थाइराइड रोग का उपचार और लक्षण- Thyroid Symptoms and Treatment in Hindi

गले के मध्य में थाइराइड ग्रंथि होती है और यह ग्रंथि त्वचा के बहुत नजदीक होती है इसलिए मौसम में बदलाव होने पर इस ग्रंथि पर जल्दी संक्रमण होने की सम्भावना होती है! मौसम के बदलाव के साथ ही थाइराइड के मरीज की जाँच जरूर करानी चाहिए!


क्या है थाइरोएड Thyroid Disease

थाईरोएड हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और ये एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो गले के बीच में होती है, यह ग्रंथि शरीर में हॉर्मोन का निर्माण करती है और शरीर को स्वस्थ रखती है और ये मेटाबोलिज्म को नियंत्रित भी रखती है, इस ग्रंथि के अधिक सक्रिय या कम सक्रिय होने पर थाइराइड से सम्बंधित परेशानिया होने लगती है!



थाइरोइड कितने प्रकार का होता है? Types of Thyroid Disease
थाइरोइड 2 प्रकार का होता है-
  • हाइपो-थायराइ और हाइपर-थाइरोइड (Hypo-Thyroid and Hyper-Thyroid)
हाइपो थाइरोइड (Hypo-Thyroid )- जब थाइरोइड ग्रंथि बहुत धीर धीरे काम करती है या असक्रिय हो जाती है तो शरीर में हॉर्मोन का स्राव व संतुलन बिगड़ जाता है! इसमे जरूरी T3 और T4 होरमोन का संतुलन बिगड़ जाता है हाइपो-थाइरोइड के निम्न लक्षण है;
  • शरीर का वजन बढ़ना
  • अधिक ठण्ड महसूस होती है
  • मन किसी भी काम में नहीं लगता
  • अक्सर कब्ज व गैस की समस्या रहती है
हाइपर-थाइरोइड (Hyper-Thyroid)- जब थाइरोइड ग्रंथि काफी तेजी से अधिक कार्य करने लगती है और अधिक हार्मोन निकल कर शरीर में व खून में मिलने लग जाता है तो ये स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इस के लक्षण इस प्रकार है:
  • अधिक भूख लगना
  • शरीर की मास्पेशियो का कमजोर पड़ना
  • व्यक्ति निराश रहने लगता है
  • नींद नहीं आने की समस्या होने लगती है

थाइरोइड की पहचान के लक्षण

इस बीमारी में कई तरह की समस्याए उत्पन्न हो जाती है और रोगी अक्सर किसी न किसी समस्या के जूझता रहता है! इस रोग के कई स्वाभाविक लक्षण देखने में आते है जो इस प्रकार से है! (Thyroid patient suffer  lots of body problem in their entire life, this disease requires attention and cure, patient should not ignore any type of general symptoms which he is facing and always do checkups once on every 5 to 6 month.)
  • अनावश्यक तरीके से वजन का बढ़ना या धटना - uncommon weight increase
  • आवाज का भारी होना
  • गर्दन के निचले भाग में सुजन अथवा गांठ और दर्द की समस्या होना
  • बोलने या कोई काम करने पर साँस फूलने लगना
  • साँस लेने में परेशानी होना
  • भूख का अनियंत्रित हो जाना
  • (depression ) डिप्रेशन में पड़ जाना
  • नींद या अनिद्रा की परेशानी
  • स्किन का रूखा या खुरदुरा पड़ना
  • स्किन से सम्बंधित बिमारिया होना
  • अधिक ठण्ड महसूस करना
पिच्युटरी ग्रंथि और थाइरोइड ग्रंथिया एक साथ क्रिया करती है जिससे शरीर तापमान को नियंत्रित कर सके! थाइरोइड ग्लैंड के असामान्य रूप से कार्य करने पर या कार्य न कर पाने पर व्यक्ति को ठण्ड का अनुभव होता है! और शरीर ठंडा होने लगता है! पिच्युट्री ग्रंथी TSH स्धिक मात्रा में उत्पन्न होने लगता है! सामान्य व्यक्ति के शरीर में थाइरोइड ग्रंथिया T4 हार्मोन का स्राव करके शरीर का तापमान सामान्य कर देती है जो मौसम के अनुसार शरीर का तापमान ठंडा और गरम रखती है! ठण्ड अधिक होने पर TSH अधिक और गर्मी अधिक होने पर TSH घट जाता है!

थाइरोइड की बीमारी महिलाओ को अधिक होती है?

अधिक तनाव व अवसाद होने पर महिला इस रोग की गिरफ्त में आसानी से आ जाती है, रिपोर्ट के अनुसार 100 में से 70% महिलाये इस रोग से पीड़ित होती है! लेकिन अधिकतर को पता नहीं चल पता के वे इस बीमारी से पीड़ित है! लापरवाही बरतने पर मोटापा, डिप्रेशन, अवसाद, बाझपन, जैसी अनेक समस्याए हो जाती हैइसलिए हर पाच साल में कम से कम एक बार महिलाओं की अपनी जाँच करते रहना चाहिए!

उज्जयी आसन से थाइरोइड में लाभ

उज्जयी आसन जरूर करे, कम से कम रोजाना 1 बार अवश्य करें से लाभ हो सकता है, लम्बे समय तक करने से इससे अद्भुत लाभ होते देखे गए है, उज्जायी आसन से थाइरोइड पूरी तरह जड़ से ख़तम हो सकता है, इसे आप नियमित रूप से जीवन का हिस्सा बना ले.अवश्य लाभान्वित होंगे!

दिनचर्या संतुलित योग युक्त हो?

किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन संयमित रखना चाहिए और योग अवश्य करने से बहूत लाभ होता है, योग के जरिये थाइरोइड ग्रंथि की परेशानिया ठीक हो सकती है इससे ये ग्रंथि सक्रीय हो कर सुचारू रूप से कार्य करती है!
  • अपना वजन न बढ़ने दे
  • सोते हुए या लेते हुए भोजन न करे और न ही tv, कंप्यूटर इत्यादी चलाये, 
  • आजकल लोग मोबाइल का इस्तेमाल बहूत अधिक करने लगे है लगातार लम्बे समय टेक इसका इस्तेमाल करने पर ये समस्या गंभीर रूप से बढ़ सकती है,
  • कोशिस करे के तकिया न लगाए और लगाना ही चाहते है तो बेहद पतली तकिया इस्तेमाल करें, जिससे गर्दन सीदे ही रहे
  • हमेशा नींद पूरी ले
  • आप एक्यूप्रेशर ट्रीटमेंट का भी इस्तेमाल कर सकते है

 खान-पान कैसा हो?

  •  थाइरोइड के रोगी कोखाने में आयोडीन युक्त भोजन करना चाहिए! आयोडीन नमक के अलावा समुद्री मछली और समुद्री जीवो और समुद्री शेवाल भी अच्छा स्त्रोत है इनसे आप आयोडीन भोजन प्राप्त कर सकते है! 
  • हरी साग-सब्जियाँ व पत्तेदार ताजी सब्जिया अधिक खाएं, हरी मिर्च, धनिया, प्याज, लहसुन टमाटर, बहुत फायदेमंद होती है!
  • विटामिन डी (Vitamin D) युक्त पदार्थ; दूध, गाजर, अंडे, समुद्री मछली, मशरूम का प्रयोग करे!
  • अखरोट, बादाम, सूरजमुखी के बीज, सूखे मेवे खाने चाहिए ये फायदेमंद होते है!
  • नारियल, दही, गाय का दूध, नारियल तेल, पनीर भी अच्छा व लाभकारी होता है!

थाइरोइड के मरीज क्या नहीं खाए

  • सिगरेट और इसके धुएं से बचे इसमे मौजूद थायनोसाईनेट थाइरोइड ग्रंथि को नुक्सान पहुचता है, शराब और किसी भी प्रकार के नशे से बचें!
  • ब्रोकली, फूलगोभी और पत्तागोभी नहीं खाना चाहिए ये थाइरोइड में नुक्सान दायक होते है
ये सब सावधानीयां और उपाय अपना कर आप थाइरोइड जैसी बड़ी समस्या से अपना बचाव कर सकते है! तथा हर 5-6 महीने में अपनी थाइरोइड जाँच जरूर कराए व चिकित्सक सलाह करके अपनी दवाई नियमित रूप से ले!