हस्तमैथुन को मुठ मारना भी कहा जाता है, (Hastmaithun ko muth marna bhi kaha jata hai) आजकल अधिकतर जगहों पर युवाओं में ये भ्रान्तिया फैलाई जा रही है की हस्तमैथुन से कोई भी नुक्सान नहीं होता बल्कि इससे बहुत लाभ होता है! तो आइये जानते है की:
अधिक हस्तमैथुन करने वाले युवको में अक्सर देखा गया है की आगे चलकर उनके लिंग में तनाव आना बहुत कम हो जाता है! युवक स्त्री के समक्ष ज्यादा देर टिक नहीं पाते है! और पलभर में ही शांत हो जाते है! अधिक मात्रा में करने से 22 से 27 साल की उम्र में ही धातु रोग होने की सम्भावना 90% तक बढ़ जाती है!
हस्तमैथुन के क्या नुकसान हो सकते है? Hastmaithun Ke Kya Nuksan Hai?
पिछले कुछ दशको से अधिकतर युवाओं में देखने में आ रहा है! की इससे होने वाली समस्याओ से ग्रसित रोगी युवाओं की संख्या दिनों-दिन बढती जा रही है!- पहले तो आप ये जान ले की अधिकतर मामलो में सेक्सोलोजिस्ट, हॉस्पिटल और वैध के पास जाने वालो में 18 से 30 साल की उम्र के वो युवा होते है जो अक्सर हस्तमैथुन अर्थात मुठ मारते है!
- पिछले कुछ दशको से हमारे देश में सेक्स को बहुत अधिक मात्रा में प्रचलित किया जा रहा है! और लोग इसके नुक्सान को नजर अंदाज करते हुए सेक्स का हमेशा मजा लेना चाहते है! जो खतरनाक होता जा रहा है!
- विज्ञापनों में अधिकतर हस्तमैथुन के कारण शरीर को हुए नुकसान के रोगीयो से सम्बंधित प्रचार ही होते है!
लडको को हस्तमैथुन से होने वाले नुक्सान
अक्सर हस्तमैथुन करने से शरीर इसका आदि हो जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति रोजाना या दिन में कई बार करने लगता है! हस्तमैथुन करने से हथेली की मजबूत पकड़ और उसकी गर्मी की वजह से लिंग में समय के साथ मोटापन विकसित नहीं हो पाता! मुठ मारने से लिंग में हल्का या थोडा भी घर्षण लगने पर अक्सर इसमे उत्तेजना होने लगती है! 30-35 साल की उम्र तक पहुचते पहुचते लिंग में तनाव आना कम होने लगता है, धातु रोग हो जाता है!अधिक हस्तमैथुन करने वाले युवको में अक्सर देखा गया है की आगे चलकर उनके लिंग में तनाव आना बहुत कम हो जाता है! युवक स्त्री के समक्ष ज्यादा देर टिक नहीं पाते है! और पलभर में ही शांत हो जाते है! अधिक मात्रा में करने से 22 से 27 साल की उम्र में ही धातु रोग होने की सम्भावना 90% तक बढ़ जाती है!
- अधिक मात्रा में मुठ मारने वाला युवक अक्सर बिस्तर में महिला को संतुष्ट नहीं कर पाता है! शास्त्रों में इसीलिए भ्रमचर्या के पालन के बारे में जोर दिया गया है!
- मूत्र त्याग के समय लिंग से धातु चिपचिपे और तारयुक्त प्रदार्थ के रूप में गिरने लगता है! जो धातु रोग की निशानी है!
- युवा अक्सर स्खलन से समय लिंग को दबाकर रोकने की कोशिश करते है जो जिससे लिंग की नसे और लिंग को बहुत नुकसान पहुचता है! स्खलन को कभी रोकना नहीं चाहिए!
- अधिकतर हस्तमैथुन करने वाले युवको को आगे चलकर लिंग में स्खलन के बाद दर्द का अनुभव होता है और एक बार स्त्री से सम्भोग करने के बाद दोबारा उसमे उत्तेजना आने में कई घंटे लग जाते है!
उपाय और बचाव क्या है?
- कामोत्तेजना अगर अधिक परेशां करे तो अपना ध्यान अच्छो किताबो को पढने में या किसी दुसरे काम में लगाए!
- आयुर्वेद के अनुसार कामोत्तेजना अधिक होने पर 3 चम्मच धनिया रात में पानी में भिगोकर सुबह पानी छानकर एक बार रोज पियें! कुछ समय तक ये प्रयोग जरूर करें जरूर लाभ होगा!
- हमेशा कामुक विचारो से बचे और उत्तेजक बातों पत्र- प्रतीकाओं व फिल्मो से दूर रहे!
- व्यायाम और ताड़ासन करें! पंजो के बल खड़े होकर अपने हाथ सीधे ऊपर की तरफ खीचे इससे बहुत लाभ होगा!
- फ़ास्ट फ़ूड, पिज्जा, बर्गर, मसालेदार, तीखा इत्यादी भोजन व सेवन करने से भी उत्तेजना बढती है! अगर फिर भी आपको उत्तेजना अधिक महसूस होती है, तो आप कभी-कभी (महीने में एकाध बार, ) हस्तमैथुन का सहारा ले सकते है!