35 साल की रचना कई दिनों से अपने योनी प्रदेश में दर्द महसूस कर रही थी, इस दौरान उसे बर्बर मूत्र त्याग करने की इच्छा भी होती थी! कभी कभी पीड़ादायी सहवास की स्थिति से भी उसे गुजरना पड़ता था उसे को इस परेशानी ले बढ़ने पर उसे किसी ने युरोलोजिस्ट से मिलने की सलाह दी, जहाँ जाने पर उस का पूरा चेकअप करने पर डॉक्टर ने उसे' इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस' यानि (आईसी) से पीड़ित बताया!
एक समय था जब लोगो को उने के यौन प्रदेश में होने वाले निरंतर दर्द का कारण काल्पनिक या अवसाद ग्रस्त होना बताया जाता था, लेकिन अनुसन्धान के बाद इस समस्या को अब आईसी के रूप में चिन्हित किया गया है, आईसी से सम्बंधित मामलों में चिकित्सको को जो बात सब से अधिक चुनौतीपूर्ण लगती है वह है, रोग के कारणों की अज्ञानता और किसी विशिष्ट डायग्नोसिस टेस्ट का न होना, इस रोग को अक्सर यूरीन ट्रैक इन्फेक्शन के साथ मिसडायग्नोस किया जाता रहा है!
यदि आईसी का पता नहीं लगाया जाता है और माकूल इलाज नहीं किया जाता है तो इस से महिलाओं में निश्चित रूप से कार्य श्रमत में कमी, नींद में अनियमितता, पारंपरिक देखभाल के प्रति अनिच्छा और सामान्य पारिवारिक सामाजिक जीवन में घोर अरुचि का लक्षण प्रकट होता है! आईसी के विषय में सब से महत्वपूर्ण बात यह है की इस बीमारी का इलाज है, समुचित सुचना परामर्श और सहयोग के जरिये रोगी आईसी की पीड़ा से आराम पा सकते है!
इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस के लक्षण और इलाज के उपाय- Interstitial Cystitis IC Treatment and Diagnosis in Hindi
इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस कष्टकारक रोग स्त्रियों Interstitial Cystitis IC Painful Disease
देखा गया है की महिलाएं लम्बे समय से ब्लेडर कंडीशन से पीड़ित है, जिसे इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस कहते है, यह पेनफुल ब्लेडर सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है! इस बारे में जब जीवराज मेहता अस्पताल अहमदाबाद के यूरोलोजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर नागेन्द्र निश्रा से बातचीत की गई तो उनका कहना था की "कुछ बिमारियों में डायग्नोसिस (Diagnosis) काफी मुश्किल होती है, इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस उन में से एक है,
'आई सी' से पीड़ित महिला की कार्य श्रमता में कमी, नींद में अनियामीतता व जीवन में अरुचि उत्पन्न होने लगती है!
एक समय था जब लोगो को उने के यौन प्रदेश में होने वाले निरंतर दर्द का कारण काल्पनिक या अवसाद ग्रस्त होना बताया जाता था, लेकिन अनुसन्धान के बाद इस समस्या को अब आईसी के रूप में चिन्हित किया गया है, आईसी से सम्बंधित मामलों में चिकित्सको को जो बात सब से अधिक चुनौतीपूर्ण लगती है वह है, रोग के कारणों की अज्ञानता और किसी विशिष्ट डायग्नोसिस टेस्ट का न होना, इस रोग को अक्सर यूरीन ट्रैक इन्फेक्शन के साथ मिसडायग्नोस किया जाता रहा है!
यदि आईसी का पता नहीं लगाया जाता है और माकूल इलाज नहीं किया जाता है तो इस से महिलाओं में निश्चित रूप से कार्य श्रमत में कमी, नींद में अनियमितता, पारंपरिक देखभाल के प्रति अनिच्छा और सामान्य पारिवारिक सामाजिक जीवन में घोर अरुचि का लक्षण प्रकट होता है! आईसी के विषय में सब से महत्वपूर्ण बात यह है की इस बीमारी का इलाज है, समुचित सुचना परामर्श और सहयोग के जरिये रोगी आईसी की पीड़ा से आराम पा सकते है!
इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस के लक्षण और इलाज के उपाय- Interstitial Cystitis IC Treatment and Diagnosis in Hindi