए अपने आपको बदलें! जीवन को आनंदमय और खुशहाल रखने के लिए अच्छी और नियमित दिनचर्या का पालन करें! इस बात का भी विशेष ध्यान रखें की गठिया के मरीज को सुबह धुप में जरूर कुछ देर बैठना चाहिए! इससे हड्डियों की जकडन और कमजोरी दूर होगी!

अगर कोई व्यक्ति आमवात रोग अर्थात गठिया की बीमारी से पीड़ित है तो उसे इस तरह से अपना डाइट लेना चाहिए!

  • सुबह 5 बजे: एक नीबू का रस, 4 लहसुन की कलियाँ कुचली हुई, 2 चम्मच शहद लेकर इन सबको एक ग्लास गुनगुने पानी में मिलाकर खाली पेट पिए! इसमे आप 1 चम्मच हल्दी और अदरक का टुकड़ा कुचलकर भी डाल सकते है इससे अधिक लाभ मिलेगा!

    ध्यान रखे की पानी गुनगुना होना चाहिए! इसके अलावा कभी भी ठंडा पानी नहीं पिए! हमेशा जब भी पानी पिए हल्का गुनगुना हो इस बात का ध्यान जरूर रखें!
  • सुबह 6:30 बजे:
    रात में भिगोकर रखी हुई 25 ग्राम मेथी का पानी गुनगुना करके पिए! बची हुई मेथी को अंकुरित करके खा सकते है!
  • सुबह 9 बजे:मौसमी सब्जियों का रस या सूप पिए! ख़ास तौर से गाजर का रस आधा ग्लास पिए!
  • सुबह 11 बजे:गेहूँ के आटे से बनी 2 रोटीया, उबली हुई हरी सब्जी, अंकुरित मेथी और साथ में सलाद लें! भिगोकर रखी हुई जिस मेथी का पानी सुबह पिये थे! उस मेथी को अंकुरित करके खाएं! स्वाद बढ़ाना चाहते है! तो खीरा, गाजर, टमाटर, भी इसमे मिला सकते है!
  • दोपहर 2 बजे: 4 फल अपनी इच्छानुसार लें!
  • सायकाल 4 बजे: नीबू और शहद गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए!
  • सायंकाल 6:30 बजे: अंकुरित किये हुए अनाज और फल खाएं!
  • सायंकाल 8 बजे: 
  • भोजन में लौकी, तोरई और फलों में आम पपीता व खट्टे फलों का रस लेना चाहिए!

गठिया रोगियों को नियमित रूप से बताये गए डाइट का पालन करना चाहिए! इससे गठिया रोग के दर्द और सुजन में बहूत राहत मिलेगी!


Constipation 10 Best Natural Home Remedies कब्ज का 10 सबसे आसान इलाज घर बैठे करें मिनटों में

Constipation Top 10 Natural Remedies कब्ज का सबसे आसान इलाज!

कब्ज के लिए उपाय!

Constipation Problem Top 10 Natural Remedies - कब्ज के 10 सबसे कामयाब उपाय


  1. हरा धनिया: काला नमक, हरा धनिया और कालीमिर्च तीनो को मिला के इसकी चटनी बनाये, उसके बाद इसे खाएं इससे कब्ज में लाभ होगा!
  2. निम्बू: एक निम्बू का रस निकाल कर उसे हल्के गर्म पानी में मिलकर रात में सोने से पहले लें! सुबह शौच ठीक से आयेगी! निम्बू का रस और चीनी दोनों को 12 – 12 ग्राम बाराबर मात्रा में मिलाकर रात में सोने से पहले पिए पुरानी से पुरानी कब्ज में भी जबरदस्त लाभ होगा!
  3. सौंफ: रात में सोने से पहले आधा चम्मच सौफ लेकर उसे हलके गुनगुने पानी से लें कब्ज ठीक हो जाएगा!
  4. सोंठ: दालचीनी, इलाइची, सोंठ और थोड़ी सी सौंफ इन सबको मिलाकर रोजाना खाने से कब्ज का रोग ठीक हो जाता है!
  5. टमाटर: कब्ज ठीक करने के लिए टमाटर बहूत ही लाभकारी है! ये आंतो और अमाशय में जमा गन्दगी को निकाल बाहर करता है! ये शरीर के अंगो को नयी चेतना और ताजगी देता है! शरीर के अंदरूनी अंगो को स्फूर्ति प्रदान करता है!
  6. आवंला: रात में 1 चम्मच पिसा हुआ आवंला लेकर उसे दूध या पानी के साथ लें! कब्ज में जबरदस्त लाभ मिलेगा!
  7. मूली: ताजा मुली पर काला नमक और काली मिर्च डालकर भोजन के साथ रोजाना 2 महीने तक खाएं इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी!
  8. प्याज: एक कच्चा प्याज रोजाना भोजन के साथ लेने से पुराने से पुराना कब्ज ठीक हो जाता है!
  9. छुहारा: रात में 2 छुहारे भिगोकर रख दें, सुबह इसे खाली पेट चबाचबा कर खाएं भोजन कम करें! रात में 2 छुहारे दूध में उबालकर भी ले सकते है इससे कब्ज नहीं होगा!
  10. पपीता: कब्ज हो गई हो तो पपीता खाने से लाभ होता है!

These Remedies Give You Relief in Toothache | दांत दर्द में ये उपाय आराम देंगे

Best Remedies For Toothache |  दांत दर्द का सबसे कामयाब उपाय!


दांत के दर्द को सहन कर पाना बहूत ही मुश्किल होता है और इस असहनीय दर्द के कारण भी कई होते है! लेकिन कभी कभी किसी एनी कारणवश इस दर्द के बावजूद डॉक्टर के पास जाना संभव नहीं हो पाता है! ऐसे में कुछ घरेलु उपाय व नुस्खे है जो इस दर्द से तुरंत आराम दिला सकते है!

दांत दर्द में ये उपाय देंगे मिनटों में आराम | Best Remedies For Toothache 


  • नमक का पानी दांत दर्द में रहत दे सकता है! नमक को गुन्दुने पानी में मिलाकर लें! ये दांतों के बीच फसे खाद्य पदार्थ को हटाने में मददगार होता है इसके अलावा जलन, सुजन, मुह के घाव को भी ठीक में मदद करता है!
    कैसे लें: एक ग्लास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर इसका प्रयोग माउथ वाश के रूप में करें!
  • तौलिये में बर्फ का टुकड़ा लपेट लें! उसके बाद प्रभावित वाले हिस्से पर 10 से 15 मिनट तक सिकाई करें!
  • रुई में लौंग का तेल लगाये और उसे दांत के प्रभावित वाले हिस्से पर लगायें! दिन भर में 3 से 4 बार ऐसा करें इससे सुजन और दर्द दोनों में रहत मिलेगी!

Convert White Hair into Black Hair - 100 % सफ़ेद बाल होंगे काले, मोटे, लम्बे और घने

बाल रहेंगे काले, मोटे, लम्बे, घने और नहीं टूटेंगे आपके बाल कभी अगर करेंगे ऐसा! 

बालो के लिए करें ये उपाय!

घने लम्बे काले बाल चेहरे की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देते है! खूबसूरती को चार चंदे लगाने वाले यही बाल अगर समय से पहले टूटने झड़ने या सफ़ेद होने लगें तो चिंता और परेशानी का कारण बन जाते है!
अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे है! तो आपकी समस्या का हल आप घर बैठे कर सकते है! बालों को पोषण मजबूत, लम्बे काले घने बनाए रखने के लिए ये उपाय हमेशा ही कामयाब रहे है! आइये जानते है उनके बारे में...

सफ़ेद बाल काले करने का 100 प्रतिशत सही तरीका!
Tips For Black, Thick, Strong And Long Hair

आवंला बालो को बुढ़ापे में भी काला रखें! Use Amla To Keep Hair Black in Older Age Also.

विटामिन C के खजाने से भरपूर आवंला बालो के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता है!बालों के विकास और मजबूती के लिए ये एक बहूत ही जरूरी पोषक तत्व होता है! विटामिन c बालों के विकास को बनाये रखने के लिए जरूरी कोलेजन के निर्माण में बहूत ही मददगार होता है!

ये आयरन को अवशोषित करने में भी बहूत मदद करता है! इसी आयरन के कारण हमारे बाल मजबूत और स्वस्थ रहते है! आवंला बालो को समय से पहले सफ़ेद होने से भी रोकता है!
नित्य अवाले का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के बाल बुढ़ापे में भी जल्दी सफ़ेद नहीं होते है! और मजबूत भी रहते है! ये बालों के रोम और जड़ो को मजबूत और पोषक तत्वों से भरपूर रखता है! जिसके कारण बाल मजबूत, लम्बे काले और घने रहते है!

अवाले का कैसे प्रयोग करें? How To Use Amla To Have Black Hair

6 या 7 अवालें लेकर इन्हें अच्छे से सुखा लें! जब ये सूख जाएँ तो इन्हें नारियल के तेल में तब तक उबालें जबतक ये जलकर काला ना हों जाएँ! उसके बाद तैयार किये गए इस तेल से अपने बालो की अच्छे से मालिश करें! अगर हो सके तो तेल को रात में लगाकर सो जाएँ और सुबह के समय बालों को हलके हाथो से अच्छी तरह से धो लें! अच्छे परिणाम और जल्द लाभ के लिए नियमित अंतराल में इस प्रक्रिया को दोहराते रहें! जबरदस्त लाभ मिलेगा!

आलू, शहद और पानी का मिश्रण! Mixture of Potato, Honey And Water.

अगर बालो में पोटेशियम की कमी हो जाती है तो बाल कमजोर होकर टूटने लगते है! आलू में विटामिन C और आयरन तो होता ही है! साथ में पोटेशियम भी अधिक मात्रा में होता है! ये बालो को स्वस्थ रखने में मदद करता है 
शहद एंटीओक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होता है! ये सर और बाल दोनों को स्वस्थ रखने और किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाता है!

ये बालो को टूटने और झड़ने से भी रोकने में मदद करता है! शहद में एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी तत्व प्रचुर मात्रा में होते है! ये बालों को हाइड्रेट रखने में भी लाभदायक है! ये बालो को गिरने से भी रोकता है! ऐसे में आलू, शहद और पानी के मिश्रण से बालो को स्वस्थ, सुन्दर और मजबूत रखा जा सकता है!

कैसे प्रयोग करें! How To Use It

सबसे पहले आलू को छीलकर उसका रस और गुदा निकाल कर उसमे एक चम्मच शहद और पानी मिला कर अच्छी तरह से बालों में लगा लें! उसके बाद इसे 30 मिनट तक अर्थात आधे घंटे तक लगा कर रखें! उसके बाद बालो को धो लें ऐसा नियमित करने से कुछ ही दिनों में आपके बालों में फर्क दिखने लगेगा!

Use of Lemon for Hair Treatment बालो के लिए नीबू का प्रयोग

नीबू बहूत ही अच्छा एस्ट्रीजेंट होता है, जो की सकल्प में छिद्रों में कसाब लाने में मददगार होता है! इससे बालो का टूटना गिरना बंद हो जाता है! अगर आपके बाल तेलिय है! तो नीबू का रस बालो में लगाना चाहिए! इससे विटामिन से युक्त नीबू सर और बालो की मृत कोशिकाओ को एक्सफोलीएट करता है! और डेन्द्र्फ़ को भी दूर करता है!

नीबू का कैसे इस्तेमाल करें? How To Use Lemon For Hair Care

3 से 4 नीबू लेकर एक कटोरी में उसका रस निकाल लें! उसके बाद इस रस में हल्का गर्म पानी मिला ले! आब नहा कर बाल धो लें! उसके बाद अपने बालो में इस तैयार मिश्रण को जड़ तक लगाये! लगाने के 5 मिनट बाद अपने बालो को साफ़ पानी से धो लें!

Arthritis Immunity Disease What Should Not Be Eaten in Arthritis गठिया रोग में क्या खाना चाहिए क्या नहीं - परहेज

Arthritis Immunity Disease -What Should Not Be Eaten in Arthritis

गठिया रोग में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए! गठिया रोग में जरूरी परहेज से सम्बंधित जानकारी! जो आपको इस दर्द भरे रोग से बचने में बहूत मदद करेंगे! गठिया को वातरोग भी कहा जाता है, और इंग्लिश में इसे Arthritis (आर्थराइटिस) कहते है!
ये बीमारी हड्डियो की बीमारी है! जिसके कारण व्यक्ति के जोड़ो में जकडन, सुजन और तेज दर्द होता रहता है! आज हम जानेंगे की इस रोग में जीवनशैली और खानपान में क्या परिवर्तन करना चाहिए, जिससे दर्द और बीमारी से बचने में लाभ मिल सके!

गठिया रोग में खाए जाने वाले पदार्थ - What Should Eat in Arthritis Disease.

गठिया रोग में संतुलित और आसानी से पच जाने वाला भोजन ही करना चाहिए!

जैसे की
  1. चोकर वाले आटे की रोटी, छिलके वाली मूंग की दाल खाना चाहिए ये पेट के साथ साथ सेहत के लिए भी लाभकारी होता है!
  2. मक्का, गेहूं, जई, जौ, राई, बाजरा, बार्ली, कनारी के बीज इत्यादी सेवन करना चाहिए!
  3. गठिया के रोगी सब्जियों और फलो का सेवन करे! सब्जियों में बथुआ, सहिजन, सरसों का साग, मेथी, लौकी, ककड़ी, पत्ता गोभी, तुरई, गाजर, परवल, अमरुद, आलू, अदरक, शकरकंद, लहसुन और करेला इत्यादी का सेवन करना चाहिए!
  4. गठिया की बीमारी में सेम व अन्य फलीदार सब्जियों जैसे की बींस का सेवन करें! 
  5. चेरी, ओट्स, मशरूम, संतरा, चौलाई, हरी पत्तेदार सब्जियां, भूरे चावल, सोंठ, मेथी, गेहूं का अंकुर, नाशपाती, कद्दू, सूरजमुखी के बीज, (सोया बडी, सोया मिल्क, टोफू सोया पनीर, आदि) पपीता, अंडा, लाल शिमला मिर्च, ब्रोकली, अनानास, अजवायन!

गठिया रोग में कौन से फल खाने चाहिए? Eat These Fruits in Arthritis.

  1. अनार, आडू, अंगूर, आम, एलोवेरा, आंवला, लहसुन, सेब, सूखे आलूबुखारे, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, आलूबुखारा और ब्लूबेरी !
  2. डेयरी के उत्पाद जैसे की दूध और दूध से बनी चीजें जैसे की पनीर और दही इत्यादी! ये कैल्शियम के अच्छे स्रोत है! गठिया रोग में दूध दही भी कोशिश करें की ना करें! कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए! पूर्ति फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करें!
  3. अधिक पानी वाले फल जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा और पपीता जैसे फल खाने चाहिए!
  4. अंकुरित अनाज, पेठे का जूस, और गुड़ अपनी पसंद के अनुसार प्रयोग करें!
  5. इसके अलावा बादाम, अखरोट और मूंगफली भी भी खाना चाहिए!

आर्थराइटिस में कौन सा तेल प्रयोग करें? Use This Oil In Arthritis

  1. अलसी का तेल, जैतून का तेल, मछली का तेल और Borage Seed Oil इस्तेमाल करें!
  2. चाय में ग्रीन टी और तुलसी की चाय पी सकते है!
  3. गठिया की बीमारी में शहद, हींग, अश्वगंधा और हल्दी भी खानी चाहिए!
  4. इस रोग में चौलाई की सब्जी लाभ देने वाली होती है!
  5. पुराना चावल जो कम से कम 1 वर्ष पुराना हो! करेला, परवल, और सहजन की सब्जी भी लाभ देने वाले होते है! 

कौनसी मछली खानी चाहिए? Which Fish To Be Eaten

गठिया में लोगों के मन में मछली खाने को लेकर बहूत शंका रहती है! लेकिन गठिया के मरीज हफ्ते में 2 बार 120 ग्राम तक मछली खा सकते है!

जैसे की : Tuna, Salmon, Herring, Sardines, Scallops And Anchovies होते है! 
इस बात की पुष्टि Arthritis Foundation भी करता है जो की अमेरिका में स्थित है! ये अमेरिका में स्थित आर्थराइटिस की एक प्रमाणित संस्था रोगों से जुडी एक प्रमाणिक संस्था है!

कुछ जरूरी उपाय जो गठिया रोग को निष्क्रिय करने में मदद करते है!

Some Important Tips Which helps to reduce arthritis affects

  1. अमरुद की कुछ पत्तियां पीसकर उसमे काला नमक मिलकर 40 दिनों तक खाएं!
  2. एक छोटा चम्मच हल्दी, उतनी ही मात्रा में अदरक और 2 लहसुन कुचलकर सब मिला लें! उसके बाद 10-15 मिनट के लिए धीमी आंच पर गर्म करें और रोजाना सुबह शाम खाली पेट पियें!
  3. बथुआ को आटे में गूथकर उसकी रोटियां बनाकर खाएं!
  4. तुलसी के 4 पत्ते रोजाना सुबह खाली पेट चबाकर खाएं!
  5. सौंठ का पाउडर 1-3 ग्राम पानी में मिलाकर हमेशा भोजन करने के बाद पियें!
  6. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना सुबह नियमित रूप से धुप में बैठे! अगर हो सके तो शरीर पर तिल का तेल लगाकर नियमित रूप से धूप सकें!
  7. सुबह नाश्ते में दलिया शामिल करें! 
  8. मल्टी ग्रेन आटे से बनी रोटियां ही खाएं!
  9. रोजाना आधा चम्मच मेथीदाना रात में भिगोकर रख दें! सुबह उसे पानी सहित खा लें! ये दर्द को काटने और गठिया को ठेकेक करने में बहूत लाभकारी है! मेथी की तासीर गर्म होने के कारण जोड़ो के तमाम दर्द में लाभकारी है! खासकर सर्दियों में इसका प्रयोग जरूर करें!
  10. मेथीदाना को आटे में मिलाकर उसका हलवा बनाकर भी खा सकते है!
  11. एक ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी, लहसुन की 2 कलियाँ कुचली हुई और आधा छोटा चम्मच सोंठ पाउडर मिलाकर रोजाना पिए!

लहसुन का नुस्खा 1: Garlic Tips For Arthritis 1

सुबह के समय 1 चम्मच लहसुन को कुचलकर उसमे शहद या देसी घी मिलाकर 2 से 3 महीने तक रोजाना खाएं! इससे बहुत लाभ होगा!

लहसुन का नुस्खा 2: Garlic Tips For Arthritis 2

जोड़ो और सुजन वाली जगह पर लहसुन के रस में कपूर या यूकेलिप्टिस का तेल मिला लें और उससे मालिश करें!

गठिया रोग में ये चीजे नहीं खाए - What Should NOT EAT in Arthritis Disease.

गठिया रोग में क्या नहीं खाना चाहिए? Which Food Not To Be Eaten

  1. गठिया रोगी बासी भोजन नहीं करें! गरिष्ठ भोजन, घी या तेल में तली हुई, चाय, चीनी, चिप्स, चटनी, रेड मीट, आचार, पापड़, मसालेदार और तीखा भोजन नहीं खाएं! 
  2. चौमीन, चोकलेट, बर्गर, मोमोस, चाट, केक पेस्ट्रीज, कोल्ड ड्रिंक्स और मैदे से बनी हुई चीजें, डिब्बा बंद भोजन, जंकफूड, इत्यादी से चीजो से हमेशा के लिए तौबा कर लें! 
  3. सफ़ेद ब्रेड, चावल, अमचूर, इमली, लाल मिर्च, टमाटर, मक्खन, शराब, भिन्डी, उड़द की दाल, राजमा, फूलगोभी, कटहल, मसूर दाल नहीं खाएं!
  4. वो सभी चीजे जो गैस बनाती है उन सभी चीजो से परहेज रखें! अपना हाजमा दुरुस्त रखें! खट्टी या ठंडी चीजें नहीं खाएं!
  5. यूरिक एसिड बढ़ाने वाले भोजन नहीं खाएं!
  6. रात या शाम के समय दही, लस्सी, छाछ नहीं खाएं!
  7. खटाई, कच्चा आम, इमली, सिरका, इत्यादी खट्टी चटपटी चीजे नहीं खाएं!
  8. अधिक नमक का सेवन करने से शरीर का कैल्शियम कम होने लगता है! और हड्डिया कमजोर होती है! पेशाब में भी नमक की मात्रा अधिक हो जाती है! इसलिए अधिक नमक युक्त भोजन या कोई चीज नहीं खाएं!
  9. चाय या काफी नहीं पियें! केवल तुलसी की चाय या ग्रीन टीय ही पियें!
  10. मूली और उड़द की डाल नहीं लें! बुखार होता है तो चावल भी बंद कर दें!

How To Eat Garlic | इस तरह से खाएं लहसुन तभी देगा हर रोग और सेहत में फायदा

इस तरह से खाएं लहसुन तभी देगा हर रोग और सेहत में फायदा - महत्वपूर्ण जानकारी - How To Eat Garlic To Avoid Any Disease For Good Health.


अगर आप लहसुन का प्रयोग करते है तो घ्यान रखें की लहसुन केवल भोजन में इस्तेमाल किये जाने वाली वास्तु नहीं है! ये अपने आप में एक अमृत की गोली के बराबर है! इसमे बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी बीमारियों ठीक करनी की ताकत होती है!  लेकिन जरूरी है की इसका प्रयोग सही तरीके से किया जाए तभी इसके गुण शरीर के लिए पूरी तरह से लाभकारी होते है!


How To Eat Garlic -ऐसे खाए लहसुन तभी होगा लाभ


कैसे खाएं लहसुन? - How To Eat Garlic?

लहसुन के अन्दर उपस्थित ताकतवर एंजाइम्स तभी सक्रिय होते है जब वो हवा के संपर्क में आते है! इसलिए जब कभी भी लहसुन खाए तो उसे सबसे पहले कई टुकडो में काट लें ये बेहतर होगा की लहसुन को छीलकर बारीक कूट लें या काट लें और उसे 10 मिनट तक हवा के संपर्क में रख  दे! उसके बाद ही उसे खाएं! ऐसा करने पर आपको लहसुन खाने से जो लाभ मिलेगा आप उसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते है!

लहसुन किस रोग में लाभकारी है?

लहसुन कई रोगों को ठीक कर सकता है जैसी की ब्लड प्रेशर, शुगर, फैटी लीवर, स्किन डिजीज, टीबी रोग, पेट के रोग इत्यादी में लहसुन का प्रयोग बहूत लाभ देने वाला होता है! 

झाइयों को दूर करने के उपाय और मुहासों का इलाज और रोगों के कामयाब Top Tips From Ayurveda For Pimples Darkness Under Eyes Treatment

Jhaiya Ka Ilaj झाइयाँ क्या होती है और इसका इलाज क्या है!

चेहरे पर झाईयां - Black Spots Under Eyes: 

बोलचाल की भाषा में इसे झाई या छाही कहा जाता है! इसमे चेहरे पर खासतौर से गालों पर छोटे आकार के पीडारहित हलके रंग के गोलाकार दाग उभर आते है! क्रोध और परिश्रम से प्रकुपित वायु जब 'पित' के साथ मिलकर मुख पर आकर पीड़ारहित, छोटा और श्यामवर्ण का मंडल बना लेता है उसे झाईं कहा जाता है!







चेहरे पर झाइयों का इलाज संभव है - How To Remove Jhaiya Naturally
  • वाट वृक्ष के अंकुर और मसूर को संभाग कच्चे दूध में पीसकर लेप करे, जल्द लाभ होगा!
  • मंजीठ को पीसकर, उसमे शहद  मिलकर लेप करें!जल्द ही झियां ठीक होने लगेंगी!
  • जायफल को पानी में मिलाकर घिसके चहरे पर लेप करें, ये बहूत लाभकारी है!

मुहासे क्या होते है इसका ये इलाज जाने! Pimples and Its Treatment

इसे सामान्य तौर पर मुहासे कहते है! अक्सर ये युवावस्था में चेहरे पर निकलने शुरू हो जाते है, इन्हे छेड़ने पर ये चेहरे पर दाग भी छोड़ जाते है! चेहरे पर इनके होने से चेहरे की रंगत कम हो जाती है! आयुर्वेद में इसके होने का मूल कारण कफ, वात, रक्त की अशुद्धता मानी जाती है!

मुहासों के इलाज:Pimples Treatment

  • रोजाना चेहरे को कम से कम 3 बार अच्छे साबुन से धोएं और सूखे तौलियें से साफ़ करना चाहिए! आयुर्वेद में अनेक मिश्रणों से मुहासे ठीक होते है!
  • जायफल, हरड, आंवला, बहेड़ा  इनका बराबर मात्रा में मिश्रण करके लेप लगाकर थोडा लेप करें!
  • बरगद के कोमल पत्ते, मसूर दाल, मंजीठ, नारियल तेल इत्यादी से तेल तैयार करें!
  • अगर कब्ज की समस्या होती है तो साथ में म्रदु विरेचक चाहिए!



बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियाँ उनके लक्षण, और बचाव के तरीके - Monsoon Disease Symptoms, Safety And Cure

बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियाँ उनके लक्षण, और बचाव के तरीके! Monsoon Disease Symptoms, Safety And Cure

मानसून का मौसम आते ही चारो तरफ हरियाली और मौसम सुहाना व खुशगवार हो जाता है! भीषण गर्मी के प्रकोप से मानसूनी बारिश की फुहारें बचाती तो है लेकिन अपने साथ सर्दी-जुखाम, बुखार और कई तरह की बिमारियां लेकर भी आती है! मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया, डायरिया, जैसी जानलेवा बीमारियाँ ऐसे मौसम में तेजी से फैलती है!



तापमान में कमी होने से जीवाणु अधिक सक्रिय हो जाते है और शरीर पर हमला कर देते है! शरीर के कमजोर होने पर ये बीमारियाँ हावी हो जाती है! इसके पीछे रोग प्रतिरोधक श्रमता में कमी होना खास कारण होता है! साफ़ सफाई और उचित खान पान रखने से इनसे बचा जा सकता है!

1. बरसात में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप

Malaria, Dengue And Chikunguniya Mosquito Disease in Rainy Season

बरसात के मौसम में देश भर की लगभग 90% जनसँख्या मलेरिया, डेंगू, और चिकनगुनिया जैसी बिमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाती है और इन बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगता है! डेंगू के मच्छर हर उस स्थान पर पनप सकते है जहाँ पर ठहरा हुआ और साफ़ पानी होता है! जबकि गन्दा ठहरा हुआ पानी मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छरों के बढ़ने की खास वजह होता है!

इस बीमारी के लक्षण क्या है - Symptoms of These Disease

ये बीमारियाँ होने पर रोगी को तेज कपकपी व ठण्ड का अनुभव होता है, मासपेशियो और जोड़ों में दर्द, shariyaरीर पर लाल चकत्ते पड जाना, घबराहट, मितली, कमजोरी होना, ब्लड प्लेट्लेस का तेजी से कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते है!

मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के तरीके - Safety From Malaria, Dengue And Chikunguniya Mosquito Disease

  • अपने शरीर को पूरी तरह अच्छे से ढक कर रखें जिससे की मच्छर काटें नहीं!
  • मच्छरदानी लगाकर ही सोयें
  • किसी भी जगह पानी इकठ्ठा नहीं होने दें!
  • कूलर का पानी हर हफ्ते बदलें
  • किसी भी स्थान पर बारिश का पानी जमा नहीं होने दें!



2. डायरिया, हैजा और फ़ूड प्वाइजनिंग Diarrhea, Haija And Food Poisoning 

अक्सर बरसात के मौसम में चटपटा, तला भुना हुआ खाने का अधिक मन करता है! ऐसे में बच्चे, युवा और बड़े लोग भी बाहर सड़क किनारे पर से किसी होटल या फ़ूड स्टाल से पानी, समोसे, चाट, गोलगप्पे,पकोड़े, मोमोज, चाऊमीन, इत्यादी खाना फैशन बन गया है! ऐसे में बरसात के दिनों में इन सभी बीमारियो फैलने का अधिक खतरा होता है! बैक्टीरिया के पनपने के कारण भोजन जल्दी संक्रमित हो जाता है!

डायरिया, हैजा और फ़ूड प्वाइजनिंग के लक्षण? Symptoms of Food Poisoning From Outside or Street Food

  • उलटी होना
  • दस्त लगना
  • बुखार होना
  • पेट में दर्द
जोड़ों और मासपेशिओं में दर्द, खिचाव, और मरोड़ उठाना ये सब लक्षण एक साथ या एक एक करके भी रोगी में दिखाई पड सकते है! 

डायरिया, हैजा, और फ़ूड प्वाइजनिंग बचाव के उपाय - Remedies And Cure From 

पानी उबल के पियें और बाहर खाने से बचें, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें और रोजाना  2 से 3 बार निम्बू, चीनी, नमक और पानी के घोल का सेवन रोजाना करें!

ये उपाय करके आप बरसात या मानसून के मौसम में स्वस्थ रह सकते है और दूसरों को जागरूक भी कर सकते है!