साइनसाइटिस का उपचार आयुर्वेद से- Sinusitis disease and Symptom

मौसम में परिवर्तन होने पर कई तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, इसलिए ऐसे मौसम में जरूरी है के अधिक सावधनी और साफ़ सफाई बरती जाए! ऐसे मौसम में होने वाली बीमारियों में से साइनसाइटिस एक है, इसका इलाज समय पर होना बहुत जरूरी होता है अन्यथा इसके अधिक बढ़ जाने पर नाक का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है!

नाक शरीर का बहुत संवेदनशील अंग है, साइनसाइटिस Sinusitis disease जैसी बीमारिया जो फंगल संक्रमण (fungal infection) के कारण होती है इनके होने का खतरा अधिक होता है! नाक के जरिये सांसो से शरीर में ये रोग पहुच जाता है साइनसाइटस नाक से चारो तरह एक हवा की थैली होती है! नाक से ली जाने वाली साँस इस थैली के जरिये फेफड़ो तक पहचती है! दूषित हवा को ये थैली अन्दर जाने से रोकती है और बलगम के जरिये शरीर से बाहर कर देती है! साइनसाइटिस साइनस में म्यूकस का मार्ग अवरुद्ध होने के कारण होता है!

साइनसाइटिस के क्या लक्षण है? Sinusitis Symptoms

साइनसाइटिस हो जाने पर व्यक्ति को जुखाम महसूस होता है व जुखाम जैसे लक्षण जैसे हल्का बुखार, नाक बंद होना व बहना और नाक के अन्दर खुजली महसूस होना इत्यादि-( below mentioned Sinusitis Symptoms)
  • छोटे बच्चो हल्का बुखार सर्दी के शुरुआत में होती है तो साइनसाइटिस हो सकती है!
  • व्यस्को और बड़े लोगो व्यक्तियों में दिन में सुखी खासी होती है जो इस बीमारी का कारण हो सकती है!
  • रोगी की आवाज भरी या उसकी आवाज में परिवर्तन आ जाता है!
  • सर में भारीपन और नाक से व मुह से बलगम आने लगता है!
  • नाक से पानी बहना, चिंक आना, नाक में खुजली होना सांस लेने में परेशानी महसूस होना जैसी समस्या हो सकती है!

आयुर्वेद से साइनसाइटिस का इलाज Sinusitis Treatment with Ayurveda

आयुर्वेद में इस रोग के इलाज Sinusitis Treatment की वजह कफ का प्रभाव का अधिक होना कारण मन जाता है, इसके प्रभाव को कम करके इसका इलाज किया जाता है! आयुर्वेद में इस रोग का कारण दुष्ट प्रतिशय मन जाता है जो कफ को बढ़ता है जिससे रोगी का श्वसन तंत्र संक्रमित होता है!

क्या उपचार है? Treatment

आयुर्वेद में पंचकर्म को सबसे उत्तम उपाय best treatment बताया गया है, और इसमे सोधाना नास्या* के विशेष तौर पे इस्तेमाल किया जाता है! इसके जरिये साइनस में मौजूद म्यूकस को बंद करके प्रभावित करने वाले सभी कफ बाहर आ जाते है और शरीर को आराम मिलता है! साइनसाइटिस में नम और शुष्क (सूखे) कफ का एक सात इलाज किया जाता है,

सोधाना नास्या*: हर्बल जूस और औषधिय तेलों से बना मिश्रण, धुम्रपान (धुम्रकरण) एवं काबला [विभिन्न औषधियों से बना काढा, जो गरारे के लिए दिया जाता है] के मिश्रण से बनता है ये शरीर में मौजूद कफ के गढ़ेपन को ख़तम करके उसे तरल रूप में बना देता है जिससे वो बाहर आ जाता है! को नास्या कहतेह है!

ये जरूरी बाते भी ध्यान रखे!

  • साइनसाइटिस भोजन में कमी के कारण भी हो सकता है!
  • अनियमित दिनचर्या और खानपान इसके उपचार व इलाज में बाधक हो सकती है, इसलिए उसे नियमित करे!
  • तैलीय पदार्थ, भरी और ठंडा पदार्थ भी खाने से दूर रहे!
  • दिन में सोना नहीं चाहिए!
  • कोशिस करे के अधिक ठण्ड से बचे रहे!