स्पाइन ट्यूमर-इलाज में ना बरतें लापरवाही; Spinal Cord Tumor Syndrome in Hindi

स्पाइनल कार्ड पर पूरा शरीर टिका होता है! इस में यदि ट्यूमर हो जाए तो इलाज सर्जरी टी है! और यह जितनी जल्दी करा ली जाए अच्छा है!

Spinal Cord Tumor Syndrome: स्पाइन ट्यूमर से जुडी जरूरी जानकारी: 

धरती पर जितने भी जीव-जन्तु है उन में इंसान ही एक ऐसा प्राणी है जो सीधा खड़ा हो कर चल सकता है! कुदरत ने यह श्रमता किसी और जीव को प्रदान नहीं की है! मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी के साथ अन्य अंग ऐसे जुड़े हैं की वह शरीर को अपनी सुविधानुसार घुमा-फिरा सकता है, इनका द्वारा किये गए सारे दैनिक कार्य शरीर में स्थित 'स्पाइनल कार्ड' द्वारा ही संपन्न होते है!

"Human can walk and stand on 2 legs but, God didn't given this ability to the animals as human, We can move our body parts any where easily according to our preferences and we can do easily all the daily works. But basically we can't do anything without Spinal Cord."



इस प्रथ्वी पर सब से विकसित मानव दिमाग ही है जो सोचता तो अवश्य है पर उसे अंजाम "स्पाइनल कार्ड' ही देता है! Without spinal cord we can't complete any instruction or do any activity given by our mind. नई दिल्ली के 'सर गंगाराम अस्पताल' के नूरो-सर्जन डॉक्टर सतनाम सिंह छाबडा का कहना है, "शरीर में रीढ़ की हड्डी में सुरक्षित "स्पाइनल कार्ड" की भूमिका बिजली के तार द्वारा ही पहुचती है, ठीक इसी प्रकार शरीर के प्रत्येक कार्य को पूरा करने में "स्पाइनल कार्ड की भूमिका प्रमुख है!"

रीढ़ पुरे शरीर का आधार होती है और शेष हड्डिया लाठी के पोरो की तरह एक दुसरे से जुडी होती है! पर रीढ़ की हड्डी लाठी की तरह सीढ़ी ना होकर 33 बर्तिब्रा द्वारा बनी होती है और हर 2 बर्तिब्रा के बीच एक डिस्क होती है! रीढ़ की हड्डी की पिछली तरफ कई छोटे छोटे जोड़ रहते है!  ये डिस्क और जोड़ ही रीढ़ की हड्डी को यह श्रमता प्रदान करते है की हम चारो तरफ झुक सकते है, जैसे शरीर के अन्य अंगो की हड्डिया उम्र के साथ साथ घिस जाती है वैसे ही रीढ़ की हड्डी भी घिस जाती है! कई लोगों में पानी की मात्रा कम होने से डिस्क फैट जाती है तो कमर दर्द रहता है! यह दर्द गर्दन से हाथ की तरफ या कमर से पैर की तरफ जा सकता है!

Spinal Cord Tumors Cancer Causes and Symptoms

डॉक्टर सतनाम सिंह छाबरा का कहना है की अभी तक रीढ़ यानि स्पाइन में ट्यूमर का इलाज काफी कठिन माना जाता रहा है लेकिन आज कई तकनीको के चलते यह आसान हो गया है स्पाइन ट्यूमर में सब से सामान्य वे ट्यूमर है जिस में कैंसर शरीर के किसी और हिस्से में है और ट्यूमर हड्डी में आ कर बैठ गया है! इस में प्रोटेस्ट का कैंसर भी शामिल है! इसे मैटास्टेसिस कहा जाता है! अपने देश में सब से ज्यादा स्पाइन ट्यूमर के रोगी इसी श्रेणी के है! स्पाइन ट्यूमर में कमर-दर्द के अलावा नर्व पर दबाव से पैर में लकवा मार जाने का खतरा भी बना रहता है!
Spine cord tumor affect on nerve system also not affect only on lower back. In this situation patient can feel tingling in the arms and leg.

स्पाइन ट्यूमर के अलावा स्पाइनल कार्ड में ट्यूमर हो सकता है! इस ट्यूमर की ख़ास बात यह है की यह किसी भी उम्र में हो सकता है! इस के इलाज में हड्डी को हटाने के अलावा कीमोथेरपी और रेडियो थेरपी से जितनी जल्दी इलाज हो पाए ठीक रहता है, बाद की स्थिति में रोगी को इस से कोई फायदा नहीं होता है! स्पाइन कार्ड के ट्यूमर का इलाज सर्जरी ही है!
It can be in any age, surgery is only the best option if patient have tumor in his spine cord. In its treatment surgeon removes not only bone but they also do chemotherapy and radio therapy as soon as possible

आज की भागदौड़ वाली इस जीवन शैली में रीढ़ की सब से आम बीमारी पीठ दर्द के बारे में डॉक्टरों का कहना है की पीठ दर्द का सीधा सम्बन्ध रीढ़ की हादी से है! "स्पाइन सोसाइटी ऑफ़ इंडिया" के अनुसार 30 वर्ष से अधिक अवस्था के 10 से 15 करोड़ व्यक्ति देश में पीठ दर्द के शिकार है! यानी आज लगभग 15 करोड़ व्यक्ति देश में पीठ दर्द की पीड़ा को झील रहे है!
More then 10-15 coror peoples are facing back pain in our country and It is important that we should maintain and manage our daily routine to get relief and painless life.

पीठ दर्द से बचने के लिए हालाँकि देश में ऑपरेशन की आधुनिक तकनीक मुहैया है लेकिन सावधानी से अच्छा कोई इलाज नहीं है! पीठ दर्द न हो, ऐसे प्रयास करने चाहिए! इस के लिए एक मुद्रा में बहुत देर तक खड़े न रहे, प्रेस करने, बर्तन धोने व खाना बनाने जैसे काम के समय भी जिस में पीठ झुकानी पड़ती है! बदन की मुद्रा का ध्यान रखें, सीधे झुक कर भारी बोझ उठाने के बजाय घुटनों के बल बैठ कर उठाना ठीक होता है!
हमारे मेरुदंड के प्रत्येक 2 वर्टिब्रा  के बीच में पतली, लचीली झिल्ली या गद्दी होती है जिसे इंटर वर्टिब्रा डिस्क कहते है! इस से मेरुदंड में लचीलापन आता है और ये स्प्रिंग जैसा काम करती है!

कई बार मासपेशियों के असंतुलन अथवा अचानक वजन उठाने से या अचानक शरीर मोड़ने से इंटर-वर्टिब्रा डिस्क के अन्दर की ओर का भाग, जो काफी मुलायम होता है, खिसक कर 2 वर्टिब्रा के बीच के छिद्र की ओर आ जाता है! इस से वहां की नसों पर दबाव पड़ता है और दर्द कमर से लेकर पैर तक कहीं पर भी होने लगता हैं जैसे पैरों में झुनझुनी तथा कमजोरी भी आने लगती है! आजकल स्लिप्ड डिस्क के इलाज के लिए स्पाइनल इंडोस्कोपी जैसी सर्जरी संभव हो गई है!

सब से पहले जानना जरूरी है की पीठ दर्द का कारण क्या है? Causes of Back Pain

पूरी जांच करवाना जरूरी है और आराम करने और दर्द निवारक मरहम लगाने से आम दर्द ठीक हो जाता है!
  • यदि ज्यादा काम करने से पीठ या कमर दर्द हो रहा है तो आराम करने से ठीक हो जायेगा!
  • शरीर को तनाव में न रखे!
  • ज्यादा बोझ न उठाये!
  • कब्ज से बचें!
  • शुरू से व्यायाम की आदत डालें सीढिया चढ़ना और तेज चाल में टहलना अच्छा व्यायाम है!
  • सिर्फ काम ही नहीं, आराम भी करें! बैठने का पोस्चर सही रखें संतुलित आहार लें!
  • भोजन में कैल्शियम वाली सब्जिया शामिल करें! हरी सब्जियां लें, साथ में विटामिन 'डी' लें!