पहले अक्सर महिलाओ को ही गर्भवती ना होने पर जिम्मेदार माना जाता तथा लेकिन अब ऐसा नहीं है, किसी महिला के गर्भवती नहीं हो पाने पर इसके पीछे कई दूसरी वजहें भी हो सकती है! केवल स्त्री ही नहीं पुरुषो में भी प्रजनन से सम्बंधित समस्या भी हो सकती है! अतः इसके लिए दोनों की प्रजनन सम्बन्धी समस्याएँ बराबर जिम्मेदार होती है!
संतान को जन्म देने के लिए पति-पत्नी दोनों का इस लायक व सक्षम होना बेहद जरूरी है! अन्यथा गर्भ धारण करना संभव नहीं हो पायेगा, पुरषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या, गति और आकार एक तय मानक के अनुसार होना बेहद जरूरी है! और अगर ऐसा नहीं होता है तो शुक्राणु वे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) में सक्षम नहीं हो पाते हैं जिसके कारण गर्भ नहीं ठहर पता है!
एक शोध के अनुसार अधिकतर नि:संतान दंपतियों के लगभग 30% मामलों में इस प्रकार की समस्या समस्या देखने में आती है! गौरतलब है की पुरुषों में हर रोज लाखों की मात्रा में शुक्राणुओं का जन्म होता है अर्थात निर्माण होता है और यह प्रक्रिया बिना किसी बढ़ा के व रुके हमेशा चलती रहती है!
पुरषों के शरीर में शुक्रानुओ को पूरी तरह से विकसित होने में 75 दिन का समय लगता है! और अगर इस बीच किसी कारण से शुक्राणु क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उस स्थिति को सुधरने में तकरीबन उतना ही और समय लग जाता है!
अतः इसके लिए प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की है कि शरीर के जिस भाग में शुक्राणुओं का निर्माण होता है, उसका तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कम रहे! इसीलिए उसने पुरुषों में अंडकोष शरीर के अन्दर न होकर शरीर के बहार होता है! जिससे अंडकोष का तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कुछ डिग्री तक कम ही रहे, और यदि किसी वजह से अगर शरीर का तापमान बढ़ जाता है तो शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है!
हम आपको आज कुछ ऐसे वजहों के बारे में बताते है, जिनके कारण पुरषों के शरीर के अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है, जिससे उनके शरीर में शुक्राणुओं के निर्माण में बाधा आने लगती है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है!
गर्भधारण के लिए जरूरी क्रिया- Important point for Pregnancy
Garbh Dharan Karne Ke Liye Jaroori Kriyaसंतान को जन्म देने के लिए पति-पत्नी दोनों का इस लायक व सक्षम होना बेहद जरूरी है! अन्यथा गर्भ धारण करना संभव नहीं हो पायेगा, पुरषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या, गति और आकार एक तय मानक के अनुसार होना बेहद जरूरी है! और अगर ऐसा नहीं होता है तो शुक्राणु वे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) में सक्षम नहीं हो पाते हैं जिसके कारण गर्भ नहीं ठहर पता है!
शुक्रानुओ के बनने की प्रक्रिया में बाधा - Problems during the Development Process of Sperms
कई बार कुछ बाहरी कारणों की वजह से शुक्राणुओं के बनने की प्रक्रिया में परेशां व बाधा आने लगती है! जिससे पुरुषो की प्रजनन श्रमता कमजोर पद जाती है और वो प्रजनन नहीं कर पाते है!- Shukranuo Ke Banne Ki Prakriya Me Badha Utpanna Hona
एक शोध के अनुसार अधिकतर नि:संतान दंपतियों के लगभग 30% मामलों में इस प्रकार की समस्या समस्या देखने में आती है! गौरतलब है की पुरुषों में हर रोज लाखों की मात्रा में शुक्राणुओं का जन्म होता है अर्थात निर्माण होता है और यह प्रक्रिया बिना किसी बढ़ा के व रुके हमेशा चलती रहती है!
पुरषों के शरीर में शुक्रानुओ को पूरी तरह से विकसित होने में 75 दिन का समय लगता है! और अगर इस बीच किसी कारण से शुक्राणु क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उस स्थिति को सुधरने में तकरीबन उतना ही और समय लग जाता है!
- Adhik Tapmaan Se Shukranuo Ke Banne Me Baadha Aati Hai
अधिक तापमान से शुक्राणुओं के बनने की प्रक्रिया बाधित होती है! शुक्राणुओं के बनने के लिए निश्चित अनुकूल तापमान 35 डिग्री सेल्सियस है! जबकि मानव शरीर का तापमान होता है 37 डिग्री सेल्सियस!
अतः इसके लिए प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की है कि शरीर के जिस भाग में शुक्राणुओं का निर्माण होता है, उसका तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कम रहे! इसीलिए उसने पुरुषों में अंडकोष शरीर के अन्दर न होकर शरीर के बहार होता है! जिससे अंडकोष का तापमान शरीर के तापमान से हमेशा कुछ डिग्री तक कम ही रहे, और यदि किसी वजह से अगर शरीर का तापमान बढ़ जाता है तो शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है!
हम आपको आज कुछ ऐसे वजहों के बारे में बताते है, जिनके कारण पुरषों के शरीर के अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है, जिससे उनके शरीर में शुक्राणुओं के निर्माण में बाधा आने लगती है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है!
लैपटॉप का प्रयोग: laptop ka Prayog- Use of Laptop
- Laptop ko apne pairo va jangho par lekar (god me rakhkar) estemal karne par bhayank parinam ho sakte hai.
यदि कोई व्यक्ति हमेशा लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर काम करता है तो, इस आदत को जितनी जल्दी हो सके छोड़ देने में ही भलाई है अन्यथा परिणाम दुश्कारी हो सकते है!
लैपटॉप को हमेशा ही टेबल या डेस्क पर रखकर काम करना चाहिए! इसकी आदत डाल लें! अन्यथा लैपटॉप की गर्मी से व्यक्ति के अंडकोषों का तापमान अत्यधिक बढ़ जायेगा और शुक्राणुओं के निर्माण होना भी रुक जायेगा! घ्यान रखे!!
पुरषों में अन्डकोशो का तापमान 1% भी अगर बढ़ जाता है तो भी परेशानी खड़ी हो सकती है! इसलिए सावधान हो जाइये! अन्यथा आपकी संतान प्राप्ति की चाहत पूरी नहीं हो पायेगी और आप पिता नहीं बन पाएंगे!
हॉट बाथ टब में स्नान: Hot Bath Tub: Garam Pani Se Nahane Ka Tub
अगर आपको गर्म पानी के टब में नहाने की आदत है या उसमे बैठकर स्नान करते है तो भी ये खतरनाक है! यदि आप 30 मिनट या उससे अधिक समय तक गर्म पानी के टब में नहाते हैं तो शुक्राणुओं का निर्माण बंद हो जायेगा! और यदि आप इस तरह से नहाना बंद कर देते हैं तो शुक्राणुओं के निर्माण की प्रकिया फिर से शुरू हो जाएगी अर्थात प्रक्रिया सामान्य हो जाएगी!
तेज बुखार होना: High Fever- Tej Bukhar Ki Shikaya Hone Par
यदि आप किसी भी बीमारी के कारण तेज बुखार के शिकार हो जाते है, तो भी आप पर वही बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो हॉट टब में नहाने से होता है! वर्ष 2003 में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार हमेशा तेज बुखार के बाद शुक्राणुओं की संख्या 35% तक कम हो जाती है!
इसके अतिरिक अगर आप धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन करते है तो भी शुक्राणओं की संख्या निरंतर कम होती चली जाती है, और उनका आकार व गति प्रभावित होती है, जिसके कारण निषेचन में शुक्राणु सफल नहीं हो पाते है!
बहूत देर तक किसी कुर्सी, पर बैठना, बाइक, कार या कोई भी गाड़ी देर तक रोजाना चलाना भी शुक्राणु के निर्माण में बढ़ा उत्पन्न कर देता देता है! इसलिए अगर आप देर तक ड्राइविंग करते है या देर तक ऑफिस में बैठकर काम करते है तो सावधान हो जाएँ!
इन बाहरी वजहों के अलावा ऐसे अनेक दुसरे शारीरिक कारण भी हैं, जो शुक्राणुओं के निर्माण या उनकी गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं और पुरुष प्रजनन में अक्षम होते हैं। अतः अगर आपकी पत्नी को गर्भ धारण करने में समस्या हो रही है तो कमी केवल उसमें ही नहीं, आप में भी हो सकती है।
अतः अपनी जांच भी जरूर करवाएं!