मधुमेह से बचाव के उपाय और शूगर की बिमारी के कारण -Diabetes Types And Treatment

मधुमेह शरीर में शूगर की मात्रा बढ़ जाने से होता है! इस रोग से पीड़ित हो जाने पर इस का असर हमारे शरीर के दुसरे हिस्सों पर भी पड़ता जिस से अन्य रोग भी हो जाते है!

मधुमेह रोग से पीड़ित हो जाने पर रक्त में ग्लूकोज की मात्र जरूरत से अधिक बढ़ जाती है! रोगी के शरीर में इंसुलीन बनने की प्राकृतिक क्रिया के बंद हो जाने या कोशिकाओ पर इस की क्रिया का असर न होने से शरीर के अंग व टीशुस ग्लूकोज का उपयोग आसानी से नहीं कर पते है! व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओ में इंसुलीन से ग्लूकोज का प्रवेश सुगम हो जाता है और कोशिकाए उपयोग कर सकती है और यह इंसुलीन पेट में स्थित "पैनक्रियाज" में बनता है! इस का रक्त में परिसंचरण लीवर के द्वारा होता है जिस से मस्तिष्क, मांसपेशियां और वसा जैसे विभिन्न ऊतक प्रभावित होते है!

मधुमेह रोग से पीड़ित होने पर शरीर में इंसुलिन या तो बहूत ही कम मात्रा में बनता है या इस का असर हमारी कोशिकाओ पर उचित मात्र में नहीं होता!

मधुमेह मूलरूप से 2 प्रकार का होता है! Types of Diabetes

  • Type1 मधुमेह- जो बहुधा बच्चो में और 20 वर्षो से कम उम्र में होता है! इस में इंसुलिन बनने का कारखाना बंद हो जाता है और रोग से ग्रसित बच्चे को जीवित रहने के लिए इंसुलीन की आवश्यकता पड़ती है!
  • Type2 मधुमेह- यह व्यक्ति की अनियमित जीवनशैली के कारण से होता है जिस में आहार में लापरवाही, बैठे रहने, शरीर का स्थूल हो जाना आदि प्रमुख है!

सच तो यह है की जीवन शैली में नियमित व्यायाम, खानपान में बदलाव तथा वजन को कम कर के मधुमेह के जोखिम को रोका जा सकता है और यहाँ तक की इस से जुडी दिल की बीमारियों से भी बचा जा सकता है!

आहार सम्बन्धी उपाय Diabetes Treatment

मधुमेह की चिकित्सा diabetes treatment करने में खानपान सम्बन्धी उपायों का पालन करना बहुत जरूरी है! खानपान सम्बन्धी सलाह का पालन न किये जाने की स्थिति में इंसुलिन या दवाओ की कितनी भी मात्रा उपयोगी नहीं हो सकती है!

आमतौर से भारतीयों के भोजन में कार्बोहायड्रेट, शाकाहारी खाध्य पदार्थ की मात्रा अधिक होती है और समुद्रतटीय क्षेत्र के लोगो में मछली उपयोग भी किया जाता है! फिर भी मधुमेह के शिकार है तो कारण यही है की उन्हें अपने आहार के बारे में सही ज्ञान नहीं है, उचित योजना तैयार करने के लिए मधुमेह रोगी को किसी आहार विशेषज्ञ से सलाह करनी चाहिए, फिर भी कुछ उपयोग टिप्स आप की जानकारी के लिए यहाँ दिए जा रहे है:
  • भोजन के रूप में ली जाने वाली कुल कैलोरी को धीरे धीरे कम करे, बेहतर तो ये है की प्रति 3 सप्ताह में 5०० कैलोरी कम करे और इसे कब तक कम करते रहे यह भी आप के शरीर के वजन पर निर्भर करता है!

अपनी 'भोजन योजना' (Food Chart) बनाये जिस में अल्प तथा सामान्य आहार को शामिल करे, भोजन डायरी रखे! इस से बड़ी ही मदद मिलती है, खाने में टेल व्यंजनों का सेवन कम से कम करे, चीनी वासा तथा नमक की मात्र भी घटा दे, इस बात का भी ध्यान रखे की वासा आप के ह्रदय व मधुमेह दोनों के लिए नुकसानदायी है! और आप शाकाहारी है तो अपने भोजन में रेशेयुक्त खाद पदार्थ की मात्रा बढ़ा दे, अगर आप माँसाहारी है तो मछली का भरपूर सेवन करे! हाँ वनस्पति का सेवन बिलकुल भी न करे, पकान वाले तेलों का उपयोग भी कम कर दें!

परिवार के हर सदस्य को करीब 1 महीने में आधा किलो से भी कम तेल का प्रयोग करना चाहिए! वैसे ह्रदय रोगियों के लिए कथाकथित तेल जो असंत्राप्त वासा से युक्त होते है, ये भी वासा एसिड होते है! इस के अलावा, ये तेल महंगे भी होते है, इन सब के बजे देशी घी अच्छा रहता है, प्राक्रतिक फल व सब्जियो में एंटी ओक्सिडेंट व खनिज की मात्रा अधिक होती है, जो सेहत के लिए लाभदायक होती है! 'मछली' भी वसा एसिड का शानदार स्त्रोत है, सच बात तो यह है की जो लोग केवल मछली खाना ही पसंद करते है, उन में ह्रदय तथा मधुमेह रोगियों की संख्या बहूत कम या ना के बराबर पाई जाती है!

धार्मिक त्योहारों या पार्टियों में दावतें उडाना बंद कर दे, शराब का प्रयोग करना छोड़ दे क्योंकि इस से भी रक्त में शर्करा की मात्रा भयंकर रूप से बढती है!

मधुमेह होने का खतरा

  • diabetes डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास
  • शरीर का वजन अधिक होना
  • शरीर का वजन लम्बाई के अनुरूप होना चाहिए
  • अधिक बैठे रहने से भी वजन बढ़ता है
  • बचपन में कुपोषण/जन्म के समय कम वजन होना

हानिकारक या खतरनाक वजह

  • मोटापा हाइपर लिपिड़ेमिया
  • उच्च रक्तचाप
  •  ह्रदय सम्बन्धी रोग
  • पेट निकल आए
  • कमर या कुल्हो का बढ़ना भी हानिकारक होता है

व्यायाम भी जरूरी है

शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए शूगर का कम से कम उपयोग करना तथा डायबिटीज को नियंत्रण में रखना चाहिए! सप्ताह में कम से कम 3 बार 20-20 मिनट तक तेज गति से घूमना अच्छा रहता है! यह भी याद रखे की जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना भी नुक्सान कर सकता है!