डायबिटीज़ इलाज का घरेलू उपाय : पत्तो, फलो और सब्जियों से Diabetes Ayurvedic Natural Treatment

कैसे करे घरेलु तरीके से डायबिटीज़ का इलाज-

वैसे तो डायबिटीज़- शूगर को पूरी तरह ठीक करना मौजूदा समय में संभव नहीं है लेकिन किसी भी व्यक्ति को इसे लाईलाज समझ कर कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए! आयुर्वेद के अनुसार (याद रखे आयुर्वेद पद्दति हजारो सालो से हिन्दू धर्म में मानवों किचिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली चिकित्सीय व्यवस्था रही है और पूरी तरह कारगर भी. फल, सब्जी एवं पेड़ पोधो की पत्तिया शरीर में इंसुलीन से प्रयो की श्रमता शरीर में बढ़ने में बहुत सफल मणि जाती है जिससे ब्लड शूगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.

जामुन की पत्तिया-

हिंदुस्तान,ब्रिटेन तथा अमेरिका पाई जाने वाली जामुन की पत्तियों में रक्त के शूगर के स्तर को कम करने में बहुत कारगर साबित हुई है.एन पत्तियों में 'मइरिलिन' नाम का तत्व होता है यह तत्व ब्लड शूगर को कंट्रोल कर सकने में कारगर है. इसकी 4-5 पत्तियों को पीस ले और पानी में मिला कर पी जाए!

नीम की पत्तिया-

नीम की पत्ती शरीर की श्रमता को बढाती है जिससे के शरीर इंसुलीन का इस्तेमाल ढंग से कर पाए. इसके द्वारा डायबिटीज़ कम करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाली दवाओ का इस्तेमाल बहुत कम हो जाता है!
नीम का रस रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच पीने से बहूत लाभ होता है!

तुलसी की पत्तिया-

तुलसी की पत्तिया पेट में अग्नाशय की बीटा - कोशिकाओ के कार्य को सुलभ बनती है जिससे पाचन तंत्र सही तरीके से काम करने में सक्षम हो जाता है! यह इन्सुलिन का उत्पादन सही तरीके से होने लगता है तथा ब्लड सुगर कण्ट्रोल में आ जाता है! अगर डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति रोजाना सुबह अगर खाली पेट 3-4 पत्ते तुलसी की पत्तिया चबाए तो उसके लिए बहूत लाभदायक साबित होगा!

आम की पत्तियाँ-

डायबिटीज़ के पेशेंट को आम का सेवन नहीं करना चाहिए लेकिंग एस्क्ति पत्तिय इसके विपरीत डायबिटीज़ के मरीजो के लिए बहूत लाभकारी होती है क्योकि आम की पत्तियों आंतो की ग्लूकोस को सोखने श्रमता को कम कर देती है जिससे रखत में ग्लूकोस की मात्रा कम हो जाती है! और शूगर नियंत्रित होने लगता है! आम के पत्तो को धुप सुखाकर उसका पाउडर बना ले और पानी में घोलकर भोजन से 1 घंटा पहले पीले!

पपीते के पत्ते-

पपीते के पत्ते एलटी और एसटी एन्जाएम को घटे में सहायक होते है तथा इन्सुलिन की कार्यश्रमता को बढ़ने में मददगार है! जिससे ग्लूकोस जल्दी से उर्जा में बदल जाता है पपीते का इस्तेमाल लीवर बढ़ने पर और, किडनी की बीमारी में भी खतरे को नियंत्रित करने में कारगर मन जाता है! इसे डेंगू होने पर भी इस्तेमाल किया जाता है! सुबह सुबह 8-10 पत्तिया उबालकर पीने से काफी फायेदा होता है!

सब्जिया भी डायबिटीज़ के रोगी के लिए फायेदेमंद है!


करेला-

करेले में पाया जाने वाला कैरेनटीन और मोमोर्डिका जैसे योगिक रक्त में ब्लड शूगर को घटा देते है, करेला खून को शुद्द करने में बहूत बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम है!

कीनू - 

अग्नाशय में इंसुलीन की मात्रा को बढ़ने वाले शरीर में बीटा कोशिकाओ के कार्य को तेज करता है

प्याज और लहसुन-

ADPAS और एलीसिन योगिको के जरिये बॉडी में ब्लड शूगर नियंत्रित करते है!

भिन्डी-

भिन्डी में अल्फ़ा ग्लुकोजीडेज़ इनहीबिटर होते है जो स्टार्च को ग्लूकोस में बदलने से रोकने की श्रमता रखते है!

आवले के बीज-

ये बीटा-कोशिकाओ के जरिये इन्सुलिन के उत्पादन के लिए फायेदेमंद है!