दुर्घटना के बाद हाथ व पैर खोने से कैसे बचाएं - Complications and Cure of Fractures After Accident Information and treatment in Hindi

हाथ पैर के बिना शरीर किसी कम का नहीं, यदि किसी दुस्र्घतना में व्यक्ति के हाथ पैर श्रतिग्रस्त हो जाए तो उन्हें खोने से कैसे बचाया जा सकता है, आइये जानते है!

Complications and Cure of Fractures After Accident-  Information and Treatment in Hindi
आए दिन अखबारों में यह पढने को मिलता है की अमुक नवयुवक या नवयुवती को सड़क दुर्घटना में अपनी तंग व हाथ गवाना पड़ा, क्योंकि उन्हें दुर्घटना में टांग या हाथ की हड्डी का फ्रेक्चर हो गया था! कभीकभी यह भी सुनने में आया होगा की ऊंचाई से गिरने के बाद शरीर में काफी छोटे आई, अस्पताल में इलाज के बड जान तो बाख गई पर हाथ या पैर ठन्डे पड गए तो उन्हें काटना पड़ा!

अतंकवादियो द्वारा किये गये बम विस्फोटो की चपेट में आए ज्यादातर की जान चली जाती है, अगर इन में कुछ बच भी गए तो शरीर के किसी न किसी अंग से उन्हें हाथ खोना पड़ जाता है, युवावस्था में हाथ या पैर गवाना पड़े तो सारी जिंदगी बोझ लगती है!

क्या आप ने विभिन्न दुर्घटनाओं में तंग या हाथ खो जाने की घटना के कारणों पर विचार किया की ऐसा क्यों होता है? क्या आप या मान व्हुके है की सड़क दुर्घटना में होने वाले टांगो या हाथ के फ्रेक्चर के बाद उन्हें गवां देना कोई आश्चर्यजनक नहीं है!

टांग या जांघ की हड्डी के फ्रेक्चर को प्लास्टर या स्टील की छडो से फिक्स कर देने के बाद भी टांग कटवानी पद जाती है, खाली फ्रेक्चर हो जाने से टांग काटने की संभावना बहुत कम रति है, यहाँ यह समझ लेना बेहद जरूरी है की शरीर के अन्य अंगो की तरह टांगो को जिन्दा रखने के लिए रक्त की निरंतर सप्लाई बहूत जरूरी है, रक्त की आपूर्ति बंद हो जाने पर पैर व हाथ निर्जीव हो जाते है और निर्जीव होते हुए हाथ व टांग में हड्डी के फ्रेक्चर को जोड़ने का क्या फायदा, समय व पैसे की बर्बादी के साथ साथ कटे हुए अंग को सौगात!

हड्डी के फ्रेक्चर के साथ धमनी पर भी ध्यान दें 

Haddi Ke Fracture Ke Saath Dhamni Par Bhi Dhyan Den,
दुर्घटना में हाथ व पैर की हड्डियों के फ्रेक्चर के साथ ही इन अंगो को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनिया भी श्रतिग्रस्त हो जाती हैं, आप को यह जान कर शायद आश्चर्य होगा की भारत में धमनी चोट के मरीजो में लगभग 50% लोगों को हाथ व पैर कटवाने पड़ते है, जबकि यूरोपीय व विकसित देशों में धमनी चोट में केवल 4% लोगों को ही हाथ पैर गवाने पड़ते है!

दुर्घटना के बाद भी अगर हड्डी में फ्रेक्चर के साथ धमनी श्रतिग्रस्त है तो तुरंत कुछ घंटों में भी मरम्मत का ज्यादा फायदा नहीं होता, क्योंकि पैरों व हाथ की मास्पेशियों को अगर 8 से 9 घंटे तक शुद्ध रक्त न मिले तो मासपेशियां स्थाई रूप से काम नहीं करती है, तब धमनियों की मरम्मत यानि सर्जरी का कोई लाभ नहीं मिलता है!

हड्डी के फ्रेक्चर, अगर 24 घंटे में भी न फिक्स हो, तो कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, पर हड्डी चोट के साथ साथ अगर धमनी चोट भी है, तो दुर्घटना के बाद एकएक मिनट महत्वपूर्ण हो जाता है!

हड्डी के फ्रेक्चर की सर्जरी Surgery of Bone Fracture

Haddi Ke Frecture Ki Surgery aur Upay
हड्डी के फ्रेक्चरकी सर्जरी में टूटे भाग में स्टील की सलाखों व पिन ठोकते वक्त, पास की धमनी श्रतिग्रस्त हो जाती है जिस से हाथ व पैर को जाने वाली शुद्ध रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है, इस के परिणामस्वरुप टांग व हाथ की मांसपेशियाँ निर्जीव हो कर मृत हो जाती है, ऐसी परिस्थिति में धमनी की श्रतिग्रस्तता का आभास होते ही, धमनी पुनर्निर्माण या मरम्मत की प्रक्रिया किसी कार्डियोवेस्कुलर सर्जन से शुरू करा देनी चाहिए, ऐसा समय रहते न कराने से हाथ व पैर के बचने की थोड़ी सी बची हुई आखरी संभावना भी समाप्त हो जाती है!

कभी-कभी हड्डी के फ्रेक्चर की सर्जरी में खासतौर से बोन प्लेटिंग के दौरान रक्त प्रवाह को अस्थाई रूप से रोकने के लिए जांघ व कंधे के पास बांह में एक रब्बर का बैंड बाँधा जाता है, इस बैंड के बाँधने से सर्जरी के दौरान रक्तस्राव कम होता है पर कभी कभी जब बैंड ज्यादा टाइट हो जाता है या निर्धारी समय से ज्यादा लगातार बंधा रहता है तो धमनी में खून के थक्के जमा हो जाते है, जो हाथ या पैर में रक्त प्रवाह को रोक देते है, ऐसी दशा में तुरंत किसी वैस्कुलर या कार्डियोवैस्कुलर सर्जन को बुला कर धमनी को खोल कर उस की सफाई करवानी पड़ती है, ऐसा ना होने पर, हड्डी की प्लेटिंग के बाद भी हाथ या पैर खो देने की आशंका बढ़ जाती है!

हाथपैर खोने में टाइट प्लास्टर भी एक कारण - Plaster in Fracture

Hath Pair Khone Me Tight Plaster bhi Ek Karan Ho Sakta Hai.
हाथ व पैर की रक्त सप्लाई बंद हो जाने का एक दूसरा प्रमुख कारण हड्डी के फ्रेक्चर में प्लास्टर का जरूरत से ज्यादा टाइट होना है, टाइट प्लास्टर हाथ या पैर की रक्त धमनियों को इतना ज्यादा दबा देना की शुद्ध रक्त की आपूर्ति बंद सी हो जाती है!

हड्डी के फ्रेक्चर है तो आप क्या करें -Bone Fracture How To Treat

Haddi Ka Fracture Hai to Kya Karna Chahiye.
  • हमेशा ऐसे अस्पताल में जाएँ, जहाँ हड्डी विशेषज्ञ के साथ साथ वेस्कुलर या कार्डियोवैस्कुलर सर्जन की उपलब्धता हो, याद रखें हड्डी की चोट जानलेवा इमरजेंसी नहीं होती है, पर धमनी की चोट के इलाज में देरी, हाथ या पैर खो देने का सीधा पासपोर्ट है!
  • फ्रेक्चर के मरीज इधर-उधर समय न बर्बाद करें बल्कि सीधा किसी आधुनिक बड़े अस्पताल में पहुचने की कोशिश करें जहाँ आधुनिक जांच की सभी सुविधा उपलब्ध हो!
  • फ्रेक्चर वाले हिस्से में अगर हाथ व पैर की उंगलिया ठंडी पड रही है तो आप अपने अस्थि विशेषज्ञ से जोरदार शब्दों में प्रार्थना करें की वह किसी कार्डियोवैस्कुलर या वेस्कुलर सर्जन को बुलवा कर उन की राय जरूर लेलें!
  • अगर आप के हड्डी के फ्रेक्चर में प्लास्टर चढ़ने के बाद हाथ या पैर की उँगलियाँ ठंडी पड़ने लगें या झनझनाहट शुरू हो जाए तो तुरंत किसी कार्डियोवैस्कुलर व वेस्कुलर सर्जन से संपर्क करें, अपने अस्थि विशेषज्ञ के पास जा कर प्लास्टर को या तो ढीला करवा लें या फिर थोडा करवा लें! प्लास्टर के बाद उंगलियों में ठंडापन व झनझनाहट यह इशारा करता है की या तो छिपी धमनी में चोट है, जो नजरअंदाज हो गई है या फिर टाइट प्लास्टर की वजह से धमनी पर अनावश्यक दबाव पड़ने से खून का बहाव रुक गया है, ऐसी परिस्थितियों में हाथ पर हाथ धर के ना बैठें!
  • अगर आप के परिवारजन यह पाते है की ऑपरेशन के बाद, उसी हिस्से की हाथ या पैर की उँगलियाँ ठंडी या सुन्न या नीली पद रही है तो तुरंत आप अपने हड्डी विशेषज्ञ से आग्रह करें की किसी जनरल सर्जन के बजाय किसी योग्य कार्डियोवैस्कुलर या वेस्कुलर सर्जन को जरूर दिखवा दें, ताकि समय रहते हाथ या पैर में खून की सपलाई बहाल की जा सके!
  • अगर हड्डी जुड़ने के बाद भी हाथ या पैर की उँगलियों में झनझनाहट या हल्का दर्द या सुजन बनी रहती है तो एक बार किसी कार्डियोवैस्कुलर या वेस्कुलर सर्जन को अवश्य दिखा लें, जिससे गुम धमनी की चोट नजरअंदाज ना हो जाए! 

पिता नहीं बन पाने के बड़े कारण क्या है और इसके क्या उपाय है Male Fertility Problem And Life in Hindi

पहले अक्सर महिलाओ को ही गर्भवती ना होने पर जिम्मेदार माना जाता तथा लेकिन अब ऐसा नहीं है, किसी महिला के गर्भवती नहीं हो पाने पर इसके पीछे कई दूसरी वजहें भी हो सकती है! केवल स्त्री ही नहीं पुरुषो में भी प्रजनन से सम्बंधित समस्या भी हो सकती है! अतः इसके लिए दोनों की प्रजनन सम्बन्धी समस्याएँ बराबर जिम्मेदार होती है!


गर्भधारण के लिए जरूरी क्रिया- Important point for Pregnancy 

Garbh Dharan Karne Ke Liye Jaroori Kriya
संतान को जन्म देने के लिए पति-पत्नी दोनों का इस लायक व सक्षम होना बेहद जरूरी है! अन्यथा गर्भ धारण करना संभव नहीं हो पायेगा, पुरषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या, गति और आकार एक तय मानक के अनुसार होना बेहद जरूरी है! और अगर ऐसा नहीं होता है तो शुक्राणु वे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) में सक्षम नहीं हो पाते  हैं जिसके कारण गर्भ नहीं ठहर पता है!

शुक्रानुओ के बनने की प्रक्रिया में बाधा - Problems during the Development Process of Sperms

कई बार कुछ बाहरी कारणों की वजह से शुक्राणुओं के बनने की प्रक्रिया में परेशां व बाधा आने लगती है! जिससे पुरुषो की प्रजनन श्रमता कमजोर पद जाती है और वो प्रजनन नहीं कर पाते है!

  • Shukranuo Ke Banne Ki Prakriya Me Badha Utpanna Hona

एक शोध के अनुसार अधिकतर नि:संतान दंपतियों के लगभग 30% मामलों में इस प्रकार की समस्या समस्या देखने में आती है! गौरतलब है की पुरुषों में हर रोज लाखों की मात्रा में शुक्राणुओं  का जन्म होता है अर्थात निर्माण होता है और यह प्रक्रिया बिना किसी बढ़ा के व रुके हमेशा चलती रहती है!

पुरषों के शरीर में  शुक्रानुओ को पूरी तरह से विकसित होने में 75 दिन का समय लगता है! और अगर इस बीच किसी कारण से शुक्राणु क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उस स्थि‍ति को सुधरने में तकरीबन उतना ही और समय लग जाता है!

  • Adhik Tapmaan Se Shukranuo Ke Banne Me Baadha Aati Hai

अधि‍क तापमान से शुक्राणुओं के बनने की प्रक्रिया बाधित होती है! शुक्राणुओं के बनने के लिए निश्चित अनुकूल तापमान 35 डिग्री सेल्सि‍यस है! जबकि मानव शरीर का तापमान होता है 37 डिग्री से‍ल्सि‍यस!

अतः इसके लिए प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की है कि शरीर के जिस भाग में शुक्राणुओं का निर्माण होता है, उसका तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कम रहे! इसीलिए उसने पुरुषों में अंडकोष शरीर के अन्दर न होकर शरीर के बहार होता है! जिससे अंडकोष का तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कुछ डिग्री तक कम ही रहे, और यदि किसी वजह से अगर शरीर का तापमान बढ़ जाता है तो शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है!

हम आपको आज कुछ ऐसे वजहों के बारे में बताते है, जिनके कारण पुरषों के शरीर के अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है, जिससे उनके शरीर में शुक्राणुओं के निर्माण में बाधा आने लगती है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है!

लैपटॉप का प्रयोग: laptop ka Prayog- Use of Laptop

  • Laptop ko apne pairo va jangho par lekar (god me rakhkar) estemal karne par bhayank parinam ho sakte hai.
यदि कोई व्यक्ति हमेशा लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर काम करता है तो, इस आदत को जितनी जल्दी हो सके छोड़ देने में ही भलाई है अन्यथा परिणाम दुश्कारी हो सकते है! 

लैपटॉप को हमेशा ही टेबल या डेस्क पर रखकर काम करना चाहिए! इसकी आदत डाल लें! अन्यथा लैपटॉप की गर्मी से व्यक्ति के अंडकोषों का तापमान अत्यधिक बढ़ जायेगा और शुक्राणुओं के निर्माण होना भी रुक जायेगा! घ्यान रखे!!

पुरषों में अन्डकोशो का तापमान 1% भी अगर बढ़ जाता है तो भी परेशानी खड़ी हो सकती है! इसलिए सावधान हो जाइये! अन्यथा आपकी संतान प्राप्ति की चाहत पूरी नहीं हो पायेगी और आप पिता नहीं बन पाएंगे!

हॉट बाथ टब में स्नान: Hot Bath Tub: Garam Pani Se Nahane Ka Tub 

अगर आपको गर्म पानी के टब में नहाने की आदत है या उसमे बैठकर स्नान करते है तो भी ये खतरनाक है! यदि आप 30 मिनट या उससे अधिक समय तक गर्म पानी के टब में नहाते हैं तो  शुक्राणुओं का निर्माण बंद हो जायेगा!  और यदि आप इस तरह से नहाना बंद कर देते हैं तो शुक्राणुओं के निर्माण की प्रकिया फिर से शुरू हो जाएगी अर्थात प्रक्रिया सामान्य हो जाएगी!

तेज बुखार होना: High Fever- Tej Bukhar Ki Shikaya Hone Par

यदि आप किसी भी बीमारी के कारण तेज बुखार के शिकार हो जाते है, तो भी आप पर वही बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो हॉट टब में नहाने से होता है!  वर्ष 2003 में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार हमेशा तेज बुखार के बाद शुक्राणुओं की संख्या 35% तक कम हो जाती है!

इसके अतिरिक अगर आप धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन करते है तो भी शुक्राणओं की संख्या निरंतर कम होती चली जाती है, और उनका आकार व गति प्रभावित होती है, जिसके कारण निषेचन में शुक्राणु सफल नहीं हो पाते है! 

बहूत देर तक किसी कुर्सी, पर बैठना, बाइक, कार या कोई भी गाड़ी देर तक रोजाना चलाना भी शुक्राणु के निर्माण में बढ़ा उत्पन्न कर देता देता है!  इसलिए अगर आप देर तक ड्राइविंग करते है या देर तक ऑफिस में बैठकर काम करते है तो सावधान हो जाएँ!


इन बाहरी वजहों के अलावा ऐसे अनेक दुसरे शारीरिक कारण भी हैं, जो शुक्राणुओं के निर्माण या उनकी गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं और पुरुष प्रजनन में अक्षम होते हैं।  अतः अगर आपकी पत्नी को गर्भ धारण करने में समस्या हो रही है तो कमी केवल उसमें ही नहीं, आप में भी हो सकती है। 
अतः अपनी जांच भी जरूर करवाएं!



सरदर्द के लिए अचूक उपाय प्राकृतिक चिकित्सा मात्र 5 मिनट में सरदर्द "गायब” Migraine Headache Pain Natural Treatment

सरदर्द करे पलभर में दूर इस उपाय से

अगर आप अक्सर सर दर्द से परेशान रहते है, जिसके कारण आप कोई भी कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर पाते है तो उपाय आपके लिए है!

इस उपाय से मात्र 5 मिनट में आप सर दर्द से छुटकारा पा सकते है वो भी बिना किसी दवा या साइड इफ़ेक्ट के आइये देखते है क्या है वो उपाय! ( Migraine Headache Pain Treatment within 5 natural cure minute no side effect | Sir dar ka prakratik upay 5 minute me bina dawai ya side effect ke. prakratik upay se. )


सर दर्द का अचूक प्राकृतिक चिकित्सा और घरेलु उपाय हिंदी में

प्राकृतिक चिकित्सा: (Prakratik Chikitsa ) 

केवल पांच मिनट में "सरदर्द गायब" हो जायेगा! Migraine Headache Pain Relief within 5 minute.
हमारे नाक के दो हिस्से होते हैं:

  • बायां स्वर 
  • दायाँ स्वर 

नाक के द्वारा ही हम सांस लेते व छोड़ते हैं, ये दोनों स्वर बिलकुल अलग-अलग असर डालते हैं और आप खुद फर्क महसूस कर सकते हैं!
दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है या प्रतिनिधित्व करता है! जब कभी भी आप सर दर्द महसूस करें तो ये आसान उपाय करें!

सरदर्द के समय, दाये नासिका छिद्र को बंद करें और बाएं से सांस लें!

ऐसा करने पर केवल 5 मिनट में ही आपका सरदर्द एकदम "गायब" हो जाएगा, है ना आसान तरीका यकीन मानिए यह बहूत ही प्रभावकारी है! एक बार करके जरूर देखें!

अगर आपको थकान महसूस हो रही है तो बस इसका उल्टा करके लाभ देखें!

अर्थात बायीं नासिका छिद्र को बंद करके और दायें नासिका से सांस लें, ऐसा करने पर बस थोड़ी ही देर में आप एकदम "तरोताजा“ महसूस करेंगे! दरअसल दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और बायां "ठंडी प्रकृति" अधिकतर  महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने नासिका छिद्र से सांस लेते हैं, और इसके अनुसार क्रमशः ठन्डे और गर्म प्रकृति के होते हैं सूर्य और चन्द्रमा की तरह!

सुबह उठते समय अगर आप बायीं नासिका छिद्र से सांस लेने में सुगमता महसूस कर रहे हैं तो आपको थकान जैसा महसूस होगा, अगर ऐसा होता है तो बायीं नासिका छिद्र को करके, दायीं से सांस लेने की कोशिश करें और तरोताजा हो जाएँ!

अगर आप अक्सर सरदर्द से परेशान रहते हैं तो इसे जरूर आजमायें!

( Treatment for Migraine Headache pain with Natural Way )
दाहिने को बंद करके बायीं नासिका छिद्र से सांस लें और इसे नियमित रूप से एक महिना करें और जबरदस्त स्वास्थ्य होगा! तो दोस्तों इन्हें आजमाइए और बिना दवाओं और नुकसान (साइड इफ़ेक्ट) के स्वस्थ महसूस करें!

धात रोग और लिंग की कमजोरी का अचूक देसी इलाज Dhatu Rog Aur Ling Ki Kamjori Ka Ilaj Hindi Me

धात गिरने को ही घातु रोग कहते है, धातु रोग का अर्थ होता है के व्यक्ति के वीर्य का मूत्र के साथ निकल जाना, इसे ही धात रोग कहते है! धातु के गिरने को शुक्र-मेह ( Dhatu Girne ko Shukrameh bhi kahte hai) भी कहा जाता है!

धात गिरना- ये होता क्यों है? 

Dhat girna ka kya arth hai aur ye kyu aur kaise hota hai eski kya pahchan hai aiye jante hai hindi me.

धत रोग के लक्षण, उपाय, और देसी घरेलु उपाय

जब भी किसी पुरुष के मन में काम या सेक्स की भावना बढ जाती है! तो लिंग अपने आप ही कड़ा हो जाता है और उसका अंग  उत्तेजना की अवस्था में आ जाता है! इस अवस्था में व्यक्ति के लिंग से पानी के रंग के जैसी पतली लेस के रूप में निकलने लगती है! लेस बहूत कम होने के कारण ये लिंग से बाहर नहीं आ पाती है, लेकिन जब व्यक्ति काफी अधिक देर तक उत्तेजित रहता है तो ये लेस लिंग के मुहँ के आगे आ जाती है!



आज के युग में अनैतिक सोच और अश्लीलता के बढ़ने के कारण आजकल युवक और युवती अक्सर अश्लील फिल्मे देखते और पढते है तथा गलत तरीके से अपने वीर्य और रज को बर्बाद करते है! अधिकतर लड़के-लड़कीयां अपने ख्यालों में ही शारीरिक संबंध बनाना भी शुरू कर देते है!

जिसके कारण उनका लिंग अधिक देर तक उत्तेजना की अवस्था में बना रहता है, और लेस ज्यादा मात्रा में बहनी शुरू हो जाती है! और ऐसा अधिकतर होते रहने पर एक वक़्त ऐसा भी आता है! जब स्थिति अधिक खराब हो जाती है और किसी लड़की का ख्याल मन में आते ही उनका लेस (वीर्य) बाहर निकल जाता है, और उनकी उत्तेजना शांत हो जाती है! ये एक प्रकार का रोग है जिसे शुक्रमेह कहते है!

वैसे इस लेस में वीर्य का कोई भी अंश देखने को नहीं मिलता है! लेकिन इसका काम पुरुष यौन-अंग की नाली को चिकना और गीला करने का होता है जो सम्बन्ध बनाते वक़्त वीर्य की गति से होने वाले नुकसान से लिंग को बचाता है!

धात रोग का प्रमुख कारण क्या है? ( Causes of Discharge Weakness )

Dhat rog ka pramukh karan kya hai.

  1. अधिक कामुक और अश्लील विचार रखना!
  2. मन का अशांत रहना!
  3. अक्सर किसी बात या किसी तरह का दुःख मन में होना!
  4. दिमागी कमजोरी होना!
  5. व्यक्ति के शरीर में पौषक पदार्थो और तत्वों व विटामिन्स की कमी हो जाने पर!
  6. किसी बीमारी के चलते अधिक दवाई लेने पर 
  7. व्यक्ति का शरीर कमजोर होना और उसकी प्रतिरोधक श्रमता की कमी होना!
  8. अक्सर किसी बात का चिंता करना
  9. पौरुष द्रव का पतला होना
  10. यौन अंगो के नसों में कमजोरी आना
  11. अपने पौरुष पदार्थ को व्यर्थ में निकालना व नष्ट करना (हस्तमैथुन अधिक करना)

धात रोग के लक्षण क्या है? ( Symptoms of Discharge Weakness ) : 

Dhat Rog Ke Lakshan Kya Hai
मल मूत्र त्याग में दबाव की इच्छा महसूस होना! धात रोग का इशारा करती है! 
  1. लिंग के मुख से लार का टपकना!
  2. पौरुष वीर्य का पानी जैसा पतला होना!
  3. शरीर में कमजोरी आना!
  4. छोटी सी बात पर तनाव में आ जाना!
  5. हाथ पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कंपन या कपकपी होना!
  6. पेट रोग से परेशान रहना या साफ़ न होना, कब्ज होना!
  7. सांस से सम्बंधित परेशानी, श्वास रोग या खांसी होना!
  8. शरीर की पिंडलियों में दर्द होना!
  9. कम या अधिक चक्कर आना!
  10. शरीर में हर समय थकान महसूस करना!
  11. चुस्ती फुर्ती का खत्म होना!
  12. मन का अप्रसन्न रहना और किसी भी काम में मन ना लगना इसके लक्षणों को दर्शाता है!

धात रोग के आयुर्वेदिक उपाय ( Aayurvedic Remedies for Discharge Falling )

Dhat Rog Ka Ilaj Ayurvedic Tarike Se:
  • गिलोय ( Tinospora ) : धात रोग से मुक्ति प्राप्त करने के लिए 2 चम्मच गिलोय के रस में 1 चम्मच शहद मिलकर लेना चाहिए!
  • आंवले ( Amla ) :  प्रतिदिन सुबह के वक़्त खाली पेट दो चम्मच आंवले के रस को शहद के साथ लें! इससे जल्द ही धात पुष्ट होने लगती है! सुबह शाम आंवले के चूर्ण को दूध में मिला कर लेने से भी धात रोग में बहूत लाभ मिलता है!
  • तुलसी ( Basil ):  3 से 4 ग्राम तुलसी के बीज और थोड़ी सी मिश्री दोनों को मिलाकर दोपहर का खाना खाने के बाद खाने से जल्दी ही लाभ होता है!
  • मुसली ( White Asparagus Abscendens ):  अगर 10 ग्राम सफ़ेद मुसली का चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाया जाए और उसके बाद ऊपर से लगभग 500 ग्राम गाय का दूध पी लें तो अत्यंत लाभ करी होता है! इस उपाय से शरीर को अंदरूनी शक्ति मिलती है और व्यक्ति के शरीर को रोगों से लड़ने के लिए शक्ति मिलती है!
  • उड़द की दाल ( Udad Pulses ) : अगर उड़द की दाल को पीसकर उसे खांड में भुन लिया जाए और खांड में मिलाकर खाएं तो भी जबरदस्त लाभ जल्दी ही मिलता है!
  • जामुन की गुठली ( Kernels of Blackberry ): जामुन की गुठलियों को धुप में सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उसे रोज दूध के साथ खाएं! कुछ हफ़्तों में करने पर ही आपका धात गिरना बंद हो जायेगा!
  • कौंच के बीज ( Kaunch Seeds ): अगर आपका वीर्य पतला है तो 100 – 100 ग्राम की मात्रा में मखाने (Dryfruit) और कौंच के बीज लेकर उन्हें पीस कर उनका चूर्ण बना लें और फिर उसमे 200 ग्राम पीसी हुई मिश्री मिला लें!
    अब इस मिश्रण के रोज  (आधा) ½ चम्मच को गुनगुने दूध में मिलाकर पियें! इससे आपका जल्द ही बहूत अधिक लाभ मिलेगा!
  • शतावरी मुलहठी ( Asparagus Liquorices ) :  50 ग्राम शतावरी, 50 ग्राम मुलहठी, 25 ग्राम छोटी इलायची के बीज, 25 ग्राम बंशलोचन, 25 ग्राम शीतलचीनी और 4 ग्राम बंगभस्म, 50 ग्राम सालब मिसरी लेकर इन सभी सामग्रियो को सुखाकर बारीक पिस लें! पीसने के बाद इसमे 60 ग्राम चाँदी का वर्क मिलाएं और प्राप्त चूर्ण को (60 ग्राम ) सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लें! 
ये उपाय पुराने से भी पुराने धात रोग को ठीक कर देता है!
Dhat rog me ye upay karne se purane se purana dhat rog bhi asani se thik ho jata hai.

पीरियड्स मासिक-धर्म के दर्द का घरेलु इलाज उपाय Period Pain-Dysmenorrhoea AyurvedicTreatment Hindi Me

पीरियड्स के दौरान अक्सर बहुत सी लडकियों, महिलाओं को दर्द का भी सामना करना पड़ता है जो कई बार तो बर्दाश्त के बाहर होता है!

कष्टकारी मासिक धर्म का कारण Period Pain- Dysmenorrhoea

अक्सर दर्द के साथ आने वाले MC अर्थात Periods जिसे हिंदी में मासिक धर्म कहते है, मासिक धर्म की मुख्य वजह यह गर्भाशय का सिकुड़ जाना होता है, जो हारमोंस के अधिक श्राव के कारण होता है! गर्भाशय के कारण जिससे दूषित और गन्दा रक्त स्रावित होने में रुकावट आने लगती है!


दर्द्युक्त और कष्टकारी मासिक धर्म के क्या लक्षण है! Symptoms of Painful Periods

इसका प्रमुख लक्षण मासिक धर्म से कुछ घंटे पहले तीव्र पीड़ा होना है! इसके कारण कई स्त्रियों को पीठ के रीढ़ में दर्द अनुभव होता है व श्रोणि में भी दर्द का अनुभव हो सकता है!

कष्टकारी मासिक धर्म का उपाय और उपचार MasikDharm Ka ilaj Va Upay (Treatment of Period Pain)

इस समस्या के बचाव के लिए व्यायाम, योग और भोजन में सब्जियों का संतुलित तरीके से सेवन करना फायदेमंद है। अधिक दर्द अथवा पीड़ा होने पर बचाव के लिए एस्पिरीन भी ले सकते है!
अगर परेशानी अधिक हो रही हो तो किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह करें और उसके बताये अनुसार दवाई लें व उपाय करें!

कुछ अन्य घरेलू उपाय भी किये जा सकते है जो निम्न है! Try Home Made Easy Remedies For MC

  1. हींग का प्रयोग करने वाली स्त्रियों को मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याएं बहूत कम होती है! इसके लिए 12 ग्राम हींग घी में भूनकर 100 या 125 ग्राम बकरी के दूध मिला लें और फिर उसमे में शहद मिला कर रोजाना दिन में 2 से 3 बार 1 महीने तक सेवन करें, ऐसा करने पर इस समस्या से छुटकारा मिल जायेगा!
  2. आधा चम्मच तिल का चूर्ण गरम पानी में मिला लें और फिर उसे रोजाना दिन में 2 बार लें इससे आपको दर्द में बहूत लाभ मिलेगा!
  3. 3 से 4 ग्राम मूली के बीज का चूर्ण लेकर रोजाना सुबह शाम गर्म पानी के साथ लें इससे आपको मासिक धर्म में होने वाले दर्द से बहूत लाभ मिलेगा!
  4. बथुए का प्रयोग भोजन में करें, इससे आप किसी भी रूप में लें फायदा होगा!
  5. अगर आपको पीरियड्स के दौरान जान्घो में दर्द होता है तो पीरियड्स के दौरान रोजाना 6 ग्राम नीम के पत्तो के रस, 12 ग्राम अदरक का रस और बराबर मात्र में पानी लेकर सबको मिला लें और इसका सेवन करें ऐसा करने पर आपको तुरंत लाभ मिलेगा! और दर्द भी गायब हो जायेगा!

मर्दाना शक्तिवर्धक और यौन शक्तिवर्धक आयुर्वेदिक उपाय- How To Improve $ex Power To Stay Longer on Bed

अक्सर लोग बिस्तर में पत्नी या प्रेमिका को तृप्त नहीं कर पाते है, क्योकि वो समय से पहले ही मर्दाना कमजोरी की वजह से शीघ्र ही शिथिल पद जाते है, और उनकी साथी पार्टनर अतृप्त ही रह जाती है जिसके दांपत्य जीवन में कई परेशानिया और कलह होने लगते है!

तो आइये आज हम आपको पुरुषो की यौन शक्ति वर्धक चमत्कारी आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में बताते है जिन्हें आप आसानी से घर पर ही बना सकते है और अपनी सेक्स श्रमता में चमत्कारी शक्ति अनुभव करने लगेंगे!

मर्दाना शक्ति वर्धक आयुर्वेदिक दवा घर पर बनाये! Mardana Shakri Vardhak Achuk Ayurvedic Dawa 


  • बराबर मात्रा में अदरक और प्याज का रस निकाल लें, अब 2 चम्मच रस लेकर उसमे 2 चम्मच शहद मिलाएं!  और उसे रोजाना सुबह खाली पेट चाटें! ऐसा कम-से-कम 2 महीने तक करें इससे आपकी यौन शक्ति में जबरदस्त लाभ होगा! इसके प्रयोग से नामर्द भी मर्द बन जायेंगे और अपनी यौन व सेक्सुअल लाइफ को भरपूर तरीके से एन्जॉय कर सकेंगे! Its is the best natural way which easily can improve you sexual stamina on bed during relationship with wife or your partner. 

यौन- शक्ति को बढाने वाली आयुर्वेदिक दवाई- Youn Shakti va Stamina Ko Badhane Ke liye ye upay karen

  • वीर्य में वृद्धि के लिए उत्तम भोजन करें जैसे- लहसुन, मक्खन, प्याज, अदरक, ताजी हरी सब्जी, दाल फल, दूध दही इत्यादी!
  • पुरुष जो भी वास्तु खाते है उनसे पहले रस फिर रक्त और फिर उससे वीर्य न निर्माण होता है! जो भी व्यक्ति अपनी मर्दाना शक्ति व यौन पॉवर को बढ़ाना चाहते है उन्हे संतुलित और पौष्टिक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए! 
  • अगर आपकी पाचन शक्ति ठीक नहीं है और आपको पेट से सम्बंधित समस्या है तो इसका असर आपकी यौन श्रमता पर जरूर पड़ेगा! और आप बिस्तर पर जल्दी हीथक हो जायेंगे! अदरक का प्रयोग खाने में करे इससे आपकी पाचन शक्ति व सेक्स स्टैमिना भी बढेगा!
  • अदरक को वृषण भी कहा जाता है, वृषण का अर्थ होता है सांड! सांड शारीरिक रूप से और यौन श्रमता में सबसे अधिक ताकतवर माना जात्रा है!

जोश में अत्यधिक वृद्धि के लिए ये दूसरा उपाय भी कर सकते है!

  • 2 चम्मच पिसी हुई सोंठ को लेकर, तिल के तेल में या फिर उसे 50 ग्राम नारियल के तेल में उबाले लें! जब ये उबलने लगे तब उसे स्टोव से उतार कर ठंडा कर लें तथा छान लें! अब उसे अपनी नाभि से नीचे वाले भाग पर जांघों तक सभी जगह अच्छी प्रकार से मालिश करें! इससे आपके शरीर की मासपेशियो को तकर मिलेगी और लम्बे समय तक आपकी उर्जा बिस्तर में बनी रहेगी! 
  • इस तेल निरंतर प्रयोग से जननांगो की खुजली और कमजोरी दोनों ही ठीक हो जाती है!
  • अदरक का रस निकलकर उसे तेल में मिला लें और उसे उबाल ले, जब रस जल जाएँ तो बचे हुए तेल को  इस्तेमाल में लें रोजाना इसका प्रयोग करने से आपको लाभ स्वतः ही नजर आने लगेगा! और आपकी सेक्स समस्या दूर हो जाएगी!

शुक्राणुओं की वृद्धिक के लिए उपाय- Shukranuo Ki Vraddhi Ke Liye Ye Prayog Karen

अक्सर करी स्त्री -पुरुष काफी कोशिशों के बाद भी शरीर में शुक्राणु की कमी के कारण संतान प्राप्त नहीं कर पते है! ऐसे दम्पति ये प्रयोग करें! 
  • अदरक के प्रयोग से शुक्रानुओ में वृद्धि होती है इसका नित्य प्रयोग करें, इसका प्रयोग किसी भी रूप में किया जा सकता है, इसको खाने से संतान की प्राप्ति हो सकती है! Ginger is a very effective to improve sperm in you body which is very important to have pregnancy.
  • अदरक के रस लेकर उसे रोजाना आधे कप पानी में मिलाके पिए, भोजन में अदरक जरूर लें, अदरक का प्रयोग महिलाओ में काम इच्चा की वृद्धि भी करता है इसलिए इसका प्रयोग नित्य करके लाभ प्राप्त कर सकते है! Take Ginger juice daily in a cup with water, eat ginger during having food. It also increase women sexual desire and improve girls sex feelings.

त्वचा की रंगत निखारने के लिए होममेड टिप्स- Remedies For Shinny and Glowing Skin In Hindi

चेहरे की रंगत को निखारने के लिए अपनाए ये अचूक घरेलु नुस्खे

ये उपाय आपके चेहरे को नई उर्जा और कांति से भर देंगे! इन नुस्खो और उपायों से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है और आसानी से त्वचा को वो सारे पोषक तत्व मिल जाते है जो किसी भी बाजार में मिलने वाले प्रोडक्ट में नहीं होते!

Try these home made remedies to improve your face skin, these home made remedies help to improve your face skin lightning, freshness, removes pimples, black spots, sun burns, wrinkles, ache, face skin dullness, It also improves skin life and give face shinny and attractive look. These remedies have no side-effect over skin or any part of body.



How To Make Home Made Remedies For Shinny and attractive Skin

  • चन्दन पाउडर में 1-1 चम्मच मिल्क पाउडर, शहद, निम्बू का रस और बादाम का तेल मिलाएं! चेहरे पर लगायें और फिर 10-15 मिनट तक सूखने के बाद उसेस पानी से धो लें! (Take Sandle Powder and Mix 1 Table Spoon Milk Powder, Honey, Lemon Juice, Almond Oil)

  • दूध में लगभग आधा चम्मच हल्दी मिलाये और उसमे कुछ बुँदे निम्बू की निचोड़ दें और फिर उसे अपने चहरे पर लगा कर 25 मिनट बाद ठीक से घो ले!
    Take half spoon turmeric and mix it in milk and also mix some drops of lemon juice, Apply it on your face skin. after 25 minutes wash it with fresh water.
  • नीबू का रस बेसन में मिलकर इसे नहाते समय अपने शरीर पर लगायें ये प्राकृतिक ब्लीच की तरह काम करता है और इससे स्किन मुलायम होती है और त्वचा पर गोरापन तथा कसाव आता है!
    Mix Lemon Juice with Besan and apply it on your body while bathing, It work as natural bleach on your skin
  • नारियल पानी और अन्नास का रस मिलाकर चेहरे पर लगायें!
    Mix coconut water and Pine, Apple juice and then apply it on your face skin
  • मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगायें, 20 मिनट बाद धो लें!
    Mix some turmeric in milk cream and apply on your face skin with mild hand and wash it with fresh water after 20 minutes.
  • 1 चम्मच बेसन, 1 चुटकी हल्दी में थोडा सा दूध मिला कर चेहरे पर हफ्ते में 1 बार लगायें इससे चेहरे की रंगत निखरेगी!
    mix 1 spoon besan, some turmeric in milk and apply it on your face once in a week, It will improve your skin's shine and increase face glow.
  • 1/4 कप नारियल के तेल में 1/7 - 1/7 शिया बटर और कोको बटर को धीमी आंच पर पिघलाएं, इसे आंच से उतारकर इसमे एक चम्मच एलोवेरा जूस, 1 चम्मच जोजोबा आयल की 5 से 10 बूंदे और अपना मनपसंद एसेंशियल तेल इसमे मिलाएं, इसे किसी बोतल में भरकर रख लें, इसे अपने चेहरे पर लगायें ये आपके चेरे की रंगर को निखारने में मदद करेगा और चेहरे का कालापन दूर होगा!
    Shiya Butter and Coco butter and warm it, now take table spoon alovera juice, 1 tablespoon jojoba oil & mix 5-10 drops of essential oil in it. now keep all it in a small bottle, Apply it on your face, it improve and reduce face darkness and increase shine and glow on skin.
  • दही और संतरे का रस आपस में मिला लें और इसे चेहरे पर लगायें और 15 मिनट बाद चेहरा धो ले, इसे रोजाना 1 महीने तक इस्तेमाल करें!
    Mix Curd and Orange juice and use it to apply on your face everyday after 15 minutes wash your face, apply this remedy for 1 month.
  • 2 चम्मच टमाटर के रस में दही मिलाकर लगाने से चेहरे पर चमक आती है!
    Mix 2 teaspoon tomato juice in curd and apply it on your face it will increase face glow.
  • रूखी त्वचा के लिए अंडे की जर्दी, ओलिव आयल व निम्बू के रस को मिला लें और फिर उसे चेहरे व गर्दन पर लगाये! 10 मिनट बाद चेहरा हलके गर्म पानी से धो लें!
    For dry skin take Egg white part, olive oil and lemon juice and mix it, apply it on your face and neck, rinse off with warm water after 10 minutes.
  • 1 चम्मच दही में आधा चम्मच संतरे का रस मिलाकर पेस्ट बनायें, और फिर इसे चेहरे पर 10 मिनट तक लगाकर रखें फिर धो लें!
    mix half spoon orange juice in 1 teaspoon curd and make pest of it. apply it on your face skin for 10 minutes and wash it.

कंडोम का प्रयोग कैसे करे, कंडोम का इस्तेमाल करने का तरीका How To Use Condom

कंडोम कैसे प्रयोग करें और उसे पहनने का सही तरीका क्या है और इससे सुरक्षा के सुझाव! इस रोचक और सेक्सी बनाए! How to use and wear condom before making relationship. Its looks natural do not harm or affect body parts and sexual fun.

  1.  सबसे पहले कंडोम के पैकेट को किनारे से फाड़ें, घ्यान रखें कंडोम बहूत लचीला होता है इसलिए सावधानी से फाड़ें किसी भी कैंची या ब्लेड का प्रयोग करने से बचें, इसे फाड़ने से पहले देख लें की कही कंडोम की पेकेट की डेट एक्सपायर तो नहीं हो गई है! अगर तिथि निकल गई हो तो उसका प्रयोग करने की जरूरत नहीं है!
  2. ध्यान रखे की कंडोम किस तरफ से खुल रहा है अगर आप उलटी तरफ से इसे चढाने की कोशिश करेंगे तो वो आपके अंग पर चढ़ेगा नहीं और यदि गलती से आपने उसे अपने अंग पर चढ़ा लिया है तो उसे निकल कर फैंक से और दूसरा इस्तेमाल करें!
  3. इसके सिरे को अपनी उंगलियों से दबा कर उसके बीच की हवा निकल दे जिससे उसमे वीर्य के इकट्ठा होने के लिए जगह बनी रहे! यह देखने में ऊपर से किसी निप्पल के जैसे दिखेगा
  4. कंडोम के एक सिरे को पकड़ कर उसे अपने पूरी तरह तने हुए अंग पर चढ़ा लें!
How To Wear Condom

महिलाएं कंडोम कैसे पहने- How To Wear Female Condom?

  1. कंडोम लगाने के बाद कई स्त्रियों को अपने पहले ओर्गास्म का अहसास हुआ है!
  2. कंडोम के अन्दर दिखाई देने वाली रिंग को अपनी ऊँगली से दबाइए (छोटी वाली रिंग को), ऐसा करने पर उसके कोने एक दुसरे को आसानी से छु सकेंगे!
  3. अब अन्दर की रिंग को अपनी ऊँगलीयो से धकेलिए जितनी अन्दर वो जा सके फिर उसके बाद बड़ी वाली रिंग को बाहर को हो रखिये!
  4. अब अपने पार्टनर के लिंग को बहार वाली रिंग की ओर घुसने में पूरी मदद करें!
  5. शारीरिक संबंधो के पूरा हो जाने के बाद कंडोम को अपने हाथो से 3 से 4 बार एक दिशा में मोड़िए और फिर उसे बहार की तरफ निकल लेंने में साथी की मदद करें!

कंडोम का इस्तेमाल करने से फायदे और नकसान, Disadvantages And Benefits of Using Condom

हालाँकि इसमे कोई शक नहीं के लोग कंडोम का इस्तेमाल मजबूरी में करते है, अधिकतर लोग इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते है, लोग इसके लिए कई प्रकार के तर्क और परेशानिया बताते है जो निम्न है,

कंडोम से होने वाली परेशानियाँ- Condom Ke Estemal Se Logo Ko Kya Pareshaniya Aati Hai

  1. इसके प्रयोग से संबंधो के दौरान उतना मजा नहीं आता जितना बिना कंडोम के इस्तेमाल के आता है!
  2. संबंधो के दौरान इसके प्रयोग के लिए लोग आलस कर जाते है!
  3. लोग सोचते है की हम और हमारा पार्टनर दोनों स्वस्थ है और हमें इसकी जरूरत नहीं है! हम दोनों को कोई बीमारी नहीं है इसलिए इसका इस्तेमाल क्यों करें!
  4. छोटी उम्र के लड़के और लडकिया बिना कंडोम के ही संबंधो को बनाने में अधिक संतुष्टि का अनुभव करते है!
  5. लोगो का सोचना है की इसके इस्तेमाल से दोनों पार्टनर का पूरी तरह मिलन नहीं हो पाता है!
  6. लोग अपने पैसे हमेशा इसके लिए खर्च नहीं करना चाहते है!
  7. लोगो को और पिछड़े वर्ग के लोग अभी इसके प्रति जागरूक नहीं है!
  8. लोगो का कहना है के ये कंपनियों का अपने प्रोडक्ट को बेचने का तरीका है और गवर्नमेंट को इससे बहुत टैक्स मिलता है इसलिए इसका प्रचार करके लोगो को बेवक़ूफ़ बना कर लूटा जा रहा है!
  9. कंडोम के इस्तेमाल और उसे क्रश करने के झंझट से लोग बचने के लिए भी इसका प्रयोग नहीं करते है!
  10. लोग इसके इस्तेमाल में अपना मजा और समय ख़राब नहीं करना चाहते है!

Condom Kaise Estemal Karen-Use of Condom

हालाँकि लोगो के इस प्रकार के तर्क देना और उन्हें होने वाली इस प्रकार की समस्या काफी हद तक सही भी है! लेकिन इन सब के बावजूद कंडोम के फायदे को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है!, क्योकि जिस प्रकार आज के युग में लोग अधिक से अधिक मात्रा में सम्बन्ध बनाने के प्रति बहूत अधिक सक्रिय होने लगे है, यहाँ तक की छोटी उम्र के बच्चे और व्यस्क भी अधिक से अधिक इसका आनंद लेंने लगे है जिसके कारण सेक्स से होने वाली बिमारियां भी उतनी तेजी से फ़ैल रही है, इन बीमारियों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करना और भी अधिक जरूरी हो गया है!

कंडोम के फायदे-Benefits of Condom Using. Eske Estemal Se Kya Fayde Hai

  1. इससे हर प्रकार की बीमारी से बचा जा सकता है और एक सुरक्षित सम्बन्ध बनाया जा सकता है!
  2. इसके प्रयोग से किसी भी प्रकार की हानी होने का खतरा लगभग न के बराबर है!
  3. यह किसी भी उम्र का व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है
  4. इसका प्रयोग करना बहुत ही सरल और सुरक्षित है
  5. एड्स, व गुप्त रोग जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा नहीं रहता है!
  6. इसके प्रयोग से आनंद में मामूली सा फर्क ही आता है!
  7. कंडोम कई प्रकार के फ्लेवर और डिजाईन में भी कंपनिया बनाने लगी है जिससे व्यक्ति को अधिक आनंद की अनुभूति हो!
  8. कंडोम के जरिये अनचाहे गर्भ से भी बचा जा सकता है और बिना डर के कितनी बार भी शारीरिक सुख प्राप्त कर सकते है!

कंडोम से समाज में बदलाव और नुकसान-Lose of Using Condom. Condom Se Kya Nuksan Hota Hai

  1. हालाँकि अब कंडोम के इस्तेमाल और प्रचार के चलते स्कूल के बच्चे, कॉलेज स्टूडेंट, और कम उम्र के युवा और व्यस्क लोग सभी अधिक मात्रा मेंसेक्स करने लगे है! बच्चे तक कंडोम के चलते संबंधो में अधिक रूचि लेने लगे है जिससे संस्कृति और समाज दोनों का नाश तेजी से होने लगा है!
  2. अब लोग किसी से भी बिना डरे कितनी भी बार सम्बन्ध बनाने लगे है!
  3. कंडोम के प्रयोग और आसानी से मुफ्त उपलब्ध होने की वजह से हर उम्र के लोग गुप्त रोग और एड्स जैसी बीमारियों के प्रति बेपरवाह हो गए है और किसी से भी कभी भी सम्बन्ध बनाने लगे है, लोग ओरल और अनल जैसे संबंधो में भी अधिक मात्रा में रूचि ले रहे है और लोग भूल रहे है की कंडोम को हर जगह नहीं लगाया जा सकता है! जिसकी वजह से ये बिमारियां बड़ी तेजी से फैलने लगी है! हाल ही में हुए एक अनुमान और सर्वे के अनुसार 10 में से हर 4 व्यक्ति एड्स की चपेट में आ रहें है और लोग अपनी जिंदगी गवा रहे है! 
  4. कंडोम का इस्तेमाल सभी उम्र के लोग खासकर स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंटस संबंधो का मजा लेने के लिए इसका प्रयोग करने में सबसे आगे है जिसकी वजह से उनकी पढाई में बाधा आने लगी है और समाज में अधिकतम संस्कृति और सभ्यता का नुकसान हो रहा है!
  5. लोग संबंधो को केवल मजा करने के लिए इस्तेमाल करने लगे है और अब लोग सेक्स संबंधो के चलते सामाजिक संबंधो और रिश्तो को सेक्स के लिए इस्तेमाल कर रहे है जो किसी भी सभ्यता को बहुत हानी पंहुचा सकती है!
  6. जहाँ लडकियां पहले किसी पराये मर्द या पुरुष से सम्बन्ध के बारे में सोचती भी नहीं थी वही अब कंडोम के कारण वो कई लोगो से सम्बन्ध बनाने में भी नहीं हिचकिचाती है! और यही हाल पुरुषों का भी है!
  7. अक्सर सुनने में आता है की 9-10 साल के स्टूडेंट ने स्कूल में किसी लड़के व लड़की से शारीरिक सम्बन्ध बना लिए है! 
  8. कंडोम का विज्ञापन हर समय टी.वी चैनल्स पर और इन्टरनेट पर अक्सर समान्य धारावाहिक या फिल्मो के दिखने के वक़्त जब बच्चे देखते रहते है आता रहता है जिससे उनके मन मे इसे इस्तेमाल करने और जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है और इसके चलते वो स्कूल और दोस्तों के साथ कंडोम के जरिये सम्बन्ध बनाने की चेष्टा करने लगे है और पढाई से दूर जाने लगे है!
  9. लोग और माता पिता अपने बच्चो के सामने भी आलिंगन होने में परहेज नहीं करते है जिससे बच्चो में इसके प्रति अधिक उत्सुकता होने लगी है और वो भी इसे करने की कोशिश में किसी न किसी से सम्बन्ध बना बैठते है!
  10. कंडोम खरीदने वालो में सबसे ज्यादा 85 प्रतिशत टीनएजर्स (12-19 वर्ष) और 20-25 साल के युवा लड़की लड़के होते है!
इससे यही समझ में आता है के जहाँ इसके प्रयोग से बीमारियों और अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है वही इसके प्रयोग और प्रचार से छोटी उम्र के मासूम बच्चे भी शारीरिक सेक्स संबंधो में पड़कर समाज, संस्कृति को बर्बाद कर रहे है और साथ में अपना भविष्य भी गवां रहे है इसके चलते समाज में अधिक मात्रा में शारीरिक शोषण और शारीरिक व्यापार में बहूत अधिक उछाल आया है जो देश की बर्बादी का सूचक है!

आईसी या पीवीसी रोग के लक्षण और इलाज- IC ya PVC Rog Ke Lakshan Aur Eska Ilaj Ka Tarika

ये महिलाओ को होने वाला एक दुखदाई रोग है जो स्त्रियों के लिए एक बड़ी समस्या है! आईसी या पीवीसी रोग से पीड़ित महिलाओं में पायें जाने वाले 3 कॉमन लक्षण निम्न है:

  1. ब्लेडर पेन, असुविधा अथवा भारीपन का एहसास ब्लैडर पेन के अलावा या दर्द महिलाओं की योनी के आसपास के अन्य हिस्सों, मसलन लोअर एब्डोमेन और कुल्हे की हड्डियों के नीचे भी हो सकता है! यह दर्द आताजाता रह सकता है अथवा स्थाई तौर पर महसूस किया जा सकता है! यह दर्द ब्लैडर के भरे रहने पर बहुत ज्यादा हो सकता है और मूत्रत्याग करने पर ही इस दर्द में कमी आती है!
  2. मूत्र त्याग करने की आवश्यकता कभी कभी प्रत्येक घंटे में या उस से कम देर में महसूस होती है!
  3. मूत्र को त्यागने की जल्दी होती है! ये तीनो लक्षण सहवास की अवधी में अथवा उस बाद अक्सर बहुत बढ़ जाते है, यह समस्या निद्रा, कार्य, सामाजिक गतिविधियों तथा जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है!
आईसी से पीड़ित कुछ महिलाएं बाथरूम न उपलब्ध होने के भय से बाहर निकलने से कतराती है! उन्हें लगता है की जब वह कामकाज पर अथवा किसी सामाजिक अवसर पर जाएँगी तो उनका दर्द असहनीय हो जायेगा! एक बार जब आईसी की डायग्नोसिस हो जाती है तब डॉक्टर इस के उपचारों के विकल्पों पर चर्चा करने लगते है!

आईसी रोग का कारण अभी तक अज्ञात है कुछ अनुसंधानकर्ताओं ने हाल में ही एक तत्व एंटी प्रोलिफ्रेटिव (एपीएफ) का पता लगाया है जो कुछ अपवादों को छोड़ कर केवल महिलाओं के मूत्र में आईसी के साथ पाया जाता है, एन का मानना है की एपीएफ मूत्र थैली के अस्तर और सुरक्षा झिल्ली की कोशिकाओं के विकल्प को अवरुद्द कर आईसी के प्रकोप को बढ़ावा देता है!

ध्यान में रखने वाली बात यह है की इस रोग से सम्बंधित उपचार का असर होने में काफी समय लगता है! और इस रोग के लिए रोगी को घैर्य रखने की आवश्यकता होती है! अनेक महिलाएं इस बात से काफी संतोष महसूस करने लगती है की उन के लक्षणों की जानकारी के आधार पर उपचार संभव हो सकता है! लेकिन जब सुधर प्रक्रिया में दोनों अथवा महीनो तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है, तो वे काफी हतोत्साहित हो जाती है! आज के समय में आईसी का कोई निदान नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे उपचार है जिस से इस के लक्षणों में चमत्कारी तरीके से सुधार हो सकता है!

आईसी या पीवीसी रोग का उपचार क्या है?

डाइमिथाइल सल्फ़आक्साइड (डीएमएसओ): यह एफडीए द्वारा अनोमोदित तरल रसायन है जिसे अक्सर अन्य दवाओं के साथ मिला कर एक सॉफ्ट रबर ट्यूब (कैथीटर) के जरिए मूत्र थैली में सीधे प्रवेश करा दिया जाता है और लगभग 15 से 30 मिनट के बाद प्राकृतिक मूत्र के रूप में उत्सर्जित कर दिया जाता है! ऐसा मन जाता है की इस प्रक्रिया से यह ब्लैडर वॉल एम्फ्लेमेंशन को सीधे तरीके से कम कर देता है, दर्द में कमी लाता है और ब्लैडर की मॉसपेशियो को संकुचित होने से बचाता है!

उपचार की पुनरावृत्ति हर सप्ताह 1 से 2 बार और 6 7 सप्ताह तक होती रहनी चाहिए! डीएमएसओ पहली बार प्रयोग करने पर यह ब्लैडर में काफी हलचल पैदा करता है और वास्तव में अगर देखा जाए तो ब्लैडर की पीड़ा इस के शुरुआती उपयोग करने के बाद बहुत बढ़ जाती है! और मूत्र त्याग करने की संख्या में भी वृद्धि हो जाती है! लेकिन उपचार की उत्तरावस्था में यह धीरे-धीरे ठीक होने लगता है और इस के लक्षणों में काफी सुधर हो जाता है!

हस्तमैथुन मुट्ठ मारने से क्या नुक्सान है- HastMaithun Se Kya Nuksan Hota Hai Hindi Me

हस्तमैथुन को मुठ मारना भी कहा जाता है, (Hastmaithun ko muth marna bhi kaha jata hai) आजकल अधिकतर जगहों पर युवाओं में ये भ्रान्तिया फैलाई जा रही है की हस्तमैथुन से कोई भी नुक्सान नहीं होता बल्कि इससे बहुत लाभ होता है! तो आइये जानते है की:

हस्तमैथुन के क्या नुकसान हो सकते है? Hastmaithun Ke Kya Nuksan Hai?

पिछले कुछ दशको से अधिकतर युवाओं में देखने में आ रहा है! की इससे होने वाली समस्याओ से ग्रसित रोगी युवाओं की संख्या दिनों-दिन बढती जा रही है!
  • पहले तो आप ये जान ले की अधिकतर मामलो में सेक्सोलोजिस्ट, हॉस्पिटल और वैध के पास जाने वालो में 18 से 30 साल की उम्र के वो युवा होते है जो अक्सर हस्तमैथुन अर्थात मुठ मारते है! 
  • पिछले कुछ दशको से हमारे देश में सेक्स को बहुत अधिक मात्रा में प्रचलित किया जा रहा है! और लोग इसके नुक्सान को नजर अंदाज करते हुए सेक्स का हमेशा मजा लेना चाहते है! जो खतरनाक होता जा रहा है!
  • विज्ञापनों में अधिकतर हस्तमैथुन के कारण शरीर को हुए नुकसान के रोगीयो से सम्बंधित प्रचार ही होते है!

लडको को हस्तमैथुन से होने वाले नुक्सान

अक्सर हस्तमैथुन करने से शरीर इसका आदि हो जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति रोजाना या दिन में कई बार करने लगता है! हस्तमैथुन करने से हथेली की मजबूत पकड़ और उसकी गर्मी की वजह से लिंग में समय के साथ मोटापन विकसित नहीं हो पाता! मुठ मारने से लिंग में हल्का या थोडा भी घर्षण लगने पर अक्सर इसमे उत्तेजना होने लगती है! 30-35 साल की उम्र तक पहुचते पहुचते लिंग में तनाव आना कम होने लगता है, धातु रोग हो जाता है!

अधिक हस्तमैथुन करने वाले युवको में अक्सर देखा गया है की आगे चलकर उनके लिंग में तनाव आना बहुत कम हो जाता है! युवक स्त्री के समक्ष ज्यादा देर टिक नहीं पाते है! और पलभर में ही शांत हो जाते है! अधिक मात्रा में करने से 22 से 27 साल की उम्र में ही धातु रोग होने की सम्भावना 90% तक बढ़ जाती है!
  • अधिक मात्रा में मुठ मारने वाला युवक अक्सर बिस्तर में महिला को संतुष्ट नहीं कर पाता है! शास्त्रों में इसीलिए भ्रमचर्या के पालन के बारे में जोर दिया गया है!
  • मूत्र त्याग के समय लिंग से धातु चिपचिपे और तारयुक्त प्रदार्थ के रूप में गिरने लगता है! जो धातु रोग की निशानी है!
  • युवा अक्सर स्खलन से समय लिंग को दबाकर रोकने की कोशिश करते है जो जिससे लिंग की नसे और लिंग को बहुत नुकसान पहुचता है! स्खलन को कभी रोकना नहीं चाहिए!
  • अधिकतर हस्तमैथुन करने वाले युवको को आगे चलकर लिंग में स्खलन के बाद दर्द का अनुभव होता है और एक बार स्त्री से सम्भोग करने के बाद दोबारा उसमे उत्तेजना आने में कई घंटे लग जाते है!

उपाय और बचाव क्या है?

  • कामोत्तेजना अगर अधिक परेशां करे तो अपना ध्यान अच्छो किताबो को पढने में या किसी दुसरे काम में लगाए!
  • आयुर्वेद के अनुसार कामोत्तेजना अधिक होने पर 3 चम्मच धनिया रात में पानी में भिगोकर सुबह पानी छानकर एक बार रोज पियें! कुछ समय तक ये प्रयोग जरूर करें जरूर लाभ होगा!
  • हमेशा कामुक विचारो से बचे और उत्तेजक बातों पत्र- प्रतीकाओं व फिल्मो से दूर रहे! 
  • व्यायाम और ताड़ासन करें! पंजो के बल खड़े होकर अपने हाथ सीधे ऊपर की तरफ खीचे इससे बहुत लाभ होगा!
  • फ़ास्ट फ़ूड, पिज्जा, बर्गर, मसालेदार, तीखा इत्यादी भोजन व सेवन करने से भी उत्तेजना बढती है! अगर फिर भी आपको उत्तेजना अधिक महसूस होती है, तो आप कभी-कभी (महीने में एकाध बार, ) हस्तमैथुन का सहारा ले सकते है!

इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस महिलाओं का दुखदाई रोग है- Interstitial Cystitis IC Painful Disease of Ladies Girls in Hindi

35 साल की रचना कई दिनों से अपने योनी प्रदेश में दर्द महसूस कर रही थी, इस दौरान उसे बर्बर मूत्र त्याग करने की इच्छा भी होती थी! कभी कभी पीड़ादायी सहवास की स्थिति से भी उसे गुजरना पड़ता था उसे को इस परेशानी ले बढ़ने पर उसे किसी ने युरोलोजिस्ट से मिलने की सलाह दी, जहाँ जाने पर उस का पूरा चेकअप करने पर डॉक्टर ने उसे' इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस' यानि (आईसी) से पीड़ित बताया!

इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस कष्टकारक रोग स्त्रियों Interstitial Cystitis IC Painful Disease

देखा गया है की महिलाएं लम्बे समय से ब्लेडर कंडीशन से पीड़ित है, जिसे इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस कहते है, यह पेनफुल ब्लेडर सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है! इस बारे में जब जीवराज मेहता अस्पताल अहमदाबाद के यूरोलोजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर नागेन्द्र निश्रा से बातचीत की गई तो उनका कहना था की "कुछ बिमारियों में डायग्नोसिस (Diagnosis) काफी मुश्किल होती है, इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस उन में से एक है,
'आई सी' से पीड़ित महिला की कार्य श्रमता में कमी, नींद में अनियामीतता व जीवन में अरुचि उत्पन्न होने लगती है!

एक समय था जब लोगो को उने के यौन प्रदेश में होने वाले निरंतर दर्द का कारण काल्पनिक या अवसाद ग्रस्त होना बताया जाता था, लेकिन अनुसन्धान के बाद इस समस्या को अब आईसी के रूप में चिन्हित किया गया है, आईसी से सम्बंधित मामलों में चिकित्सको को जो बात सब से अधिक चुनौतीपूर्ण लगती है वह है, रोग के कारणों की अज्ञानता और किसी विशिष्ट डायग्नोसिस टेस्ट का न होना, इस रोग को अक्सर यूरीन ट्रैक इन्फेक्शन के साथ मिसडायग्नोस किया जाता रहा है!

यदि आईसी का पता नहीं लगाया जाता है और माकूल इलाज नहीं किया जाता है तो इस से महिलाओं में निश्चित रूप से कार्य श्रमत में कमी, नींद में अनियमितता, पारंपरिक देखभाल के प्रति अनिच्छा और सामान्य पारिवारिक सामाजिक जीवन में घोर अरुचि का लक्षण प्रकट होता है! आईसी के विषय में सब से महत्वपूर्ण बात यह है की इस बीमारी का इलाज है, समुचित सुचना परामर्श और सहयोग के जरिये रोगी आईसी की पीड़ा से आराम पा सकते है!

इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस के लक्षण और इलाज के उपाय- Interstitial Cystitis IC Treatment and Diagnosis in Hindi

सुन्दर संतान प्राप्त करने के लिए To Have Beautiful and Healthy Baby Try this Remedy

हर स्त्री और पुरुष चाहते है की उन्हें सुन्दर और तेज दिमाग वाली संतान की प्राप्ति हो और वो एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे जिससे उसे किसी भी प्रकार का रोग न सताए!

Sundar Santan Prapt Karne Ke Liye Upay Karen


इसके लिए नव दम्पति कई प्रकार के उपाय अपने की कोशिश भी करते है लेकिन उन्हें सफलता तभी मिल सकती है जब वो उपाय सही हो और कोई नुक्सान पहुचने वाली न हो! में आज आपको ऐसे ही कुछ अचूक और आसान उपाय बता रही हूँ, और आप अपनी समस्या के लिए ये उपाय जरूर करें!

  • 1 ग्राम असली वंशलोचन चूर्ण को रोज रात में सोने से पहले लेना चाहिए! ऐसा नित्य पहले 3 से 4 महीने तक दूध के साथ नियम से लेने पर बच्चा सुन्दर, स्वस्थ और तेज दिमाग वाला पैदा होता है!
  • बच्चे की माँ का स्वस्थ भी अच्छा रहता है और शरीर ताकतवर बनी रहती है! और माँ को गर्भपात का डर भी नहीं रहता है!
  • साथ में यदि नारियल की गिरी और मिश्री के साथ चबाकर खाई जाए तो बच्चे का रंग गोरा होगा और बच्चा सुन्दर व तंदरुस्त होगा! ऐसा करने से माँ के शरीर में होने वाली कमजोरी भी दूर होगी!
  • गर्भवस्था के समय रोजाना भोजन करने के बाद सौंफ खाने पर बच्चा गौरवपूर्ण उत्पन होता है!
  • गर्भवती स्त्री 60 ग्राम ताजे अंगूरों का रस रोज दिन में 2 बार लेती है तो उसका शिशु बलिष्ठ, सुन्दर, और स्वस्थ उत्पन्न होता है! और बच्चे की माँ को होने वाली परेशानिया जैसे की सुजन, अफारा, कब्ज, मूर्छा, चक्कर आना, और दातों में दर्द होना जैसी तकलीफें नहीं होती है!
  • अगर स्त्री नित्य नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाती है तो बच्चे का रंग साफ़ व गोरा होता है और स्त्री भी स्वस्थ रहती है! 

बुढ़ापा दूर रखने और यौवन की रक्षा के लिए अचूक उपाय- Budhapa Aur Jawani Banaye Rakhne Ka Achuk Upay

अक्सर लोग यौवन और जोश में कमी के लिए परेशान रहते है कई प्रकार की अंग्रेजी दवाइयों का सेवन भी करते है लेकिन कुछ समय तक के लिए तो फायदा मिल जाता है, लेकिन बाद में फिर वही परेशानी हो जाती है! तो आइये सीखते है इस परेशानी से कैसे निपटा जाए और इसके लिए क्या अचूक उपाय किया जाए!


Agar Stri va mahila sathi ko chute hi Shighrapatan Ho Jata Hai 

  • आवंलो के मौसम में नित्य प्रातः व्यायाम या भ्रमण के बाद दो पके पुष्ट हरे आवंलो को चबाकर खाएं और यदि इस प्रकार कच्चा आवंला न खा सकें तो उनका रस दो चम्मच और शहद दो चम्मच मिलाकर पीयें! जब आवंलो का मौसम न रहे तब सूखे आवंलो को कूट-पीसकर कपडे से छानकर बनाया गया आवंलोका चूर्ण तीन ग्राम (एक चम्मच की मात्रा से ) सोते समय रात को अंतिम वास्तु के रूप में शहद में मिलकर या पानी के संग लें!

इससे होने वाले लाभ

इस तरह तीन-चार महीनो तक प्रतिदिन आवंलो का प्रयोग करने से मनुष्य अपनी काया-पलट कर सकता है! निरंतर प्रतिदिन सेवन करने से भूख और पाचन-शक्ति बढ़ जाती है, गहरी नींद आने लगती है, सिरदर्द दूर हो जाता है, मानसिक हो जाते है, कांटी ओज और तेजविता की वृद्धि होती है ओर मनुष्य बुढ़ापे में भी जवान बना रहता है! आवंलो में रोग-निरोधक गुण होने के कारण स्वतः ही रोगों से बचाव होता है और मनुष्य सदैव निरोग रहकर लम्बी आयु प्राप्त करता है!

विशेष ध्यान रखने योग्य

  • आवंले के प्रयोग के साथ सात्विक भोजन करें! 
  • आवंला एक उच्च कोटि का रसायन है! यह रक्त में से हानिकारक और विषैले पदार्थों को निकालने और वृद्ध मनुष्य को पुनः जवान बनाने में सक्षम है! इसके नियमित सेवन से रक्त-वाहिनियाँ लचकीली बनी रहती है और उन की दीवारों की कठोरता दूर होकर रक्त का परिभ्रमण भली होने लग जाता है! रक्त-वाहिनियों में लचक बनी रहने के कारण मनुष्य का ना तो हर्दय  फेल होता है, ना ही उच्च रक्तचाप का रोग होता है और न ही रक्त का थक्का बन जाने से रुकावट के कारण मस्तिष्क की धमनिया फटने पाती है!
  • आवंलो के निरंतर सेवन से रस, रक्त, मॉस, मेद, अस्थि,  मज्जा और शुक्र इन सब धातुओ व मलीन परमाणुओं का प्रवेश हो जाता है! रक्त वाहिनियाँ बुढापे में भी लचकीली बनी रहती है, चेहरे की झुर्रियां दूर हो जाती है और मनुष्य व्यद्धावस्था में भी नवयुवक की भांति चुस्त और ताकतवर बना रहता है!

शीघ्रपतन का कारण और इसका इलाज बिना दवा के- Premature Ejaculation Best Treatment in Hindi

शीघ्रपतन की समस्या आज लगभग हर पुरुष की समस्या है, और पुरुष इस समस्या के समाधान के लिए कई प्रकार की दवाए भी लेते है! दवाइया उन्हें अक्सर कुछ समय के लिए ही मदद कर पाती है! इसका प्रमुख कारण और वजह क्या है और इससे केवल पुरुष ही प्रभावित होते है या महिलाये भी? आइये जानते है इससे जुड़े कुछ जरूरी तथ्य और समाधान...



शीघ्रपतन क्या है? What is Premature Ejaculation?

जब कोई पुरुष शारीरिक संबंधो के समय अपने चरम पर पहुचने से पहले ही लिंग पर नियंत्रण खो कर देता है और उसका शीघ्र ही वीर्यपात हो जाता है तो उसे शीघ्रपतन कहते है! ऐसा होने पर औरत और मर्द दोनों चरमोत्कर्ष और प्यार का सुख नहीं ले पाते है! और लड़के की पार्टनर असंतुष्ट रह जाती है व पुरुष को कुंठा और निराशा होने लगती है! दोनों के लिए प्यार के वो पल बुरा स्वप्न जैसे हो जाता है!
पुरुषो की सेक्स से जुडी आम समस्या है और अधिकतर लोग इससे परेशान और जूझते हुए देखे जाते है!

शीघ्रपतन क्यों होता है और इसकी प्रमुख वजह क्या है? Reason of Premature Ejaculation

अक्सर शीघ्रपतन की मुख्या वजह शारीरिक कम मानसिक ज्यादा होती है! लोगो में दोनों या दोनों में से कोई भी एक समस्या हो सकती है!
ज्यादातर अनुभवहीन और नव युवा और वयस्कों को इस समस्या से अधिक ग्रसित देखा जाता है! जो लड़के व व्यस्क सेक्स की शुरुआत कर रहे होते है उनके दिमाग में अक्सर बिस्तर पैर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने का डर अधिक होता है!

जबकि इसमे अनुभव की अधिक जरूरत होती है और युवाओ की उम्र बढ़ने के साथ साथ वो इसमे ठीक और अच्छा प्रदर्शन करने में माहिर हो जाते है! लेकिन फिर भी जरूरी नहीं की इसमे वो कामयाब होंगे ही!
क्योकि इसके पीछे मानसिक वजह भी होती है और अक्सर धार्मिक और सामाजिक प्रष्ठभूमि होती है! जहाँ सेक्स को लेकर हौवा अथवा डर होता है! जिससे युवा मानसिक रूप से उलझनों से गुजरता है! और वह बहुत तनाव, निराशा भर जाता है और अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है! शारीरिक संबंधो में बुरा अनुभव भी उसे परेशान कर सकता है!

इस समस्या का कारण युवक के लिंग के उपरी भाग का अधिक संवेदनशील होना, कोई लम्बी बीमारी अथवा लम्बे समय से किसी दवाई का सेवन, अधिकतर समय शारीरिक संबंधो के बारे में सोचना या लड़की के जनन अंगो के बारे में सोचना, कोई चोट लगना, मानसिक बिमारी, ड्रग्स, या शरीर में हार्मोन से जुडी समस्या का होना भी हो सकता है! जिसके कारण व्यक्ति में दिलचस्पी और आकर्षण का अनुभव ना होना हो सकता है!

शीघ्रपतन से बचने के लिए क्या कर सकते हैं? What is the Best Cure

अधिकतर मामलो में व्यक्ति स्खलन की समस्या से बचने लिए इस पर नियंत्रण विकसित करना सीख कर इस समस्या से निजाद पा सकता है! विश्राम, अथवा ध्यान बांट कर भी इस परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है! सबसे कारगर तरीका आपस में समन्वय और स्खलन गति में परिवर्तन के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है!

आप जैल, क्रीम, व कंडोम का प्रयोग करके भी शीघ्रपतन में कमी ला सकते है! इनसे आपको संवेदनशीलता में कमी होती है जो इस समस्या में कारगर होती है!

शीघ्रपतन दोनों पार्टनर के लिए बड़ी समस्या- Problem for Both Partners

शीघ्रपतन किसी भी लड़के और उसकी प्रेमिका, अथवा पत्नी  के लिए बहुत बड़ी समस्या व किसी बुरे सपने की तरह हैI व्यक्ति जब किसी दबाव अथवा पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने की सोच के साथ सेक्स करता है तो उसे इसमे नाकामयाबी मिलती है और उसे इसमे आनंद का अनुभव नहीं हो पता है दोनों पार्टनर्स को असंतुष्ट ही रहना पड़ता है जिससे उनमे कुंठा, बेचैनी, गुस्सा, लड़ाई झगडा होने लगता है!

पुरुष को अपने पर्त्ने के सम्मुख ग्लानी होने लगती है और वो शारीरिक संबंधो से बचने की कोशिश करने लगता है! वो अपने साथी को संतुष्ट न कर पाने और इसका भरपूर आनंद न दे पाने के कारण मानसिक रूप से परेशान और दुखी होकर भटक जाता है!

समस्या पुरुषों तक ही सीमित नहीं- Women also Face Premature Ejaculation

एक रिसर्च के अनुसार बताये गए परिणमो का कहना है की ये समस्या स्त्रियों को भी तकलीफ देती है और उन्हें भी इस समस्या से लड़ना पड़ता है! लगभग 40% महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार चरम सुख प्राप्त नहीं कर पाती है, जबकि 3 फीसदी महिलाओं ने पुरुषो की तरह शीघ्रपतन की समस्या से जूझने का दावा किया है!

विभिन्न रोगों का देसी और अचूक इलाज आयुर्वेद से- Desi Aur Achuk Ilaaj

रोग छोटा हो या बड़ा लेकिन हर मर्ज की दवा आयुर्वेद और जड़ी बूटियों में है! और जड़ी-बूटियों के इस जादुई असर को ही ध्यान में रखकर ही वैध हकीमों ने इन्हें अपनाया है और रोगग्रस्त व्यक्तियों को ठीक भी किया है! ये कम खर्चीला, कम जोखिम भरा और आसानी से सर्व सुलभ होता है!


गले का संक्रमण-Throat Pain and Ellergy

गले के संक्रमण से अक्सर लोग परेशान रहते है इससे राहत पाने के लिए मुलहटी के चूर्ण को पान (ताम्बुल) (Take Mulahti Churn and keep it in between Pan leaf) के पत्ते में रखें और फिर दांतों के नीचे दबाकर रखे और धीरे-धीरे चूसते रहें!ऐसा करने से जल्द ही गले के संक्रमण में आपको आराम मिलेगा और धीरे-धीरे दर्द के साथ संक्रमण भी ठीक होगा! This easy and simple desi cure will reduce all your throat pain and allergy withing some days.

कफ बुखार-Cough Fever

अगर आपको कफ़ के साथ बुखार आ रहा है तो इस रोग से राहत पाने के लिए मदार के पके हुए पत्ते (कोपलें) को आग में जलाकर भस्म कर लें! और फिर  490 मिलीग्राम भस्म को शहद में मिला ले और रोजाना सुबह व शाम के वक़्त खाने से कफ़ ज्वर एकदम ठीक हो जायेगा! (मदार का पौधा आसानी से कही भी  मिल सकता है! इसे अर्क, अथवा अक्वन भी कहते है!
(Take Madaar leaf and burn it then use 490 Milligram its Rakh (राख) now mix honey it and take daily in the morning and evening. Surely within some days all your cough-fever will be cured.)

पेट में दर्द-Stomach Pain

पेट में दर्द हो तो सफ़ेद चन्दन को घिसकर 20 ग्राम के करीब नाभि में डालें! कांसे की कटोरी को नाभि पे रखकर सीकाई करने पर पेट की जलन और दर्द ठीक हो जायेगा! (Thke white sandal wood (chandan) 20 Gram and pour it on your nabhi (नाभि). If you are feeling higher pain then take a boul of kansa (कांसे की कटोरी)  and rub it slowly on your naabhi. Doing this all your pain will be cured.

मलेरिया बुखार-Maleria Bukhar

इस बीमारी को ख़तम करने के लिएतिलसी के पौधे का बहुत महत्वा है! (Take 11 Black Tulsi leaf) काली तुलसी के 11 पत्ते लेकर काली मिर्च के साथ मिलकर उसका काढ़ा बना ले और फिर इसका सेवन करेंऐसा करने से इसमे आराम होगा. अपामार्ग (लटजीरा) की जद को राशम के कपडे से अपने हाथ की भुजा पर बंधे फायदा मिलेगा!

पेट फूलना-Pet Foolna

अगर पेट फूलता हो तो 5 ग्राम अजवायन के चूरन को 5 ग्राम शहद में मिलकर चाटें या नीम के हरी पत्तियों को साफ़ करके उसका रस पी लें. जल्द ही आराम होगा! (take 5 gram Ajwayen Churn with some salt within some minutes you must get relief from stomach acidity)

पेट में कीड़े-Pet Me Keede Hone Par

5 ग्राम वायविडंग के चूर्ण को 5 ग्राम शहद में मिलकर खाएं या नीम के हरी पत्तियों को साफ़ करके उसका रस पी लें. जल्द ही आराम होगा! (Mix 5 gram Vayavidang Churn in honey and eat or drink Neem leaf juice within some minutes you must get relief )

अर्श अथवा खुनी बवासीर का इलाज- Bloody Piles Cure

अगर खुनी बवासीर का रोग हो गया है तो दूब का रस में 50 ग्राम चीनी मिलकर या फिर नागकेसर 10 ग्राम चीनी के साथ मिलकर लें जल्द ही आराम मिलेगा! (Use 5 gram morning doob with 50 gram sugar or take nagkesar with 10 gram sugar it will cure all your piles disease)

दमा का इलाज-Asthma Treatment

100 ग्राम अलसी(तीसी) को आग में भुनकर उसमे 5 ग्राम पिसा हुआ खाने वाला गोंद मिलाये और फिर शहद मिलकर आग पे पका लें! और रोज 4 बार इसे खाएं! और आलू का परहेज करें!

सर्दी जुखाम का इलाज-ColdTreatment

थोडा सा कपूर खाए और सूंघे कोल्ड में आराम मिलेगा! (Eat some kapoor and inhale it also you must get relief)

स्वप्नदोष का कारण और इलाज Treatment of Nightfall and Reason in Hindi

स्वप्नदोष क्या होता है!

स्वप्नदोष वह रोग है जब वीर्यपात बिना मैथुन क्रिया को अवस्था में हो जाता है! निद्रा में वीर्यपात हो जाए तो उसे 'स्वप्नदोष' कहते है! बहुत से युवक रत भर तथा सोते समय स्त्री के बारे में सोचते है तथा तरह-तरह की सेक्स सम्बन्धी बातें सोचते रहते है! परिणाम यह होता है की लिंग उत्तेजित हो जाता है! जिससे वीर्य निकल जाता है! इसका व्यावहारिक रूप देखने से यह बात सामने आती है की स्वप्न दोष हमेशा रात्रि के पिछले प्रहार में होता है! निद्रा के प्रथम समागम के अनंतर में निद्रा की प्रगाढ़ता अल्प बल होती जाती है! तथा हमेशा 3 से 4 बजे तक हीगहरी नींद रहती है!

नींद में व्यक्ति जब स्वप्न की अवस्था में होता है! तब ठीक यही समय स्वप्नदोष का होता है! स्वप्नदोष की तीव्र और अधिकतम अवस्था में स्वप्नदोष की अधिकता होने पर एक ही रात में व्यक्ति को 3 से 4 बार भी हो सकता है! दरअसल ये रोग एक मानसिक रोग है और इसके होने के कई कारण हो सकते है!



स्वप्नदोष के क्या कारण होते है?

जब कोई व्यक्ति किसी सुन्दर युवती या स्त्री के रूप योवन को बार-बार याद करता है और उससे काम वासना के बारे में सोचता है और स्त्री से शारीरिक संबंद बनाने के बारे में हमेशा सोचता है (जो इस बीमारी का मुख्या कारण है!) तो उसका नींद में ही स्वप्न में वीर्यपात हो जाता है!

स्त्री या लड़की के बारे में बात करने या लड़की के बारे में अधिक सोचना 

किसी नायिका के हाव-भाव और गुणों की बातें करना जिससे काम वासना या शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचने की वजह से दिमाग में जब अधिक गहरी तक समां जाता है तब उसे सम्बन्ध बनाना अच्छा लगता है और अश्लील व कामोत्तेजक कहानिया, उपन्यास या फिर सेक्स से सम्बंधित बाते करना, चोरी छुपे किसी स्त्री और पुरुष के योन सम्बन्ध देखना और याफिर अश्लील फिल्मे देखना व्यक्ति को इस बीमारी तक पंहुचा देता है! हस्त मथुन भी इस रोग का एक बड़ा कारण होता है!

 स्वप्नदोष से बचने के उपाय! How to get safe from nightfall?

जो व्यक्ति अधिक मात्र में अश्लील और कामुक विचार करता है, पोर्नो-ग्राफी और अश्लील विषयों पर अधिक सोचता है, सिगरते, शराब, नशा, अधिक तली हुई चीजो का सेवन करता है बाजार से अदिकतर भोजन करता है और मसालेदार व तीखा खट्टा अधिक मात्रा में खाता है तो इस रोग में बढ़ोतरी होती है! अधिक मसाले और तीखा भोजन शरीर में कामुक उत्तेजना को बढ़ाते है! व्यक्ति इन सभी बुरी आदतों और दोषों से दूर रहे इसलिए भारतीय समाज में इस दोष कहा गया है! ये सभी कार्य शरीर में विभिन्न प्रकार के सोच और बिमारिय उत्पन्न करते है!

(Nightfall )स्वप्न-दोष का इलाज क्या है? Treatment of Nightfall

  • गिलोय शीतलचीनी, सफ़ेद मुसली, कतीरा गोंद, प्रवाल पिष्टी और शिलाजीत एन सबको लगभग 10-10 ग्राम ले!
  • शीतल वांग 5 ग्राम
  • भीमसेनी कपूर और केसर 1-1 ग्राम लेकर सभी को बारीक़ पीस ले और पिसे हुए औषधियों को कपडे से छान ले और बादकी की दवाएं भी पीसकर उसमे मिला लें! 
  • उसके बाद गुलाबजल के साथ केसर डाल कर उसमे लघाग 2 ग्राम की गोलिया बना कर रख लें!

दवाई कैसे खाए?

रोजाना सुबह और शाम 1 -1 गोली गिलोय के रस से या फिर शहद के खाएं! इससे स्वप्नदोष जड़ समेत ख़तम हो जायेगा और इससे प्रमेह जैसी बिमारिया भी एकदम ठीक हो जाती है!

रोग का इलाजः - अनेकों बार की तरह में फिर यही कहूँगा कि कारण का निवारण ही सच्चा इलाज है।इसके अलावा
सतगिलोय, शीतलचीनी,सफेद मूसली,कतीरा गोंद,सत शिलाजीत और प्रवाल पिष्टी सब 10-10 ग्राम,शीतल वंग 5 ग्राम,औऱ भीमसेनी कपूर व केशर 1-1 ग्राम लेकर सभी अण्डर लाइन औषधियों को अलग करके बारीक चूर्ण कर कपड़छन कर लें तथा अन्य दवाऐं भी अलग बारीक करके डाल लें ।फिर गुलाबजल के साथ खरल करें।फिर केसर डाल कर घोटें और चौथाई-2 ग्राम की गोलियाँ बना लें।
मात्रा- एक एक गोली प्रातः सांय गिलोय के स्वरस के स्वरस और शहद के साथ सेवन करें। स्वपनदोष दूर करने में व प्रमेह के अनेक उपसर्गों में लाभकारी है
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लुकोरिया सफ़ेद पानी आना का सफल और अचूक उपाय- Leucorrhoea Treatment in Hindi

ये समस्या अक्सर लडकियों और स्त्रियों को परेशान करती है इसमे कमर और दुसरे अंगो में दर्द की समस्या भी होती है शरीर में कमजोरी, थकान महसूस होती है और रोगी को डिप्रेसन भी हो सकता है! रोगी को काम करने में कठिनाई होती है!
Vaginal discharge or Leucorrhoea problem basically affect on women body, Generally almost every women face this problem once in her life. They feel pain in back and other parts of body, they feels tired, weakness, and sometimes they become depressed also and patient could not easily manage her daily routine work while facing this trouble.


सफ़ेद पानी का आना- Vaginal Discharge

Safed Pani Ki Samasya ka Achuk Ayurvedic Ilaj
  • बढ़ की दाढ़ी (बड के पेड़ में लटकने वाली जड), कीकर की फली, सफ़ेद रल, ढाक की कडी, चिकनी सुपारी, लाजवंती, अभ्रक भस्म, कुक्टांग त्वक भस्म प्रत्येक 10 ग्राम!
  • गोजेवान, इसबगोल की भूसी,चोबचिनी प्रत्येक 5 ग्राम!
  • सबके बराबर देसी खांड लें!
ये सभी वस्तुए आसानी से किसी भी रसोई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बिकने वाली दूकान पर मिल सकती है!

दवाई बनाने की विधि- Remedy To make Leucorrhoea Medicine

ये मेडिसिन बनाना बहुत ही सरल है ऊपर बताई गई सामग्री को लेकर पीस ले!
  • सबको कूट-पीसकर छान लें
  • 10 ग्राम सुबह-शाम को दूध के साथ खाएं! 
  • तीन सप्ताह में ही सफ़ेद पानी आना समूल नष्ट हो जायेगा

ये आजमाया हुआ और पूरी तरह हानि रहित है!इसके इस्तेमाल से स्त्रियों की ये समस्या एकदम ठीक हो जाती है और कोई हनी भी नहीं होती या प्रयोग शतप्रतिशत सुरक्षित और अचूक है! आप इसका इस्तेमाल करके लाभ उठा सकते है!

खुनी बवासीर का इलाज Bloody Piles Treatment Using Home Remedies in Hindi

दोस्तों बहूत लोग बवासीर रोग से बहुत परेशान रहते है ये रोग पुरुष और स्त्री दोनों को सामान्य रूप से परेशान करता है! मै आज आपको इसका सरल और आसान आयुर्वेदिक उपाय बता रही हूँ!


Khuni Bawasir ka Safal Achuk Ayurvedic Ilaj

खुनी बवासीर का इलाज- Bloody Piles Treatment

(Bloody Piles Treatment & Home Remedies) इस रोग के इलाज में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं निम्न मात्रा में लें!
  • नाग केसर, कबाब चीनी, गोखरू प्रत्येक 20 ग्राम!
  • त्रिफला चूर्ण 60 ग्राम!
  • मिश्री 20 ग्राम!

 दवाई बनाने की विधि- How to make piles medicine using Ayurveda 

Collect all given remedies and make their mixture to take 5 grm daily morning and evening with cow milk or got milk
ऊपर दिए गए समस्त पदार्थो को ले और सबको कूट-पीसकर छान ले! उसके बाद 5-5 ग्राम सुबह व शाम को गाय या बकरी के दूध से लें! इसके साथ ही;
  • रीठे की भस्म 20 ग्राम
  • कत्था सफ़ेद 20 ग्राम
  • लोह भस्म 2 ग्राम
  • सुखी मूली का चूर्ण 20 ग्राम

सबको कूट पीस ले!  1-1 ग्राम सुबह-शाम मक्खन में मिलाकर चाटकर ले! ऊपर से एक गिलास दूध पी लें! 3 सप्ताह में ही खुनी व बादी बवासीर जड से नष्ट हो जाएगी!


make a mixture to all the given remedies and take 1 gram in the morning and evening with butter and take a glass of milk after taking it. you will see that within a week all your bloody piles disease has treated.

भोजन में क्या खाएं?

अपना भोजन हो सके तो हल्का और साधारण ही रखे, इस रोग में भूलकर भी तेज मसाले, तीखा भोजन नहीं  खाएं! हरी सब्जियाँ, दूध-दही इत्यादी ठंडी चीजो का सेवन करें!
take green food and do light exercise and avoid chilly and food made by using enough masala. become habitual of eating cold and light food.
  • दही
  • खिचडी
  • दूध
  • डबलरोटी
  • हरी सब्जियां, आदि

भोजन में क्या नहीं खाएं?

बवासीर में निम्न पदार्थो का सेवन बिलकुल बंद करना चाहिए और बाहर की बनी चीजों को नहीं खाएं! जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, मोमोज, चाउमीन, पानीपूरी इत्यादी!
Don't eat pizza, burger, momoz, panipuri, chawmin etc. and avoid food made roadside or street foods.
  • खटाई का प्रयोग मत करे!
  • लाल मिर्च का इस्तेमाल बिलकुल ना करें!
  • तेज मसाले भी हो सके तो बंद कर दें!
  • चाय पीना बंद कर दें!
  • गुड गरम होता है इसे भी प्रयोग न करें!
  • मॉस व शराब बिलकुल भी न खाएं!


सर्दियों के लिए टॉप 10 नया फेस पैक- Top 10 New Face Pack For Skin in Hindi

दोस्तों सर्दियों में स्किन के ड्राई होने की समस्या आप अक्सर महसूस करते होंगे और इससे बचने लिए कोई न कोई क्रीम आपने भी आजमाई होगी आज मै आपको कुछ ख़ास Home Made Natural Face Pack फेस पैक के बारे में बताउंगी जो आपकी इस समस्या का समाधान कर देगी!

Top 10 Beauty Tips - Twacha Ko Sundar, Gora Aur Khila-Khila Banye


Who don't want to be look Pretty and beautiful? I think everyone want to have beautiful look and if your body skin is soft, glowing and shinny then you must be look pretty, beauty and charming always.

Here are given "Home Made Simple and Natural Skin Face Pack" for your skin. mostly in winters season our skin become very dry and dull. If yours skin is also dry and dull then try any tips given here. This face pack have no side effect its complete natural and very easy to made. you can easily make it at your home without any extra efforts.



ड्राई और रुखी स्किन के लिए टॉप 10 फेस पैक- Face Pack For Dry And Dull Skin

  • पपाया फेस पैक: पपाया के गुदा बड़े काम का होता है, इसके गुदे को मसलकर आप अपने चहरे की स्किन पर लगायें और उसे 10 मिनट के बाद धो लें!
  • ग्रेप्स स्किन फेस पैक: अंगूर को छीलकर उसे अच्छी प्रकार मसल लें और फिर उसे अपने चेहरे पर लगा कर लगभग 20 मिनट के बाद हलके गरम पानी से धो ले आपका चेहरा खिल उठेगा!
  • स्ट्राबेरी फेस पैक: इसे छीलकर मसल ले और फिर इसका पेस्ट बना कर अपने चेहरे पर लगा लें, और कुछ देर में चेहरा हलके हाथो से धो लें! 
  • मिल्क क्रीम फेस पैक: दूध की मलाई अपने चेहरे पर हाथो पर और पैरों की स्किन पर अच्छी प्रकार लगा लें और फिर सूखने के बाद उसे धो ले!
  • कोकोनट मिल्क फेस पैक: मिक्सचर में नारियल के तुक्रे काटकर पीस लें और फिर उसका दूध निचोड़ कर लगभग 15 मिनट बाद चेहरे को धोले!
  • हनी फेस पैक: 2 चम्मच शहद में एक चम्मच गुलाब जल मिला ले और फिर उसे चेहरे पर लगाये
  • लेमन जूस: एक चम्मच शहद और एक चम्मच निम्बू का रस मिलकर अपने चेहरे पर लग्यें उसके 10-15 मिनट बाद पानी से धोले!
  • एलोवेरा जेल: ताजे एलोवेरा (ध्रत्कुमारी) के जेल को चेहरे पर लगा कर उसे 10-15 मिनट तक लगा कर रखे और फिर चेहरा पानी s धोकर साफ़ कर लें!
  • कैरट-हनी स्किन पैक: गाजर के रस में शहद की कुछ मात्र मिला कर उसे फेस पर लगाए और फिर १० मिनट के बाद उसे धोकर साफ़ कर लें!
  • आलमंड आयल: बादाम के तेल में दूध की मलाई अच्छी प्रकार मिला कर उसे चेहरे पर लगा लें, और फिर उसके 15 मिनट के बाद चेहरा धोलें!

बीमारी से बचाव के अचूक उपाय- Best Tips To Get Healthy Life in Hindi

Top Tips to Get Disease Less Life with Safe and Healthy Body.

  • भूख से थोडा कम खाएं जिस से अपच न हो!- Do not eat just under the indigestion from hunger !
  • दस्त की इच्छा होने पर रोकें नहीं अन्यथा कब्ज के स्थायी मरीज बन सकते है do not stop if you feel Diarrhea or constipation otherwise you could be a permanent patient.
  • घुटने शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिन्हें रस्सी कूदने, उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने, हाई-हील के जूतों से नुक्सान पहुचता है! सब से ज्यादा घुटनों को नुक्सान पहुचता है मोटापे से क्योकि अधिक वजन को ढोना तो घुटनों को ही पड़ता है अतः वजन संतुलित रखें! Knee is a very important organ of the body, It used to walk, rope jump , running on rough roads , high heel shoes creates the maximum problem to the knee. over weighted body do the maximum damages to the knees. So, It is necessary to keep your weight under balanced.


  • लगातार आँखों का कार्य करें तो बीच बीच में आंखे बंद कर करके विश्राम दें! अंगडाई ले तथा ठन्डे पानी की पट्टी रखें! Give the proper rest to the eyes while you are working on the computer or doing any other work, take breaks and close your eyes for 1-2 minutes in the middle of your work. keep cold wet water cloth on the eyes.
  • शूगर के मरीज रक्त सम्बन्धी नियमित व्यायाम कर के शूगर से बच सकते है! Sugar patient could be save from blood related disease it they do regular exercise.
  • अपने एवं परिवार के लिए समय निकालें, पैसे की दौड़ में इतना आगे ना निकल जाएँ की परिवार पीछे छूट जाएँ!  Get the time for your family don't run behind the money madly.
  • फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, तैयार फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें खासतौर पर छोटे बच्चे! Avoide Fast food, junk food, prepared food, and cold drinks etc particularly younger children.
  • पैर हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिन्हें अधिकतर नजरंदाज़ किया जाता है, इन की समुचित देखभाल करें! पैरों में बिवाई न फटने दे, पैर हमारे शरीर को इधर-उधर ले जाते है! इस में वे बहुत अधिक श्रम करते है अतः उन को ठन्डे जल में भिगो कर सेंक करे और आराम पहुचने के लिए मालिश करें! Our feet is very important part of our body which is mostly ignored, proper care of these now! Chilblains may not burst in the legs , feet carry around in our body. Our feet do lots of hard work, so you should keep it in cold water for some minutes and do massage to get relax.
  • कोई भी बिमारी होने पर नियमित चेकप कराएँ, लारवाही गंभीर प्रभावों को मौका देती है!
  • आधुनिक समय की बीमारियों जैसे, शूगर, मोटापा, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक से बचने के लिए रेशेदार भोजन, फल, अंकुरित अनाज, दूध का सेवन करें!  Do regular checkup to get safety life from any disease and don't give a chance to any disease to affect your body. such as sugar, obesity, blood pressure. To avoid heart attack take high fiber foods, fruits, sprouts, and take milk.
  • बच्चों को नियमित रूप से टीके लगवाएं तथा उन्हें हर काम के लिए टॉफी का लालच देना बंद करें! Equip regularly vaccinated to children and give them all the temptations of the candy off to work !
  • बच्चों को पुलिस एवं डॉक्टर की सुई का डर ना दिखाएँ, कई बार बच्चे इसी वजह से जीवन भर पुलिसे एवं डॉक्टर से डरते है! Do not afraid of police or doctor's injection to the kids, sometimes the child is afraid of the doctor and police lifetime.
  • लगातार बैठने का काम को तो बीच-बीच में उठ कर वार्मअप करें, अंगडाई लें, थकान नहीं लगेगी! Do some warmup and stretch exercises if you continuously do sitting work, Warm up and stretch.
  • एड्स एवं सेक्स सम्बन्धी बीमारियों से बचने के लिए असुरक्षित यौन सम्बन्ध टालें एवं कंडोम का उपयोग करें! To avoid AIDS and sexual diseases use condoms.

तनाव कम करे Get Relaxed

  • तनाव हमारी जिंदगी में कई तरह से घुसपैठ करता है! don't take mantle stress
  • विशेषज्ञों के अनुसार तनाव कम करने के लिए रोज कम से कम 30 मिनट उस कार्यकलाप को करने में लगाए जिसे करने में आप को बहुत आनंद आता हो! Continuous do your favorite work at least for 30 minutes on daily basis. It will make your body stress less. 
  • तनाव लेन में गुस्सा सब से अहम् भूमिका निभाता है! stress makes a lead role to increase your angreynes.
  • गुस्सा आने पर स्वयं को शांत करने के लिए १० तक गिनती गिने! Count up-to 10 if you are feeling angry.
  • उन लोगो से दूर रहे जो आप के तनाव को बढाने में जिम्मेदार बनते है! avoid to people who makes you restless and stressful.

प्रदुषण से खुद को बचाएं- Keep Safe Yourself From Pollution.

  • घुएं रहित वातावरण से दूर रहना यदि आप के लिए संभव नहीं है तो कम से कम अपने घर के अन्दर धुवाँ रहित वातावरण बना तो सकते है! Try to make your home pollution free if you can't be live in pollution free society of weather.
  • हाई ट्रेफिक एरिया में जाने से बचें, संभव हो तो सड़क के किनारे बने घरों में न रहें! don't go in heavy traffic and don't live in rode side or corner homes.
  • एक्सरसाइज के लिए भीड़-भाड़ भरे स्थानों को न चुने! get the peaceful place for a exercise.
  • घर के बाहर एक्सरसाइज तभी करें जब प्रदुषण कम हो! do exercise only when there is no pollution on tat place.
  • घर के आसपास पेड़-पौधे लगायें जिस से प्रदुषण की मात्रा में कमी आए! Grow some trees around your home to get pollution free place.

पीरियड्स में डाइट प्लान कैसा हो? Diet Chart During Periods in Hindi

पीरियड्स के दौरान पेट दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द के साथ ही कमजोरी का भी एहसास हो सकता है पीरियड्स में ये परेशानिया आम होती है लेकिन कई स्त्रियों और लडकियों के लिए एक बड़ी समस्या होती है उन्हें अधिक दर्द और परेशानिया झेलनी पड़ती है!

Although all women suffers the pain during their periods in their entire life such as abdominal pain , hip pain, back pain, etc. these problems are normal but in some girls and women's this problem come in higher level and this pain becomes a big trouble for them.

आपकी लाडली बेटी या आप को इन तकलीफों को झेलना न पड़े, इसके लिए जरूरी है के आप को पीरियड्स के वक़्त खान-पान और डाइट प्लान कैसा हो ये आपको पता हो!


डाइट प्लान इन पीरियड्स - Diet Chart During Periods

  • अर्ली मोर्निग: 1 ग्लास हल्का गरम पानी + 3 निम्बू का रस + 3-4 खजूर लें! 
    Early Morning: 1 Glass warm water + 3 Lemon Juice + 3-4 dates\

नाश्ते में क्या खाए - Break Fast Food

  • सुबह का नाश्ता/ ब्रेकफास्ट: 2 अंडा/ 1 ग्लास दूध (1 चम्मच अलसी का पाउडर मिला हुआ ) + रागी का चिला ले और साथ में बेसन ओट्स+ पुदीना या हरी धनिया की चटनी!
    Breakfast: 2 eggs/ 1 glass milk, (1 spoon mixed Alsi powder) + Ragi's Chilla with Besan oats + Podina or Hara dhaniya chatni.
  • ब्रेकफास्ट आप्शन 2: 1 प्लेट पोहा ले सकते है (आयरन के लिए टमाटर और निम्बू का रस लेना न भूलें)
    Breakfast Option 2: Take 1 plate Poha ( take lemon and tomato juice for Iron).
  • ब्रेकफास्ट आप्शन 3: 2 अंडे + स्टफ्ड परांठा/ पनीर परांठा
    Breakfast option 3: 2 Eggs and stuffed parantha or Paneer Parantha.

 मिड मोर्निंग में क्या खाए?- Mid Morning 

  • मौसमी फल + 1 चम्मच तिल + 2-4 मुनक्का
    Seasonally Fruit :1 spoon til + 2-4 Munakka

दोपहर के खाने में क्या खाएं?- Lunch

  • 2-3 रोटी (गेंहू के आटे से या फिर रागी के आटे से बनी रोटी)+ 1 कटोरी सब्जी लें (रसेदार हरि सब्जी, जैसे: तुरई, बैंगन, परवल, आलुमटर, कद्दू इत्यादी)+ 1 कटोरी दाल और दही लें+ 1 बाउल सलाद खाएं (सलाद में बीटरूट+ शिमला मिर्च, टमाटर, लाल पत्तागोभी इत्यादी खाएं)
    2-3 Roti (wheat flour and Ragi flour made bread and roti) + 1 bowl vegetable such as Ridge , eggplant , Parwal , Alumtr , pumpkin , etc.)+ 1 bowl salad, eat lentils and yogurt ( + capsicum salad beetroot , tomatoes , red cabbage , etc.
  • 2-3 चिकन या फिश के टुकड़े
    2-3 chicken or Fish pieces

रात के  भोजन में क्या खाएं? -Dinner

  • 2 रोटी (गेहू और रागी के आटे से बनी) + 1 कटोरी सब्जी+ 1 कटोरी दाल  या 1 बाउल पलक+ ओनियन खिचड़ी + 1 कटोरी दही/1 अंडा
    Bread made ​​from wheat and ragi wheat + 1 bowl of vegetables + 1 bowl daal + Onion t + 1 bowl of yogurt or 1 bowl lid / 1 egg.
  

अपेंडिक्स के कारण लक्षण और इलाज के उपाय- Appendix Symptoms And Treatment in Hindi

अपेंडिक्स का दर्द बारिश में बढ़ जाता है खतरा

अपेंडिक्स का खतरा अक्सर बरसात के मौसम में बढ़ जाता है क्योकि इस मौसम में हवा में नमी की मात्र अत्यधिक बढ़ जाती है! और ये मौसम बक्टेरिया के और वायरस के संक्रमण के लिए काफी उपयुक्त मणि जाती है! और अपेंडिक्साईटिस के मामले अधिक देखने में आते है! अतः अधिक साफ़ सफाई से इ कोई भी चीज खाए पिए और साफ़ सफाई काउचित देखभाल रखें!

अपेंडिक्स हमारे शरीर ने मौजूद एक 4 से 5 इंच लम्बी और एक बंद नाली के सामान होती है! ये छोटी आंत  और बड़ी आंत के जोड़ ( जॉइंट ) पर स्थित होती है! तथा पेट के नीचे की तरफ दायीं ओर स्थित होती है!
इंसान के विकास चक्र में अपेंडिक्स जो पहले मानव शरीर में पूँछ के रूप में हुआ करती थी की अब कोई भी उपयोगिता शरीर में नहीं रह गई है! और विकास चक्र में अब इसका केवल कुछ ही भाग हमारे शरीर में रह गया है! हो सकता है के मनुष्य के विकास चक्र में आगे चलकर अपेंडिक्स हमारे शरीर से गायब हो जाए!


क्या है अपेंडिक्साईटिस

अपेंडिक्स के संक्रमण को अपेंडिक्साईटिस कहा जाता है, जहाँ पर अपेंडिक्स से सेकम की ओपनिंग होती है उसमे जब कोई बाधा या अवरुद्ध हो  जाता है तब अपेंडिक्साईटिस की शुरुआत होती है! यह म्यूकस के जमाव के कारण उत्पन्न हुए व्यवधान की वजह से हो सकता है या फिर मल के सेकम के जरिये अपेंडिक्स में पहुच जाने के कारण हो सकती है! मुकास या मल के कडा होने से ओपनिंग ब्लाक हो जाती है जिससे कारण अपेंडिक्स में बेक्टीरिया जो पहले से ही अपेंडिक्स में होते है वो अपेंडिक्स के दिवार को संक्रमित कर देते है और अपेंडिक्स में सुजन आने लगती है तथा इस संक्रमण को ही अपेंडिक्साईटिस खा जाता है!

अपेंडिक्साईटिस के क्या कारण है!- Causes of Appendicitis

अपेंडिक्साईटिस लिम्फोइड फोलिकल के आकर में बढ़ोतरी होने या किसी प्रकार की चोट लगने के कारण भी  हो सकता है! इसमे किसी रुकावट के आने पर बेक्टेरिया तेज गति से बढ़ने लगते है और इससे अपेंडिक्स में पस बनने लगता है और अधिक दबाव बढ़ने पर उस स्थान की रक्त की नलिकाएं भी दब सकती है!
any Injuries can be a cause of appendicitis. Bacteria grows faster if any interruption comes into limfoed folical appendicitis.

लक्षण को कैसे पहचाने- How To know the Symptoms of Appendix

अपेंडिक्साईटिस होने पर निम्न प्रकार के लक्षण नजर आते है!
  • पेट में नीचे दायीं ओर दर्द होना! Having pain in lower right side of stomach
  • भूख में कमी या भूख नहीं लगना!- Loss of appetite
  • उब्काई आना या जी मचलना- Feeling dizziness
  • उलटी होना-Vomiting
  • कब्ज होते रहना- Having constipation trouble
  • डायरिया की समस्या होना- Problem of diarrhea
  • हल्का बुखार रहना- Mild fever

दर्द कैसे शुरू होता है? Starting pain in stomach

पेट में हल्क्की मरोड़ होने से इसकी शुरुआत होती है, ऐसे बहूत ही कम मामले देखने में आयें है की इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होने के 24 घंट के भीतर अपेंडिक्स फट गया हो! 80 प्रतिशत मामलो में 48 घंटों में दिखाई दिए गए अपेंडिक्स के मामलो में लगभग 80% लोगों में अपेंडिक्स फट जाता है! ऐसा होने पर ये खतरनाक हो सकता है!
people feels About 80 people who are surviving with this problem their appendix burst and it becomes dangerous. This starts with stomach cramps.

सर्जरी ही उपाय है! Appendix Treatment by Surgery

सर्जरी के जरिये ही अपेंडिक्स के संक्रमण का इलाज और समाधान किया जा सकता है! Surgery is only the treatment and protection of appendix.
  • पारंपरिक इलाज के अनुसार इसमे एक बडा और लम्बा कट लगाया जाता है 
  • लेप्रोस्कोपी (इस तरीके मे 3-5मिलीमीटर तक के छेद किये जाते है और शरीर के भीतर एक दूरबीन के जरिये देखा जाता है! इस प्रक्रिया में लगभग 1 दिन लग जाता है!

शूगर के लक्षण और इलाज व खतरे- Diabetes Symptoms, Treatment and Risk Factors

कुछ साल पहले तक शूगर बड़ी उम्र के व्यक्ति की बीमारी ही समझी जाती था! लेकिन अब डायबिटीज रिसर्च सेण्टर के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज 16-25 साल तक के युवा और लोगो में बड़ी तेजी से फैलती देखी जाने लगी है!


डायबिटीज कैसे होती है- Reason of Diabetes Disease

डायबिटीज की बीमारी अग्नाशय द्वारा उचित व पर्याप्त मात्र में इन्सुलिन न बना पाने के कारण होती है या फिर जब हमारा शरीर पर्याप्त मात्र में जरूरत के अनुसार इन्सुलिन का उपयोग ठीक प्रकार से नहीं कर पाता है तो शूगर की समस्या उत्पन्न हो जाती है! इंसुलीन एक प्रकार का हार्मोन होता है जो शरीर की शर्करा को पूरी तरह नियंत्रित करता है! शूगर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है इसकी मुख्य वजह इसके की इसके लक्षण लगभग 15-20 प्रतिशत मरीजो में नजर नहीं आते है!
Diabetes disease is also called silent killer because it's risk levels are hard to find in about 15 t- 20% patients. this disease occurs when our body becomes to fail to control insulin hormone in the body. Insulin hormone controls sugar level in the body.

खतरा (रिस्क फैक्टर) क्या है- What are the Risk Factor

  • अनुवांशिक कारण हो सकते है जैसे पता अथवा पिता को डायबिटीज होना
  • लगातार काफी समय से तनाव में रहने पर- lives in depression for long time.
  • शराब या अल्कोहल का नियमित सेवन करना- taking alcohol regularly.
  • शरीर में भोजन व पोषक पदार्थो की कमी होना- taking lower quantity of food according to the body and lack of healthy food.

शूगर व डायबिटीज के लक्षण- Symptoms of Diabetes

  • बार-बार मूत्र त्याग का मन होना ! feeling many times to pass the urine
  • शरीर का वजन कम होना अथवा मोटापा अधिक होना!- decreasing or increasing weight
  • बार-बार प्यास लगना! feeling low level of water in the body.
  • पैरों में व पिंडलियों में दर्द महसूस होना!- feeling pain in the leg.

शूगर का उपचार क्या है- Treatment of Diabetes or Sugar

  • मोटे लोगो व अधिक वजन वाले लोगो और परिवार में अगर किसी दुसरे सदस्य को मोटापे और अधिक वजन की समस्या हो और ये बीमारी हो तो उन्हें समय समय पर अपने शरीर का शूगर लेवल का जाँच करना चाहिए! check your sugar/diabetes level if your weight is higher then normal level.
  • अपना वजन नियंत्रित रखे और उम्र के हिसाब से नियंत्रित रखें!- control your weight and note all its measure points.
  • तनाव में ना रहें! don't live in depression.
  • थोड़े थोड़े अंतराल पर कुछ ना कुछ थोरा-थोरा खाते रहे! इससे डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है eat something on every 2 to 3 hours. It helps to maintain and control sugar level.
  • भोजन को डाइट चार्ट के अनुसार ही ले! take your food according to the diet chart.