भूलने की बीमारी को बिलकुल न भूले - अल्जाईमर

लोगो में भूलने की बीमारी आजकल बहुत देखने में आ रही है! यह समस्या लोगो में सामान्यतः अल्जाईमर के कारण आती है और यह शुरुआती संकेत है इस बीमारी के! इसमे व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होना शुरू हो जाती है! अभी तक इसका कोई स्थाई इलाज नही ढूँढा जा सका है! यब रोग अन्य बड़ी बीमारियों जैसे शूगर, बीपी (हार्ट डिजीज) को नियंत्रित रखकर भी इसपर काबू रखा जा सकता है!

अब 21 सितम्बर को अल्जाईमर डे के रूप में मनाया जाने लगा है! अल्जाईमर अब बुढ़ापे की बीमारी नहीं रह गई है, शहरो के दूषित वातावरण और खानपान ने बड़ी भूमिका निभाई है! ये बीमारी अब छोटी उम्र में भी दिखाई देने लगी है! पहले इसे 65 साल की उम्र का रोग मन जाता था लेकिन अब ये 30-40 साल की उम्र में भी लोगो को होने लगा है और लोग पहले के मुकाबले अब ज्यादा संख्या में इस बीमारी से पीड़ित हो रहे है!

अल्जाईमर क्या है- What is Alzheimer Disease?

वैसे अल्जाईमर कोई विशेष रोग नहीं माना जाता! डॉक्टर्स इसे लक्षणों का समूह कहते है, लोग इसे भूलने की बीमारी के नाम से जानते है! लेकिन ये केवल भूलने की समस्या नहीं है इसकी वजह से निम्न प्रकार की परेशानिया भी होती है
  • बाहरी लोगो से मिलने जुलने में झिझक होने लगती है
  • कोई भी सामान्य सा काम भी सही ढंग से नहीं कर पाना
  • नई बाते या कार्यो को भूल जाना और याद न रख पाना
  • सामान या कोई कार्य करके अचानक भूल जाना 
  • अपनी भावनाओ को काबू में रखने में परेशानी महसूस होना
  • व्यक्ति के व्यव्हार और स्वभाव में परिवर्तन
ये सभी समस्याए इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में देखने में आती है, दिमाग को नुक्सान पहुचने के कारण ये दिक्कते आती है! व्यक्ति की याददास्त और चरित्र में परिवर्तन होने लगते है तथा वो बोलने में, चाल-ढल में दिक्कत महसूस करता है! इसके अलावा दुसरे लक्षण भी देखने में आ सकते है, लेकिन याददाश्त में फिर भी ज्यादा परिवर्तन नहीं आता है!

अल्जाईमर Alzheimer से पीडित मरीज अक्सर जिस काम को करने के लिए चलता है उसे भूल जाता है,बैंक की स्टेटमेंट, कुछ लिखकर भूल जाना, जल्दी भावुक होना या गुस्सा आ जाना जैसे लक्षण दिखाई देते है! व्यवहार में बदलाव होता है, रोगी शक करने लगता है, किसी पर चोरी करने या मारने का आरोप लगा सकता है! व्यथित और चिडचिडे हो जाते है! अक्सर चुपचाप बैठे रहते है, लोगो से मिलते जुलते नहीं, कई बार रोगी अश्लील या कामुक हरकते भी करने लगता है!
किस रोगी में क्या लक्षण दिखाई देंगे ये कहना मुश्किल है ये दिमाग के किस हिस्से में क्या हानि हुई है उसपर निर्भर करता है!

इलाज बेहद जरूरी है

रोगी का इलाज लक्षणों के आधार परजल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेकर करना चाहिए, डॉक्टर अपने स्तर पर जाँच करके रोगी की स्थिति, लक्षणों और रिपोर्ट के आधार पर रोग और उसके निदान से सम्बंधित कार्य करेगा! कई बार अवसाद या थाइरोइड के कारण भी इस तरह की परेशानिया रोगी को झेलनी पड़ती है! कुछ प्रकार के अल्जाईमर Alzheimer का कोई इलाज तो नहीं है लेकिन दवाओं के जरिये रोगी को आराम मिल जाता है!

रोगी का खान पान कैसा हो?

  • खाने में तेलिये और वसायुक्त भोजन से परहेज रखे
  • बाजार का भोजन न दे
  • व्यायाम जरूर करना चाहिएरोजाना 25 से 30 मिनटपैदल जरूर चले
  •  पूरी नींद 7-8 घंटे सोना भी जरूरी है

उचित देखभाल जरूरी है

इस रोग में व्यक्ति अगर प्रयास करे तो खुद इस पर कुछ हद तक काबू रख सकता है, उसे घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है! लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लेकर उचित इलाज लेना चाहिए, देखने में आया है के महिलाये इस बीमारी से ज्यादा पीड़ित रहती है! इसकी वजह उनका भावुक होना और पुरानी बातो को अक्सर सोचते रहना होता है या याद करना होता है! रोगी को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है!

मरीज को क्रियाशील रखने की कोसिस करे व उसे खुले वातावरण में रखे, कमरा हवादार और स्वस्छ हो, दीवारों पार ख़ुशी प्रदान करने वाली तस्वीरे और अंको वाले कैलेंडर लगे हो, कोशिश करे के उससे हमेशा कोई बात करने वाला हो अकेला न छोड़े, उसे उसकी पसंद कार्य कराये, भोजन देते समय उसे बताये के उसे खाने में क्या दिया गया है! उसे सुरक्षा की भी जरूरत होती है, जरूरी है के हमेशा एक पहचान पत्र उसके पास हो, उससे बाते करे! उसकी कमियों और गलतियों को हमेशा नज़र अंदाज़ करे और कभी डांटे या मारे नहीं व उसका हौसला बढ़ाये!