क्रोनिक किडनी के लक्षण ट्रांसप्लांट और डायलिसिस : Chronic Kidney Disease in Hindi

क्रोनिक किडनी (Chronic Kidney Disease) के रोगी को बहुत परेशानी होती है! इसमे मरीज को ज्यादा देखभाल और ज्यादा संतुलित तरीके से खान पान चार्ट के अनुसार डॉक्टर के परामर्श से ही लेना चाहिए, शरीर में पानी की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए!
Kidney disease has no cure but regular treatment can reduce the dangerous condition and risk of development of this disease and related problems.

क्रोनिक किडनी (Chronic kidney patients should be careful towards heart disease also as it increases the problems required more cure.)  में व्यक्ति को दिल के रोगों से भी सावधान रहना चाहिए क्योकि उन्हें इसका ज्यादा खतरा रहता है! रोगियों की ज्यादातर म्रत्यु दिल से जुडी बीमारियों के कारण होती है समय पर पता चल जाने से इलाज में आसानी रहती है अन्यथा परेशानी बढ़ जाती है!

Some types of kidney disease can be treated, but generally people thought, chronic kidney disease has no cure. after understand the symptoms and signs it become easy to control and reduce the complication and the progress of disease becomes slow after starting the treatment. If some parts of kidney become damaged, then you my required end-stage treatment.

क्रोनिक डिजीज का पता आसानी से निम्न तरीको से की जाती है - How To Know Chronic Disease

  • यूरीन एलबुमिन - Urine Albumin
  • सीरम क्रीयेटीनिन टेस्ट- Serum Cretinen Test
  • ब्लड टेस्ट - Blood Test

क्रोनिक लीवर की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए? Don't Eat

  • पानी का सेवन जितना कम हो सके उतना कम करे, बेहतर ये होगा के फ्रीज में बरफ जमा करके रखे जब प्यास लगे तो एक बर्फ के टुकड़े को मुह में लेकर घुमाए और बाहर फैंक दे!
  • प्यास लगने पर गीले रुमाल को गले पर रखे!
  • छोटे कप में थोडा पानी ही पिए (drink little water in a smaller cup)
  • खाने में दाल, या तरल (take lower liquid food) पदार्थ खाने से बचे!

 ब्लड टेस्ट: खून की नियमित जाँच जरूरी है? Regular Blood Test

  •  मरीजो को नियमित रूप से हर महीने 2 बार खून की जांच करना चहिये, इससे मरीज के शरीर में उपस्थित हानिकारक तत्वों जैसे की फोस्फोरस, पोटेशियम, क्रीयेटीनिन, ब्लड यूरिया, होमोग्लोबीन इत्यादी की मात्रा का पता चल जाता है!
  • मरीज की स्थिति के मुताबिक ब्लड टेस्ट से ये भी पता चल जाता है के कितनी मात्र में बी-12, आयरन, और PTH मौजूद है और उसी के अनुसार उसके इलाज में मदद मिलती है!
  • किडनी के मरीज को तकरीबन हर 6 महीने में HIV, हेपेटाइटिस-बी-सी (Hepatitis-B and C ), की जांच भी करानी चाहिए! और अगर इनमे से कोई भी बीमारी से किडनी रोगी संक्रमित पाया जाता है तो उसके डायलिसिस के समय अत्यधिक सावधानी की जरूरत पड़ती है और उसके लिए हर डायलिसिस में नए डायलिज़र की जरूर होती है इस सावधानी से दुसरे मरीजो को इस खतरे से बचाया जा सकता है

किडनी ट्रांसप्लांट के क्या नियम है? How To Kidney Transplant

Human Organ Transplant कानून के तहत इसमे उन सभी लोगो की जानकारी होती है जो कोई अंग दान करने के योग्य होते है इसमे एक समिति दान करने वाले के बारे में सारी इनफार्मेशन पर विचार करती है और वीडियोग्राफी भी की जाती है, ट्रांसप्लांट के लिए ब्लड रिलेशन वाले व्यक्ति ही सबसे बेहतर माने जाते है!

डायलेसिस(Dialysis) क्या है और कैसे किया जाता है?

डायलेसिस में खून को साफ़ किया जाता है तथा शरीर में बढ़ने वाले टोक्सिन्स को भी मशीन के जरिये बाहर निकला जाता है, डायलेसिस सामान्यत: 2 तरह के होते है!
Dialysis is a process of blood cleaning in kidney patient and it also release toxins from the body by machines. There are 2 types of dialysis.

किडनी डायलेसिस ट्रीटमेंट - Kidney Dialysis Treatment

  • होमोडायलेसिस - Homo-Dialysis: इस डायलेसिस में 4 घंटे तक लगते है और इसे अस्पताल में ही किया जा सकता है! तथा ये एक हफ्ते में 2 बार किया जाता है जो डॉक्टर्स ही करते है एवं इसे कम या ज्यादा करने का फैसला भी डॉक्टर्स ही लेते है!
  • पेरीटोनिअल- Peritoneal : ये डायलेसिस व्यक्ति अपने घर पर रहकर ही कर सकता है तथा इसे करने के लिए रोगी के शरीर में सर्जरी के द्वारा वोल्व जैसी चीज स्थापित की जाती है! इसके लिए अलग तरह के पानी का इस्तेमाल होता है, डॉक्टर्स मरीज या उसके परिवार में किसी को इसको करने की प्रक्रिया समझा देते है उसके बाद इसे वे खुद घर पर ही कर सकते है! लेकिन इसमे ज्यादा सावधानी की भी जरूरत पड़ती है अन्यथा इन्फेक्शन हो सकता है तथा ये कम खर्चीला भी होता है!

क्या कहते है आंकडे?

  • भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति को इस बीमारी का खतरा रहता है!
  • तकरीबन 70% लोग इस बीमारी का सही तरीके से इलाज नहीं करवाते जबकि बाद में इसके अधिक महंगे होने की वजह से लोग इलाज नहीं करवा पाते है!
  • देश भर में इसके इलाज के महंगे होने के कारण केवल 3500 लोगो का ही ट्रांसप्लांट हो पता है!
  • इस बीमारी से लोगो को जागरूक करने के लिए 12 मार्च को हर साल World Kidney Day घोषित किया गया है!
  • भारत में लगभग 1,50,000 लोगो को किडनी के फेल होने के कारण डायलेसिस या फिर किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है!